कोरोना महामारी ने समाज के हर तबके पर असर डाला है। कला जगत भी इससे अछूता नहीं रहा। कलाकार, विशेष रूप से छोटे कलाकार इससे बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। सार्वजनिक कार्यक्रम प्रतिबंधित होने के कारण कला की मंचीय प्रस्तुतियां बंद हैं। ऐसे में कलाकारों के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है। कला-साहित्य, संस्कृति की संवाहिका है और संस्कृति राष्ट्र की आत्मा। कला भविष्य में आने वाले संकटों से सामना करने हेतु समाज को तैयार करती है। लेकिन जब 'कलाओं' पर ही संकट के बादल मंडराने लगे तो समाज का संकट में घिरना अवश्यम्भावी है। ऐसे में जरूरतमंद कलाकारों की आर्थिक सहायता के लिए संस्कार भारती दिल्ली प्रान्त द्वारा 'पीर पराई जाणे रे' नाम से एक आयोजन किया गया। इसमें मशहूर कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों के माध्यम से अभावग्रस्त कलाकारों की मदद के लिए समाज से अपील की। आनलाइन आयोजित हुए इस कार्यक्रम में सोनू निगम, शंकर महादेवन, उस्ताद अमजद अली खां, उस्ताद वसिफुद्दीन डागर, सुरेश वाडकर, हंसराज हंस, पंडित बिरजू महाराज, अनूप जलोटा, कैलाश खेर, अनुराधा पौडवाल, मनोज तिवारी, सरोजा वैद्यनाथन, दिलेर मेंहदी, मिका सिंह, अनुपम खेर, सोनल मानसिंह, कपिल शर्मा, प्रकाश झा, डॉ. पद्मा सुब्रमण्यम, डॉ. सोनल मानसिंह, नागराज हवलदार, जानू बरूआ, सुमित्रा गुहा, सुभाष घई, अक्षय कुमार, रवि किशन, जसवीर जस्सी, मधुभट्ट तैलंग, राजेन्द्र गंगानी, अनवर खान मांगणियार, मुकुंद नायक, हरिहरन, साजन मिश्रा, विश्वमोहन भट्ट, चंद्रप्रकाश द्विवेदी, वासुदेव कामत, चेतन जोशी, ऋचा शर्मा सरीखे कलाकारों ने प्रस्तुतियां दीं और अभावग्रस्त कलाकारों की सहायता की अपील की।
कार्यक्रम के अध्यक्ष एवं सांसद हंसराज हंस ने बताया कि हम चाहते हैं कि दूर-दराज के छोटे कलाकारों तक मदद पहुंचे। इस कार्यक्रम में एवं आगे भी संस्कार भारती कला के उन्नयन और कलाकारों की सहायता के लिए पहल करेगी।
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