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नई दिल्ली में 8 मई को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह-सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल ने श्री गुरु तेगबहादुर जी के जीवन पर आधारित पुस्तक 'हिन्द की चादर श्री गुरु तेगबहादुर जी' का लोकार्पण किया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि श्री गुरु तेगबहादुर जी ने उस समय अपने जीवन का बलिदान न दिया होता तो आज पूरा भारत इस्लाम में परिवर्तित हो जाता तथा हमारी प्राचीन संस्कृति एवं सभ्यता समाप्त हो जाती। उनके तथा उनके परिवार के महान बलिदान ने हमारी महान संस्कृति तथा धर्म को बचा लिया।
उन्होंने कहा कि उनकी शहादत इस बात को दर्शाती है कि व्यक्ति को अपने निर्णयों पर अटल रहना चाहिए। फिर चाहे उसे अपने प्राण ही क्यों न त्यागने पड़ें। परंतु आज अफसोस की बात है कि हमारे समाज के अधिकतर लोग तथा युवाओं को इस बारे में बिल्कुल भी जानकारी नहीं है। इसीलिए यदि आज के नौजवान अपने कायोंर् में सफल होना चाहते हैं तो उन्हें गुरु तेगबहादुर जी से प्रेरणा
लेनी चाहिए।
इस अवसर पर पुस्तक के लेखक श्री विजय गुप्ता, डॉ. सुरजीत कौर जौली, समाजसेवी महाशय धर्मपाल, सरदार चिरंजीव सिंह, श्री अविनाश जायसवाल सहित अनेक वरिष्ठ जन उपस्थित थे। कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रीय सिख संगत एवं दक्षिण दिल्ली वेद प्रचार मंडल ने किया था। ल्ल प्रतिनिधि
पत्थरबाजों पर हो सख्त कार्रवाई
गत दिनों बजरंग दल की शिमला इकाई ने शिमला के उपायुक्त रोहन चंद ठाकुर को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को संबोधित एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में मांग की गई है कि जम्मू-कश्मीर में पत्थरबाजों एवं उनके समर्थकों के खिलाफ सेना को कार्रवाई करने की छूट दी जानी चाहिए। इससे भारतीय सेना का मनोबल बढ़ेगा। बजरंग दल के प्रदेश संयोजक राजेश शर्मा ने कहा कि वीर सैनिक भारत की सीमाओं की सुरक्षा के लिए दिन-रात लगे हुए हैं। उनकी जब आतंकियों से मुठभेड़ होती है, उसी समय कश्मीर के कुछ युवा अलगाववादियों के बहकावे में आकर सेना पर पत्थरों से हमला कर देते हैं। उनके इस दुस्साहस के कारण पाकिस्तानी सेना एवं आतंकियों द्वारा बर्बरतापूर्वक व्यवहार किया जा रहा है जो बेहद निंदनीय है।
ल्ल शिमला विसंकें
साहिबाबाद में नारद जयंती
साहिबाबाद (उ.प्र.) में 6 मई को नारद जयंती समारोह का आयोजन हुआ। इसके मुख्य अतिथि थे जी-न्यूज के संपादक (आउटपुट) श्री रोहित सरदाना। उन्होंने कहा कि भारतीय पत्रकारिता और पत्रकारों को अपने आदर्श के रूप में नारद को देखना चाहिए, उनसे मार्गदर्शन लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता में कॉर्पोरेट संस्कृति आने से अब तयशुदा ढांचे में ही पत्रकार अपनी लेखनी चलाता है।
उन्होंने कहा कि पत्रकारिता में इस स्थिति के लिए केवल कॉर्पोरेट संस्कृति ही दोषी नहीं है, बल्कि इसके लिए पत्रकार भी जिम्मेदार हैं। कार्यक्रम के अध्यक्ष श्री जगदीश उपासने ने कहा कि बहुत से संपादक-पत्रकार आज भी उसूलों के पक्के हैं। उनकी कलम बिकी नहीं है। लेकिन, ऐसे 'नारद पत्रकारों' की संख्या बेहद कम है। यह संख्या बढ़ सकती है। ऐसे पत्रकार नारद से सीख सकते हैं कि तमाम विपरीत परिस्थितियां होने के बाद भी कैसे प्रभावी ढंग से लोक कल्याण की बात कही जाए। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार श्री मुकेश झा को सम्मानित भी किया गया। कार्यक्रम का आयोजन विश्व संवाद केंद्र, वैशाली महानगर ने किया था। ल्ल प्रतिनिधि
भारतभक्त भट्ट
गुजरात के भावनगर में रहने वाले श्री जनार्दन भट्ट ने एक बहुत ही प्रेरक कार्य किया है। उन्होंने भारतीय सेना को एक करोड़ रुपए की राशि दान दी है। 84 वर्षीय भट्ट भारतीय स्टेट बैंक में लिपिक थे। श्री भट्ट की कोई संतान नहीं है। दोनों पति-पत्नी सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं और सहयोग भी करते हैं। वे कहते हैं, ''बेशक मेरे पास कोई संतान नहीं है, लेकिन जो सैनिक सीमा पर लड़ते हैं वे मेरे बच्चों के समान ही हैं। उन सैनिकों और उनके परिवार वालों के लिए कुछ करना हमारा कर्तव्य है।'' ल्ल प्रतिनिधि
बलबीर दत्त का अभिनंदन
अविभाजित बिहार के बलबीर दत्त क्षेत्र के ऐसे पत्रकार हैं जिन्हें इस वर्ष पद्मश्री सम्मान प्राप्त हुआ। उनका अभिनंदन करने के लिए 25 अप्रैल को पटना में एक कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस अवसर पर उन्हें शुभकामनाएं दी गईं। कार्यक्रम का आयोजन अनेक पत्रकार संगठनों ने किया था।
ल्ल प्रतिनिधि
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