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'संघ के संस्थापक डॉ. केशवराव बलिराम हेडगेवार ने हमें संघ का जो मार्ग दिखाया, वह हमें आत्मीयता, स्नेह व प्रेम की भावना सिखाता है। संघ का काम व्यक्ति निर्माण है। पहले यह काम घर-घर में हुआ करता था, लेकिन टीवी और इंटरनेट की वजह से अब यह काम हम सबको मिल-जुलकर करना है और यह काम संघ की शाखा से संभव है।' पिछले दिनों राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ उत्तर क्षेत्र के सह क्षेत्र प्रचारक श्री बनवीर कुमार ने ये बातें अपने उद्बोधन में कहीं। वे हरियाणा-करनाल के सैक्टर-33 में आयोजित विजय शक्ति संगम कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि संघ देश हित का चिंतन रखता है, इसलिए संघ की प्रेरणा से समाज के विभिन्न क्षेत्रों में स्वयंसेवकों द्वारा अनेक प्रकार के प्रकल्प चलाये जा रहे हैं। वनवासी कल्याण आश्रम, विद्या भारती तथा पंजाब पीडि़त सहायता समिति का उदाहरण देते हुए उन्होंने स्वयंसेवकों से कहा कि ये सभी प्रकल्प दो-चार-दस संख्याओं से शुरू हुए, जो आज स्वयंसेवकों के कठिन परिश्रम से देश परिवर्तन में अपनी अहम भूमिका का निर्वहन कर रहे है। उन्होंने कहा कि करनाल जिले में सन् 1938 में संघ का कार्य प्रारम्भ हुआ था। यहां पहले प्रचारक के रूप में स्व. सोहन सिंह जी रहे जिन्होंने सभी कार्यकर्ताओं के सहयोग से संघ कार्य को करनाल के आस-पास के गांवों में पहुंचाने का कार्य किया, जो आज तक निर्बाध जारी है। हमें कार्यक्रम निहित स्वयंसेवक नहीं बनना, बल्कि नित्यप्रति शाखा अपने स्वभाव में रहे, इसका भी निरतंर चिंतन बना रहे। इसका प्रयास करना है। करनाल (विसंकें)
'बिना भेदभाव के कार्य करता है स्वयंसेवक'
'पाञ्चजन्य ने संघ के 90 वर्ष की अनथक यात्रा पर केंद्रित जो संग्रहणीय विशेषांक निकाला है वह लोगों की संघ के प्रति जिज्ञासाओं को शांत करेगा। भारत प्रकाशन इसके लिए धन्यवाद का पात्र है।' उक्त उद्बोधन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रान्त सह संघचालक श्री अशोक पांडे ने व्यक्त किए। वे ग्वालियर में कार्यकताओं को संबोधित कर रहे थे। आगे उन्होंने कहा कि संघ केवल एक ही काम करता है, शाखा चलाना, मनुष्य निर्माण करना। लेकिन स्वयंसेवक कुछ नहीं छोड़ता, कोई ऐसा क्षेत्र नहीं है, जिसमें स्वयंसेवक कार्य न कर रहा हो। उन्होंने कहा कि संघ का कार्य व विचार सत्य पर आधारित है, किसी के प्रति विरोध या द्वेष पर नहीं। संघ सुनने, पढ़ने, चर्चा करने से समझ आने वाला नहीं है। संघ को समझना आसान है, पर साथ ही असंभव भी है। श्रद्धा, भक्ति भाव से, शुद्ध-पवित्र मन से जिज्ञासा लेकर आएंगे तो संघ को समझना आसान है। प्रतिदिन की शाखा में स्वयंसेवक यही नित्य साधना करता है। संघ के बारे में पहले से पूर्वाग्रह बनाकर, उद्देश्य लेकर आएंगे तो संघ समझ में आने वाला नहीं है।
उल्लेखनीय सेवाओं के लिए पत्रकारों को किया सम्मानित
पिछले दिनों गाजियाबाद के वसुंधरा स्थित मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के सभागार में महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जयंती पर आयोजित बारहवें पत्रकार प्रोत्साहन पुरस्कार-सम्मान समारोह में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के विभिन्न प्रतियोगिताओं में अव्वल आए 8 पत्रकारों समेत 18 को पुरस्कृत किया गया। उल्लेखनीय सेवाओं के लिए दो वरिष्ठ पत्रकार व साहित्यकार श्री अच्युतानंद मिश्र व श्री कृष्ण मित्र को सम्मानित किया। दोनों को 11 हजार की धनराशि, प्रशस्ति पत्र, शॉल, आदि भेंट की गईं। पत्रकार प्रोत्साहन पुरस्कार व सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के सदस्य सचिव डॉ़ सचिदानंद जोशी व मेवाड़ संस्थान के चेयरमैन डॉ़ अशोक कुमार गाडि़या ने सभी पत्रकारों को मेवाड़ की ओर से शॉल, प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिह्न व नकद राशि प्रदान कर पुरस्कृत व सम्मानित किया। इस मौके पर मुख्य अतिथि डॉ. जोशी ने कहा कि आज के दौर में नैतिक मूल्यों के क्षरण से बचना होगा और लोक कल्याण की भावना से पत्रकार को ईमानदारी से अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। मेवाड़ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डॉ़ अशोक कुमार गाडि़या ने कहा कि देश के 65 करोड़ युवाओं को अगर सही दशा व दिशा की ओर प्रेरित किया गया तो देश में किसी सुख-सम्पदा की कमी नहीं अखरेगी। श्री अच्युतानंद ने पंडित मदन मोहन मालवीय के संदर्भ सुनाए तो कवि कृष्ण मित्र ने अपनी ओजपूर्ण रचना से सभी में नया जोश भर दिया। इस मौके पर निर्णायक मंडल में शामिल रहे वरिष्ठ पत्रकार हरिश्चंद्र शुक्ल काक व अरविन्द मोहन के अलावा इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के अध्यक्ष पद्मश्री श्री राम बहादुर राय, मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस की निदेशिका डॉ़ अलका अग्रवाल, मेवाड़ लॉ इंस्टीट्यूट के महानिदेशक भारत भूषण, हिमांशु लव मौजूद थे।
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