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4 जून, 2017
इसमें संदेह नहीं कि संतों ने समाज में समरसता का भाव पैदा है और लोगों का मार्गदर्शन किया है। कबीरदास, ज्ञानेश्वर, रैदास, गुरुनानक जैसे अनगिनत संतों ने भारतीय समाज से छुआछूत, जात-पात और भेदभाव जैसी कुरीतियों को दूर किया और लोगों को एक सूत्र में पिरोया। स्वामी विवेकानंद ने दुनियाभर में हिन्दू धर्म तथा दर्शन का प्रचार-प्रसार किया। इसके बाद डॉ. हेडगेवार और परमपूज्य श्री गुरु जी ने हिन्दुओं की सोई हुई चेतना को पुन: जागृत किया, उन्हें समरसता के मूल्यों से अवगत कराया।
—हरिहर सिंह चौहान, इंदौर (मध्य प्रदेश)
उ.प्र. में लंबे समय तक स्वार्थी, कुटुंबवादी दलों की सरकारें रहीं। उन्होंने जितना हो सकता था, प्रदेश को लूटा। अब जबकि भाजपा की सरकार है तो जनता का ध्यान भटकाने के लिए मजहबी उन्माद फैलाने की कुचेष्टा हो रही है। आग में घी डालने के लिए असामाजिक एवं उत्पाती ‘भीम आर्मी’ का गठन कर ‘दलित एकता’ के नाम पर हिन्दू समाज में दरार पैदा करने में की कोशिश हो रही है। समाज को बांटने वाले ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
—सुहासिनी किरानी, हैदराबाद (तेलंगाना)
‘ढहने लगा ताश का महल’ लेख पढ़ा। केजरीवाल जिस ईवीएम के दम पर दिल्ली में चुनाव जीत कर आए, उन्होंने उसी का मजाक उड़ाया। नतीजा, निगम चुनाव में उनकी पार्टी धराशायी हो गई। पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा ने केजरीवाल सहित कई मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए, फिर भी आ.आ.पा के मुखिया खामोश हैं। केजरीवाल की पहचान अब भ्रष्ट, घूसखोर और जनता के साथ छल करने वाले नेता की बन गई है। अगले चुनाव में केजरीवाल और उनकी पार्टी का सफाया तय है।
—जयप्रदा, कोठापेट (हैदराबाद)
‘कैलिफोर्निया में फिर सक्रिय भारत विरोधी’ शीर्षक से प्रकाशित आलेख में कहा गया है कि कैलिफोर्निया में छठी कक्षा की ‘विश्व इतिहास और भूगोल’ पुस्तक में हिन्दू देवी-देवताओं, हिन्दू धर्म व प्राचीन भारत के संदर्भ में आपत्तिजनक बातें लिखी गई हैं और भारतीय संस्कृति को तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है। समय आ गया है कि भारतीय संस्कृति को सही ढंग से दुनिया के सामने लाया जाए।
—अशोक कुमार ठाकुर, दरभंगा (बिहार)
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