पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के समाचार लगातार आ रहे हैं। कुछ दिन पहले पाकिस्तान में अशोक कुमार नामक एक व्यापारी की हत्या हुई थी, तो अब बांग्लादेश में रबिंद्र चंद्र दास नामक एक युवक की हत्या कर दी गई है। इन्हें पहले गोली मारी गई और बाद में पूरे शरीर को चाकू से गोद दिया गया।
बांग्लादेश के नोआखाली जिले में एक हिंदू रबिंद्र चंद्र दास की हत्या बहुत ही बर्बरता के साथ की गई है। यह घटना 9 जून की है। रबिंद्र की हत्या उनके गांव छोर ईश्वरपुर में गोली मार कर की गई है। उनके मरने के बाद भी हत्यारों ने मृत शरीर को चाकू से गोद दिया। उल्लेखनीय है कि रबिंद्र अवामी लीग के नेता एवं मछलियों के व्यापारी थे। वे लगातार तीन बार वार्ड मेंबर का चुनाव जीत चुके थे। इसके अलावा रबिंद्र बांग्लादेश हिंदू महाजोट के ज़िला स्तर के उप प्रमुख भी थे। उन्होंने 21 जून को होने वाले वार्ड अध्यक्ष के चुनाव के लिए नामांकन भरा था। कहा जाता है कि इसके बाद ही वे जिहादियों की नजर में चढ़ गए थे।
इन्हीं जैसे लोगों के लिए भारत सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) बनाया है। इसके अंतर्गत भारत के पड़ोसी देशोें में अत्याचारों का शिकार हो रहे हिंदू, पारसी, बौद्ध और ईसाई समुदाय के लोगों को भारत की नागरिकता दी जाएगी। लेकिन भारत के मुसलमान, सेकुलर तत्व और यहां तक कि ईसाई भी इस कानून का विरोध कर रहे हैं। काश, ये लोग बांग्लादेश के रबिंद्र या पाकिस्तान के अशोक जैसे लाखों लोगों के दर्द को अनुभव कर पाते तो सीएए का कभी विरोध नहीं करते।
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