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सिंगापुर में दीपावली पर राजपत्रित सार्वजनिक अवकाश रहता है। वहां की सरकार के साथ-साथ सिंगापुर का हिंदू बंदोबस्ती बोर्ड इस उत्सव के दौरान कई कार्यक्रम आयोजित करता है। दीवाली को लेकर सिंगापुर में क्या खास तैयारियां हैं, यह आजकल सिंगापुर की मेट्रो ट्रेन में देखने को मिल सकता है। इस बार सिर्फ भारत ही दीपावली के इंतजार में सज-धज नहीं रहा है बल्कि सिंगापुर मेट्रो भी इसके इंतजार में सज-संवर कर तैयार है। सिंगापुर ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी ने दीवाली मनाने का एक अनूठा तरीका खोजा है। सिंगापुर सरकार का यह प्रयास वहां रह रहे भारतीय मूल के लोगों के साथ ही पर्यटकों को भी खूब भा रहा है। यह बताता है कि त्योहार किसी खास मत या समुदाय के नहीं होते बल्कि समाज के सभी लोगों को आपस में जोड़कर रखने के मकसद से ही शुरू किए गए होते हैं।
यहां अल्पसंख्यक भारतीय समुदाय अपने पारंपरिक उत्साह भाव से दीपावली मनाता है। तमिल लोग विशेष तौर से अधिक उत्साह और जोश के साथ इसमें भागीदारी करते हैं। इस मौके पर आम तौर पर भारतीय समुदाय घरों में रोशनी कर एक जश्न का माहौल बना देता है। इसके अलावा बाजारों, प्रदर्शनियों, परेड और संगीत की विभिन्न गतिविधियां और कार्यक्रम इस दौरान लिटिल इंडिया के इलाके में होते हैं। सिंगापुर के लोकप्रिय मास रेपिड ट्रांसिट ने हाल में दीपावली थीम की ट्रेन शुरू की है। एमआरटी सिस्टम का संचालन करने वाली लैंड ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी, सिंगापुर ने कहा है कि ''हम इस तरह रोशनी के त्योहार दीवाली को मनाने की शुरुआत कर रहे हैं और लोग इसमें लिटिल इंडिया जैसा महसूस करेंगे।''
दीवाली थीम वाली मेट्रो ट्रेन में लाइट और सजावट उसी तरह से की गई है जैसी सिंगापुर के लिटिल इंडिया क्षेत्र में होती है। ट्रेन में भारतीय ज्वेलरी, कमल के फूल और मोर जैसी आकृतियां बनाई गई हैं, जो कि भारतीय मान्यताओं के मुताबिक अच्छे भाग्य की निशानी माने जाते हैं। मेट्रो को रंगोली, दीये और भारतीय कला को प्रदर्शित करते वॉलपेपरों से सजाया गया है। ट्रेन को सजाने के लिए भारतीय डिजाइनरों की भी मदद ली गई है। लिटिल इंडिया सिंगापुर में ऐसा क्षेत्र है जहां ज्यादातर दुकानें और मकान भारतीय मूल के लोगों के हैं। लिटिल इंडिया में दो मेट्रो रेल स्टेशन हैं-नॉर्थ इस्टर्न लाइन और डाउनटाउन लाइन। दोनों को ही दीपावली थीम में सजाया गया है। त्योहार की यह थीम केवल ट्रेन के अंदर ही नहीं है बल्कि स्टेशनों पर भी दिखती है। हर तरफ रोशनी की गई है। यहां पटाखों पर प्रतिबंध है। लोग बेपटाखा दीवाली मनाते हैं।
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