उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने समाजवादी पार्टी द्वारा गेहूं खरीद और उसके भंडारण के सम्बन्ध में झूठ और भ्रामक टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उन्होंने कहा है कि “ विपक्ष कोरोना के कठिन समय में लोगों को गुमराह कर रहा है. कम से कम विपक्ष को ऐसे समय तो अपनी सतही राजनीति से बाज आना चाहिए.”
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि समाजवादी पार्टी का आरोप वास्तविकता से परे है. वर्षा की चेतावनी से सभी केंद्र प्रभारियों को समय से अवगत करा दिया गया था, जिसके कारण क्रय केन्द्रों पर रखा हुआ गेहूं विधिवत ढंक करके रखा गया था और कहीं से भी गेहूं के खराब होने की सूचना प्राप्त नहीं हुई है. गत 21 मई को सभी सम्भागीय खाद्य नियंत्रकों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा की गई जिसमें अवगत कराया गया कि उनके संभाग में किसी क्रय केन्द्र पर संग्रहित गेहूं वर्षा से भीगकर खराब नहीं हुआ. प्रदेश में अब तक 6.70 लाख कृषकों से 33.73 लाख मीट्रिक टन गेंहू खरीदा गया है. वर्तमान में गेहूं की खरीद सीधे किसानों से की जा रही है वास्तविक किसानों को एम०एस०पी० का भुगतान किये जाने से धान खरीद 2020-21 में रिकार्ड 13.05 लाख किसानों को लाभ पहुंचाया गया है.
सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि गन्ना किसानों के हित के लिए योगी सरकार ने ऐतिहासिक कार्य किया है जो विपक्ष को भी स्वीकार करना चाहिए. वर्तमान सरकार ने अपने कार्य काल में गन्ना किसानों को 1,35,295.57 करोड़ रूपए का रिकॉर्ड भुगतान किया है जिसमे पेराई सत्र 2019-20 में रू.35,898.85 करोड़, 2018-19 में रू.33,048.06 करोड़, 2017-18 के रू.35,440.91 करोड़ का भुगतान कराने के साथ-साथ समाजवादी सरकार के कार्यकाल एवं पूर्व पेराई सत्रों का रू.10,661.09 करोड़ बकाया भी शामिल है.
उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में डीएपी के कच्चे माल की कीमतें बढ़ने के कारण डीएपी की कीमत प्रति बैग 2400 रू० हो गई है. किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने प्रति बोरी अनुदान 500 रू0 से बढ़ा कर 1200 रू कर दिया. यह अनुदान में 140 प्रतिशत की वृद्धि है जिसके फलस्वरूप किसानों को रू0 1200 प्रति बोरी की कीमत पर ही डीएपी की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है. वर्तमान समय में डीएपी की पर्याप्त उपलब्धता प्रदेश में है. कृषक निर्धारित दरों पर क्रय कर रहे हैं. वर्ष 2014 में डीएपी की कीमत रू0 1130 प्रति बोरी थी न कि रू0 413 प्रति बोरी जैसा कि वक्तव्य में भ्रामक तथ्य देकर दर्शाया जा रहा है. यूरिया की भी पर्याप्त उपलब्धता प्रदेश में है. यूरिया सहित अन्य उर्वरक निर्धारित दरों पर किसानों को समय से सुलभ कराया जायेगा. कालाबाजारी एवं जमाखोरी पर सख्त कार्यवाही लगातार की जा रही है.
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