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गत दिनों डॉ़ हेडगेवार स्मारक समिति के तत्वावधान में आनंद मोहन माथुर सभागृह, विजय नगर इंदौर में 'जाग्रत समाज-सुरक्षित राष्ट्र' विषय पर व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया। व्याख्यानमाला में मुख्य वक्ता के रूप में सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन उपस्थित रहे।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के अविभाज्य अंग के रूप में समग्र सुरक्षा देखने की आवश्यकता है। हम पारंपरिक युद्ध नहीं, बल्कि मिश्रित युद्ध का सामना कर रहे हैं। हमें सीमा पर एवं अंदरूनी हिस्सों में सर्वत्र सशक्त रहना होगा। राष्ट्रीय सुरक्षा की संस्कृति को बढ़ावा देना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। वर्तमान में आम जनता में भी सैन्य रणनीतिक मुद्दों को लेकर विशेष रुचि दिखाई देती है। भारत की पूर्व केंद्रित नीति (एक्ट ईस्ट पॉलिसी) आकार ले रही है। कार्यक्रम की अध्यक्षता चिन्मय मिशन के पू़ स्वामी प्रबुद्धानंद सरस्वती ने की। उन्होंने कहा कि मेरे मन में हमेशा प्रश्न रहता है कि सेना कर्तव्य कर रही है या सेवा। मुझे लगता है कि कर्तव्य वह है जो करना पड़ेगा। युवा सेना में इसलिए जाते हैं ताकि देश की सेवा बेहतर रूप से कर सकें। संतों को, समाज को कुछ देना होता है, कर्म योग केवल ईश्वर की सेवा नहीं, अपितु अपने ऊंचे लक्ष्य के लिए वह अपना सब कुछ त्याग दे, वही कर्म है। हनुमान जी से अच्छा कर्म योगी नहीं है। सेवा में कभी स्वार्थ एवं व्यक्तिगत अपेक्षा न रहे, देश के हर व्यक्ति को देश की खुशी में खुश रहना, यही देश सेवा है। -विसंकें, इंदौर
प्रतिष्ठित संगीत समारोह सम्पन्न
पिछले दिनों दिल्ली के कमानी सभागार में सोपोरी अकादमी ऑफ म्यूजिक एंड परफॉर्मिंग आर्ट्स (सामापा) द्वारा तीन दिवसीय वार्षिक संगीत समारोह आयोजन किया गया। समारोह में दिग्गज व युवा कलाकारों द्वारा संगीतमय माहौल के बीच कला-संस्कृति क्षेत्र में योगदान हेतु विभिन्न विभूतियों को सामापा अवार्ड्स से सम्मानित किया गया।
तीन दिवसीय वार्षिक सम्मेलन का यह 12वां वर्ष है। प्रति वर्ष की तरह इस वर्ष भी समारोह में दिग्गज कलाकारों-संतूरवादक आचार्य और संगीतकार पद्मश्री पंडित भजन सोपोरी (संतूर), अभय सोपोरी (संतूर), पदम्श्री उस्ताद फैयज वसीफुद्दीन डागर (धु्रपद), पद्मश्री पंडित वेंकटेश कुमार (गायन), पद्मश्री विदुषी मालिनी अवस्थी (गायन), पं. भोलानाथ मिश्र (गायन), गौरव मजूमदार (सितार), कमाल साबरी (सारंगी) सहित युवा कलाकारों; मेहताब अली नियाजी (सितार) एवम् रोमान खान (तबला), मिलन उपाध्याय एवम् महिमा उपाध्याय (ध्रुपद गायन) ने अपनी कला के जरिए श्रोताओं के बीच धारा-प्रवाह संगीतरस बिखेर समा बांध दिया। संगीतमयी प्रस्तुतियों के अतिरिक्त कला-संस्कृति क्षेत्र में सशक्त योगदान हेतु विभिन्न विभूतियों को प्रतिष्ठित सामापा अवार्ड्स से सम्मानित किया गया। जहां डॉ़ लोकेश चन्द्रा (अध्यक्ष आईसीसीआर), श्री अद्वंत गणनायक (महानिदेशक, एनजीएमए), पंडित भजन सोपोरी और प्रो़ अपर्णा सोपोरी ने बाबा योगेन्द्र जी, डॉ़ शोभा कोसर, पंडित वेंकटेश कुमार, मीना बनर्जी, और कमाल साबरी को सम्मानित किया। तो राष्ट्रीय स्तर के सांस्कृतिक संगठन संस्कार भारती को भारतीय कला एवं संस्कृति के प्रचार-प्रसार की दिशा में अपार योगदान के लिए 'सामापा कलावर्र्धन सम्मान' दिया गया। संस्था के संस्थापक सदस्य बाबा योगेन्द्र को उनके आजीवन योगदान हेतु सम्मानित किया गया। बाबा योगेन्द्र जी कला क्षेत्र की ऐसी विभूति हैं जिन्होंने कला-संस्कृति हेतु अनेकानेक प्रयास किये हैं और लगातार समर्पित रहकर इस क्षेत्र में काम किया है और आज भी यथासम्भव प्रयास करते रहते हैं। -प्रतिनिधि
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