पंजाब की मुख्य सचिव कहती हैं, वैक्सीन की कमी है। लेकिन दूसरी तरफ राज्य सरकार 400 रु. में मिली वैक्सीन निजी अस्पतालों को 1,060 रु. में बेच रही
कोरोना वैक्सीन पर सोशल मीडिया में किसी ने लिखा कि अगर केन्द्र में कांग्रेस की सरकार होती, तो वह किसी भी सूरत में भारतीय वैक्सीन विकसित नहीं होने देती। कांग्रेसी विदेश से दवाएं, वैक्सीन मंगवाकर उसमें से करोड़ों-अरबों रुपये अपनी जेब में भरते। पंजाब के सन्दर्भ में यह कयास सच साबित होता दिखाई दे रहा है। राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी पर आरोप है कि राज्य सरकार व इससे जुड़े लोग वैक्सीन से मोटा पैसा कमा रहे हैं। आरोप है कि पंजाब सरकार वैक्सीन को तय कीमत पर खरीदकर, उसे ज्यादा कीमत पर निजी अस्पतालों को बेच रही है। यह काली कमाई किसकी जेब में जा रही है, यह जानने के लिए ज्यादा मत्थापच्ची करने की आवश्यकता नहीं है। पूरे मामले में रही—सही कसर लुधियाना के उपायुक्त पूरी करते दिखाई दे रहे हैं। उनका मानना है कि लोगों को किसी भी कीमत पर कोरोना के टीके लगवाने चाहिए। जब लोग सिनेमा हाल में पॉपकॉर्न व पिज्जा के लिए हजारों रुपये खर्च सकते हैंं तो दवा के लिए क्यों नहीं?
मीडिया में आई एक रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब सरकार कोटे के अनुसार केन्द्र सरकार से 400 रुपये की रियायती दर पर कोरोना की वैक्सीन ‘कोवैक्सिन’ खरीद रही है, मगर फिर आगे इसे निजी अस्पतालों को 1060 रुपये प्रति वायल बेच रही है, जो लोगों को 1560 रुपये में टीका लगाते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, राज्य कोटे के तहत खरीदी गई कोवैक्सिन को निजी अस्पतालों को बेचने पर पंजाब की अमरिंदर सरकार ने कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) के नाम पर 660 रुपये प्रति खुराक का लाभ कमाया है। इसके अलावा निजी अस्पताल को 500 रुपये प्रति खुराक का लाभ होता है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि हाल ही में खरीदी गईं वैक्सीन की एक लाख शीशियों में से पंजाब सरकार ने राज्यभर के निजी अस्पतालों को 1060 रुपये प्रति वायल की दर से कम से कम 20,000 वायल बेचे हैं, जिसकी कीमत 400 रुपये थी। रिपोर्ट के अनुसार, टीकाकरण अभियान में शामिल अधिकारियों का दावा है कि सरकार ने टीकाकरण सीएसआर फण्ड के नाम से एक अलग बैंक खाता बनाया है, निजी अस्पताल इस खाते में ही पैसा जमा करते हैं। वैक्सीन की खरीद में शामिल राज्य के अधिकारियों ने कहा कि निजी अस्पतालों से एकत्र अतिरिक्त धन का उपयोग वैक्सीन खरीदने के लिए किया जाएगा।
पंजाब में धीरे-धीरे यह मुद्दा राजनीतिक रंग पकड़ता जा रहा है। पूरे देश में जहां कांग्रेस वैक्सीन को लेकर भ्रामक जानकारियां फैला रही है, दुष्प्रचार कर रही है, लोगों का मुफ्त टीकाकरण करने की मांग कर रही है, वहीं कांग्रेस शासित राज्यों में सरकारों के रवैये पर पार्टी की किरकिरी हो रही है। विपक्षी दलों ने पंजाब सरकार पर वैक्सीन की कालाबाजारी के आरोप लगाए हैं।
पंजाब सरकार केन्द्र सरकार से 400 रुपये की रियायती दर पर ‘कोवैक्सिन’ खरीद रही है, फिर आगे इसे निजी अस्पतालों को 1060 रुपये प्रति वायल बेच रही है। राज्य कोटे के तहत खरीदी गई कोवैक्सिन को निजी अस्पतालों को बेचने पर पंजाब की अमरिंदर सरकार ने कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) के नाम पर 660 रुपये प्रति खुराक का लाभ कमाया है।
कांग्रेस की ‘वन टू का फोर’ नीति : अनुराग ठाकुर
केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने इसे मुद्दे पर पंजाब सरकार पर तीखा हमला बोला है। ठाकुर ने ट्वीट किया है कि, केन्द्र सरकार वैक्सीन निर्माताओं से टीका खरीद कर राज्यों को 400 रुपये प्रति वायल के हिसाब से बेचती है, मगर पंजाब सरकार वही टीका निजी अस्पतालों को 1060 रुपये प्रति वायल की दर से बेच रही है। जो टीका जनता को मुफ्त में लगाना था, कांग्रेस राज में वही टीका 3,120 रुपये (दोनों खुराक) में लग रहा है। ये कांग्रेस की ‘वन टू का फोर’ नीति है। राजस्थान में कांग्रेस की ही गहलोत सरकार पंजाब से दो कदम आगे निकल गई है। राजस्थान में पहले 11.50 लाख से भी अधिक वैक्सीन की खुराकें बर्बाद की गईं। वैस्कीन की शीशियां कचरे के ढेर से बरामद होना, राज्य सरकार की महामारी को लेकर लापरवाही को दर्शाता है।
उच्च न्यायालय की निगरानी में जांच हो:सुखबीर बादल
शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने पूरे मामले को गम्भीर बताते हुए उच्च न्यायालय की निगरानी में जांच कराने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि पंजाब के लोगों की जान से खिलवाड़ करने पर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ मुकदमा दर्ज होना चाहिए। यह एक बहुत बड़ा घोटाला है। इसने राहुल गांधी की असलियत को भी उजागर किया है, जो सभी के लिए मुफ्त वैक्सीन की मांग कर रहे हैं। अकाली दल प्रमुख ने दावा किया कि राज्य में वैक्सीन की कृत्रिम कमी पैदा की जा रही है, जबकि इसे भारी लाभ पर निजी अस्पतालों को बेचा जा रहा है। पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू के इस्तीफे की मांग करते हुए बादल ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि राज्य की मुख्य सचिव विनी महाजन को निजी संस्थानों के लिए ‘मार्केट सेल्समैन’ की तरह काम नहीं करना चाहिए।
ये बताते हैं आंकड़े
आरोप है कि पंजाब सरकार ने एक लाख 14 हजार वैक्सीन बेची हैं, जो उसे गत 2 मई को मिली थीं। जबकि पंजाब सरकार ने राज्य में 18-44 आयु वर्ग के लिए मुफ्त में टीका लगवाने के लिए कहा है। राज्य में अभी तक कुल 39,65,219 व्यक्तियों को टीका लगाया गया है, जबकि उनमें से 7,84,099 को टीके की दूसरी खुराक भी मिल चुकी है।
राजस्थान में कचरे में मिलीं वैक्सीन
कांग्रेस शासित राज्य राजस्थान में वैक्सीन के ढेरो वॉयल कूड़े से मिलने की मीडिया में खबरें प्रकाशित हो चुकी हैं। जो वायल मिले उनमें से ज्यादातर में वैक्सीन भरी पाई गई। बूंदी जिले में बताया गया है कि यहां गांव वालों ने एक वॉयल से कुछ वैक्सीन लगवाईं और बाकी लोग वैक्सीनेशन के लिए पहुंचे ही नहीं, जिसकी वजह से वैक्सीन को कूड़े में डालना पड़ा। देश में वैक्सीन की बर्बादी का औसत 6.3 फीसदी के आसपास है। केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने राजस्थान सरकार को पत्र लिख कर पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी है।
-राकेश सैन
टिप्पणियाँ