भारत में कोरोना वैक्सीन की कमी नहीं है और टीकाकरण मामले में यह दुनिया में तीसरे स्थान पर है। देश में अब तक 21 करोड़ लोगों को टीके लगाए जा चुके हैं। इस साल दिसंबर तक सभी को टीका लग जाएगा।
दिल्ली के चाणक्यपुरी इलाके में 18 से 44 वर्ष के लोगों के लिए टीकाकरण अभियान की शुरुआत करते हुए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने बताया कि देश में बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान चल रहा है। अन्य देशों के मुकाबले इतनी अधिक संख्या में टीका लगाने के मामले में भारत का स्थान दुनिया में तीसरा है। देश में अब तक 21,85,00,000 लोगों को टीके लगाए जा चुके हैं। सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में भी टीकाकरण अभियान ने गति पकड़ी है। सरकार ने दिसंबर के अंत तक सभी को टीका लगाने के लिए एक कार्य योजना बनाई है। साथ ही, करीब 250 करोड़ कोविड के टीके बनाने के लिए भी एक कार्य योजना बनी है।”
विदेशों से भी मंगा रहे वैक्सीन
देश में विदेशों से भी टीके मंगाए जा रहे हैं। इसी सिलसिले में रूस से कोविड-19 वैक्सीन स्पुतनिक-v की 56.6 टन की खेप मंगलवार को आई। यह अब तक की सबसे बड़ी खेप है। एक विशेष चार्टर्ड मालवाहक विमान इसे लेकर तड़के हैदराबाद हवाई अड्डे पर उतरा। सरकार द्वारा वैक्सीन आयात के लिए लगातार किए जा रहे प्रयासों पर जोर देते हुए रेड्डी ने कहा कि जॉनसन एंड जॉनसन और अमेरिका स्थित फार्मा कंपनी फाइजर से भी इस सिलसिले में बात चल रही है। इस साल दिसंबर तक सभी देशवासियों को टीका लगा दिया जाएगा।
अगस्त से रोजाना एक करोड़ लोगों का टीकाकरण
इससे पूर्व मंगलवार को भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने कहा था कि देश में कोरोना वैक्सीन की कमी नहीं है। उन्होंने कहा था कि भारत की आबादी अमेरिका से चार गुना है। थोड़ा धैर्य रखने की जरूरत है। जुलाई मध्य या अगस्त के शुरुआत तक हमारे पास रोजना एक करोड़ लोगों के टीकाकरण के लिए पर्याप्त खुराक होगी। साथ ही, उन्होंने कहा कि जिलों में प्रतिबंध हटाने के लिए 70 प्रतिशत से अधिक कमजोर आबादी का टीकाकरण किया जाना है।
फाइजर और मॉडर्ना के लिए रास्ता साफ
इस बीच, भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने अंतरराष्ट्रीय नियामक निकायों द्वारा मंजूर कोविड-19 टीकों के विशिष्ट परीक्षणों का काम पूरा कर लिया है। इसी के साथ देश में फाइजर और मॉडर्ना जैसे विदेशी टीकों की तत्काल आपूर्ति के लिए रास्ता साफ हो गया है। एक पत्र में डीसीजीआई प्रमख वी.जी. सोमानी ने कहा है कि यह उन टीकों पर लागू होगा जिन्हें पहले यूएसएफडीए, ईएमए, यूकेएमएचआरए, पीएमडीए जापान द्वारा प्रतिबंधित उपयोग की मंजूरी दी जा चुकी है या विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा आपातकालीन उपयोग के लिए सूचीबद्ध किया गया है।
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