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विश्व हिन्दू परिषद ने 13 नवंबर से 27 नवंबर तक देश में हितचिंतक महाभियान की शुरुआत की। इसी क्रम में छत्तीसगढ़ के महासमुंद प्रखंड में 20 नवंबर को विश्व हिन्दू परिषद के गोरक्षा विभाग के केंद्रीय मंत्री श्री उमेश चंद पोरवाल ने स्थानीय समाज सेवी व विधायक श्री विमल चोपड़ा से इस अभियान की शुरुआत की। उल्लेखनीय है कि विहिप का हितचिंतक महाभियान धर्म संस्कृति, राष्ट्र रक्षार्थ एवं हिन्दू मान बिंदुओं की रक्षा, गो रक्षा एवं कन्वर्जन रोकने के लिए चलाया जा रहा है। इस अभियान में शहर, जिला, तहसील व प्रखंड स्तर पर घर-घर जाकर राष्ट्र भक्तों व हिन्दू धर्म प्रेमियांे को अभियान से जोड़ा जा रहा है। इस अवसर पर श्री उमेश चंद पोरवाल ने कहा कि विहिप अभियान के माध्यम से हिन्दू समाज के बीच जाकर उन्हें न केवल जागरूक करने का काम करेगी बल्कि उन्हें अभियान से जोड़ेगी। आज देश में हिन्दुओं के मान बिन्दुओं पर आए दिन आततायी किस्म के लोग कुठाराघात करते हैं और हमारा समाज इसे सहन कर लेता है। लेकिन हिन्दू समाज को ऐसे लोगों का मिलकर प्रतिकार करना होगा। क्योंकि हिन्दुओं के लिए उनके मान बिन्दुओं से बढ़कर कुछ भी नहीं हंै।
श्री पोरवाल ने कहा कि यह अच्छा अभियान है जिससे कार्यकर्ता घर-घर जाकर हिन्दू समाज को जोड़ सकेंगे और उन्हें आज के परिदृश्य के बारे में बता सकेंगे। इस अभियान के तहत महासमुंद जिले के ग्राम सीड़गिरी के प्रत्येक घर को हितचिंतक अभियान से जोड़ा गया और गांव के लोगों ने विहिप से जुड़कर बड़ा गौरवान्वित महसूस किया। अभियान में प्रमुख रूप से श्री ईवन साहू, विभाग सहसंयोजक श्री विजय महतो, जिला सुरक्षा प्रमुख छबि सिन्हा, विहिप नगर अध्यक्ष उत्तम वर्मा एवं जैनेन्द्र चंद्राकर उपस्थित रहे। ल्ल प्रतिनिधि
पूर्वोत्तर में 3 लाख हितचिंतक बनाने का लक्ष्य
पिछले दिनों असम प्रांत का हितचिंतक अभियान का शुभांरम मां कामाख्या के दरबार से हुआ। कामाख्या मंदिर के डेका कविंद्र शर्मा के आशीर्वाद से कार्यक्रम की शुरुआत विहिप के सचिव रोबिन भइयां ने क ी। प्रांतीय अध्यक्ष डॉ. मुनिद्र मोहन डेका ने विस्तार से विहिप के विषय और उसके कार्यों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में महानगर अध्यक्ष वासुदेव गोस्वामी एवं उपाध्यक्ष शांति कुमार सिंह के अलावा प्रांतीय तथा गुवाहाटी के सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित थे। क्षेत्रीय मंत्री श्री अजीत जाना ने इस अवसर पर विशेष रूप से कार्यकर्ताओं को मार्गदर्शन दिया और सैकड़ों लोग इस अभियान से जुड़े। गौरतलब है कि विहिप ने पूर्वोत्तर में 3 लाख हितचिंतक बनाने का लक्ष्य रखा है।
अ.भा.वि.प की हुंकार से आएगा परिवर्तन
पिछले दिनों उत्तर प्रदेश की राजधानी स्थित काल्विन तालुकेदार्स कालेज परिसर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की हुंकार रैली आयोजित की गई। परिषद के राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्री सुनील आम्बेकर ने इस अवसर पर कहा कि इस रैली में प्रदेश के कोने-कोने से आने वाले छात्रों को रोकने के लिए प्रशासन ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। आयोजन स्थल से 10 किमी दूर बसे खड़ी करायी गईं। कार्यकर्ताओं को परेशान किया गया। बावजूद इसके कार्यकर्ताओं के उत्साह में कोई कमीं नहीं है। जरूरत पड़ी तो हम शिक्षा नीति के साथ-साथ सत्ता परिवर्तन का भी प्रयास करेगें। उन्होंने कहा कि एबीवीपी हुंकार से देश में परिवर्तन आयेगा। राष्ट्रीय महामंत्री श्री विनय बिद्रे ने कहा कि उ.प्र. के विकास का दावा पिछले कई वषोंर् से हो रहा है, लेकिन शिक्षा समेत तमाम क्षेत्रो में कोई विकास नहीं हुआ। यूपी में न तो पर्याप्त शिक्षण संस्थान हैं और न ही नौजवानों की पढ़ाई के प्रबंध। परिषद के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री श्रीनिवास ने कहा कि जब छात्र बदलते हैं तो इतिहास बदल जाता है। प्रतिनिधि
'गो रक्षा के लिए करें एकजुट होकर कार्य'
गत दिनों देहरादून में पाक्षिक पत्रिका 'हिमालय
हुंकार' के 'गोमाता विशेषांक' का विमोचन संपन्न हुआ। इस अवसर पर विश्व संवाद केन्द्र, देहरादून के निदेशक श्री विजय कुमार ने गोरक्षा के लिए 1872 में मलेरकोटला (पंजाब) तथा 1918 में कटारपुर (हरिद्वार) में हुए संघर्ष एवं उनके बलिदानियों को याद किया। पत्रिका के प्रबंध संपादक श्री रणजीत सिंह ज्याला ने 7 नवंबर, 1966 को गोहत्या बन्दी के लिए दिल्ली में हुए विराट प्रदर्शन की पचासवीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में निकाले गये विशेषांक की जानकारी दी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के केन्द्रीय सह व्यवस्था प्रमुख श्री अनिल ओक थे। श्री ओक ने कहा कि गो सेवा, गो संरक्षण समाज की जरूरत है। इसे करने के लिए देशवासी बिना भेदभाव एकजुट होकर कार्य करंे। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए पाञ्चजन्य एवं आर्गनाइजर के समूह संपादक श्री जगदीश उपासने ने पत्रिका को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि गोरक्षा एवं संवर्धन का प्रश्न केवल भावात्मक ही नहीं, आर्थिक भी है। गोरक्षा की जिम्मेदारी पूरे समाज की है। इस्लाम में भी गोहत्या की मनाही है। उन्होंने गोहत्या के प्रश्न पर मीडिया के रुख पर चिन्ता व्यक्त की। ल्ल देहरादून (विसंकें)
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