पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में एक बस विस्फोट में 9 चीनी नागरिकों की मौत के बाद बीजिंग का गुस्सा सातवें आसमान पर है। पाकिस्तान में हाहाकार मचा हुआ है। जिस भीषण बस धमाके को पाकिस्तान ने मामूली बताया था, अब चीन के डर से आतंकी हमले से भी इनकार नहीं कर रहा है। इस बीच, बौखलाए चीन ने शुक्रवार को होने वाली चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) की महत्वपूर्ण बैठक टाल दी है। साथ ही, बस में हुए विस्फोट की जांच के लिए अपनी टीम को पाकिस्तान भेजने का फैसला किया है।
सीपीईसी के प्रमुख और पाकिस्तानी सेना के पूर्व प्रवक्ता मेजर जनरल असीम बाजवा ने ट्वीट कर सीपीईसी की बैठक टलने की जानकारी दी। बाजवा ने ट्वीट किया, "सीपीईसी पर जेसीसी-10 की बैठक जो 16 जुलाई को होने वाली थी, उसे ईद के बाद की तारीख तक टाल दिया गया है। नई तारीख तय होते ही साझा किया जाएगा। इस बीच, तैयारी जारी है।"
खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के ऊपरी कोहिस्तान जिले के दासू इलाके में एक बस में भीषण विस्फोट हुआ था। इस क्षेत्र में चीनी इंजीनियर और श्रमिक पाकिस्तान को एक बांध बनाने में मदद कर रहे हैं। यह 60 अरब अमेरिकी डॉलर की परियोजना है, जो सीपीईसी का हिस्सा है। इस बीच, चीन ने मामले की जांच में अपने सहयोगी की मदद करने का फैसला किया है।
ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने गुरुवार को कहा था कि बस में हुए बम विस्फोट की जांच के लिए पाकिस्तान की सहायता के लिए एक क्रॉस-डिपार्टमेंट वर्क ग्रुप भेज रहा है। बता दें कि 14 जुलाई को निर्माणाधीन दासू बांध की जगह पर चीनी इंजीनियरों और श्रमिकों को ले जा रही बस में विस्फोट हुआ था। इसमें 9 चीनी नागरिकों और दो फ्रंटियर कोर सैनिकों सहित कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई और 39 अन्य घायल हो गए। विस्फोट के बाद बस गहरी खाई में गिर गई थी।
अपने नागरिकों की मौत ने बीजिंग को झकझोर कर रख दिया है। पहले तो पाकिस्तान इसे सामान्य घटना बताता रहा, लेकिन चीन की नाराजगी को देखते हुए गुरुवार को पाकिस्तान के सूचना एवं प्रसारण मंत्री फवाद अहमद चौधरी ने ट्वीट किया, "शुरुआती जांच में विस्फोटकों के इस्तेमाल की पुष्टि हुई है। आतंकी हमले से इनकार नहीं किया जा सकता है। मैं और प्रधानमंत्री व्यक्तिगत रूप से घटनाक्रम पर नजर रखे हुए हैं। इस संबंध में सरकार चीनी दूतावास के साथ समन्वय बनाए हुए है। हम आतंकवाद के खतरे से एक साथ लड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"
बता दें कि घटना के घंटों बाद पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने बयान जारी किया था। इसमें कहा गया था कि यह हादसा यांत्रिक विफलता के कारण हुई। दुर्घटना के कारण गैस रिसाव हुआ, जिससे विस्फोट हुआ। पाकिस्तान में चीनी राजदूत नोंग रोंग ने पाकिस्तान से घटना की सच्चाई का पता लगाने और जिम्मेदार लोगों को कड़ी सजा देने को कहा था।
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