उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में राज्य का पहला आयुष विश्वविद्यालय बनने जा रहा है। समाचार है कि 817 करोड़ रु. की राशि से बनने वाले इस विश्वविद्यालय का शिलान्यास राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जल्दी ही करने वाले हैं
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आयुर्वेद के साथ—साथ यूनानी, होम्योपैथी, योग और सिद्धा के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके लिए वे गोरखपुर में महायोगी गुरु गोरक्षनाथ आयुष विश्वविद्यालय बनवाने जा रहे हैं। विश्वविद्यालय के लिए जमीन चिन्हित कर ली गई और पैसे का भी आवंटन कर दिया गया है। गत दिनों जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पाण्डियन ने संयुक्त दंडाधिकारी (सदर) कुलदीप मीणा और तहसीलदार डॉ. संजीव दीक्षित के साथ विश्वविद्यालय के लिए चिन्हित जमीन का निरीक्षण कर आवश्यक तैयारियों के निर्देश दिए हैं।
आयुष विश्वविद्यालय के लिए भटहट क्षेत्र के पिपरी और तरकुलहां में लगभग 52 एकड़ जमीन चिन्हित की गई है। समाचारों के अनुसार राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद शिलान्यास करने गोरखपुर आ सकते हैं या फिर वर्चुअल जुड़ सकते हैं।
बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आयुष विश्वविद्यालय में महाविद्यालयों की संबद्धता और अन्य प्रशासनिक कार्य सत्र 2021-22 से और विश्वविद्यालय में शिक्षण कार्य सत्र 2022-23 से प्रारंभ करने के पहले ही निर्देश दे चुके हैं।
इस विश्वविद्यालय में यूनानी, आयुर्वेदिक, होम्योपैथी और योग चिकित्सा की पढ़ाई के साथ—साथ इलाज भ होगा। विश्वविद्यालय में शोध पर विशेष जोर दिया जाएगा। बता दें कि आयुष में अभी शोध उतना नहीं हो रहा है, जितना होना चाहिए। इस कारण एलोपैथ के डॉक्टर आयुष को महत्व नहीं देते हैं। इस विश्वविद्यालय से राज्य के सभी आयुष महाविद्यालयों को जोड़ा जाएगा। बता दें कि अभी उत्तर प्रदेश में लखनऊ, वाराणसी, झांसी, प्रयागराज, बरेली, बांदा, मुजफ्फरनगर और पीलीभीत में आयुष चिकित्सा महाविद्यालय हैं। इस विश्वविद्यालय से उत्तर प्रदेश के यूनानी और होम्योपैथी कॉलेज भी संबद्ध किए जाएंगे।
उम्मीद है कि इस आयुष विश्वविद्यालय से भातीय चिकित्सा पद्धति को फलने—फूलने का अवसर मिलेगा।
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