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राम के साथ राष्ट्र सेवा को समर्पित विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने कोरोना की वैश्विक महामारी से जूझते भारतीयों को सम्बल प्रदान करने हेतु एक व्यापक कार्य योजना बनाई है। हालांकि इसमें से अनेक कार्य विहिप कार्यकर्ता अपने-अपने स्तर पर पहले ही प्रारंभ कर चुके हैं, किन्तु इन्हें अखिल भारतीय स्तर पर गति प्रदान करने हेतु विहिप के केन्द्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने कोरोना से युद्ध का शंखनाद करते हुए संगठन कार्यकर्ताओं को सभी मठ-मंदिरों, गुरुद्वारों, संतों, धर्माचार्यों व स्वयंसेवी संस्थाओं को साथ लेकर पूरी तरह से जुटने का आह्वान किया है। यूं तो कोरोना की पहली लहर में भी विहिप कार्यकर्ता सम्पूर्ण देश में सेवार्थ जुटे ही थे, किन्तु स्थिति की भीषणता को देखते हुए इस बार और अधिक सेवा का बीड़ा उठाया है।
विहिप ने अपने सेवा कार्यों को मुख्यतया चार भागों में बांटा है। एक रोग से बचाने के उपाय। दूसरा, रोगियों की सेवा तथा उन्हें बचाने के प्रयास। तीसरा, पीड़ित परिवारों को संबल व सहायता तथा चौथा, अंतिम यात्रा व मोक्ष के उपाय। हर स्तर पर विहिप ने अपनी ताकत झोंकने की तैयारी कर ली है। कोरोना से बचाने के उपायों में विहिप कार्यकर्ता जगह-जगह लोगों को जागरूक कर टीकाकरण अभियान से अधिकाधिक लोगों को शीघ्रता से शामिल कराने में जुटे हैं। सोशल मीडिया, फोन व व्यक्तिगत संपर्कों के माध्यम से कार्यकर्ता लोगों के मन में से टीका विरोधी भ्रमों का निवारण कर उन्हें टीकाकरण हेतु प्रेरित कर रहे हैं। दो गज दूरी व मास्क जरूरी के साथ हाथ-मुंह की स्वच्छता के प्रति जागरूकता, मास्क व सेनेटाइजर, आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक व सिद्ध मेडिसिन के यथा योग्य वितरण, सामाजिक अनुशासन, धैर्य तथा मनोबल हेतु यौगिक क्रियाओं का संचालन तथा हेल्प लाइन नंबर के माध्यम से विषय विशेषज्ञों के साथ परामर्श व सहायता इत्यादि शामिल हैं।
कर रहे आक्सीजन की व्यवस्था
दूसरे प्रकार की सेवा में चिकित्सकों व वैद्यों से परामर्श, रोगी वाहन (एम्बुलेंस), ऑक्सीजन सिलेंडर, दवाइयों, प्लाज्मा, रक्त, ऑक्सीजन कॉन्संट्रेटर यूनिट, दवाओं तथा ऑक्सीमीटर इत्यादि की उपलब्धता, पृथक आवास केन्द्र, मरीजों व परिजनों के भोजन, अकेले परिजनों की घरों व अस्पतालों में सहायता तथा चिकित्सा कर्मियों का सहयोग इत्यादि प्रमुख है।
भोजन व दवाओं का वितरण
तीसरे प्रकार की सेवा में मजदूरों, व निम्न आय वर्ग के लोगों के अतिरिक्त पीड़ित परिवारों को भोजन-पानी दवाओं व राशन वितरण, अकेले बुजुर्गों, छात्र-छात्राओं व बच्चों की देखभाल, गोवंश एवं अन्य प्राणियों हेतु आहार, पलायन को मजबूर यात्रियों को भोजन-पानी व दवाई की व्यवस्था आदि प्रमुख है।
अंतिम संस्कार में कर रहे सहयोग
चौथे प्रकार की सेवा अत्यंत कठिन व चुनौती पूर्ण है। कोरोना के ग्रास बने शवों को अस्पताल से मोक्ष द्वार तक पहुंचाने हेतु शव वाहन, अंतिम संस्कार की व्यवस्था, उससे जुड़ी सामग्री की व्यवस्था जैसे कार्य शामिल हैं, जिनके लिए कोरोना पीड़ित शवों के परिजन भी की कई बार राजी नहीं होते। साथ ही कोविड प्रोटोकॉल के हिसाव से भी गंभीर संक्रमण का खतरा सदैव मंडराता रहता है। विहिप की युवा इकाई बजरंग दल व दुर्गा वाहिनी इन सेवा कार्यों में अपनी जान हथेली पर रख कर तन-मन-धन से लगी है। श्री परांडे ने कॉर्पोरेट जगत से भी इन सेवा कार्यों में बढ़ चढ़ कर भाग लेने का आह्वान किया है। मीडिया के एक वर्ग द्वारा जाने अनजाने में लगातार नकारात्मक वातावरण का निर्माण कर समाज का मनोवल तोड़ने का प्रयास हो रहा है। इस पर उन्होंने चिंता व्यक्त की है। अच्छी बातों को प्रोत्साहित कर विहिप कार्यकर्ता सकारात्मक वातावरण बनाने में अपना योगदान कर रहे है।
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