उत्तर प्रदेश पहला ऐसा राज्य है जहां पांच करोड़ कोरोना के टेस्ट किये गए. अभी तक इस संख्या को किसी भी प्रदेश ने पार नहीं किया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में टेस्ट, ट्रेस एवं ट्रीट के मंत्र को अपनाते हुए जमीनी स्तर पर तेजी से कार्य किया गया जिसका परिणाम है कि प्रदेश में कोरोना का संक्रमण काफी कम हो गया है.
कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए योगी सरकार ने ट्रेसिंग-टेस्टिंग पर जोर दिया. प्रदेश में शुरू से ही एग्रेसिव रणनीति अपनाई गई. यही कारण है कि आज प्रदेश में स्थिति नियंत्रण में है. बता दें कि पिछले 24 घंटे में प्रदेश में कुल 3,31,511 टेस्ट किए गए, जबकि 1514 नए केस की पुष्टि हुई. प्रदेश का रिकवरी रेट 97.1 फीसदी हो गया है. प्रदेश में एक्टिव कोविड मरीजों की कुल संख्या 30 हजार से भी कम हो चुकी है. वर्तमान में 28,694 कोरोना मरीज उपचाराधीन हैं. अब तक 16 लाख 44 हजार 511 प्रदेशवासी कोरोना संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं. प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में टेस्टिंग पर जोर दिया गया. गत दो महीनों में कोरोना की जांच में 70 प्रतिशत जांच ग्रामीण क्षेत्रों में की गई. ग्रामीण अंचल में कोरोना के संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए यूपी अन्य राज्यों से बेहतर साबित हुआ है. मई माह में लगभग 85 लाख टेस्ट हुए जिसमें लगभग 70 प्रतिशत ग्रामीण इलाकों में थे.
कोरोना की दूसरी लहर पर काबू पाने के लिए हर जिले में सैनिटाइजेशन, जांच, वैक्सीनेशन पर जोर दिया गया. अब प्रदेश के 64 जिलों में 600 से कम एक्टिव केस रह गए हैं. ऐसे में इन जनपदों के मेडिकल कॉलेजों और स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों में सीमित संख्या के साथ जनरल ओपीडी शुरू की जाएगी. ओपीडी में कोविड प्रोटोकॉल के अनुसार ही इलाज किया जाएगा.
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