चश्मे बदलता मीडिया
July 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

चश्मे बदलता मीडिया

by
May 23, 2016, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 23 May 2016 15:44:23

निष्पक्ष होने का दावा करने वाला मीडिया और तथाकथित बड़े पत्रकारों के पाखंड हर दिन जनता के आगे खुल रहे हैं। एक जैसी दो खबरों पर इनका रवैया अलग-अलग तरह का हो सकता है। एक जैसी दो घटनाओं पर इनकी प्रतिक्रिया अलग हो सकती है। एक जैसे दो बयानों पर इनका जवाब अलग-अलग हो सकता है। मीडिया में दोहरे मापदंड के इस दौर में तार्किकता और सहजबुद्धि की उम्मीद करना ही बेकार है।
तृप्ति देसाई जब तक हिंदू मंदिरों में प्रवेश को लेकर विवाद पैदा करती रहीं, उन्हें मीडिया की भरपूर मदद मिली। घर से निकलने से लेकर मंदिर तक पहुंचने तक एक-एक कदम का 'लाइव कवरेज' होता रहा। लेकिन तृप्ति देसाई ने जब से मुंबई की हाजी अली दरगाह का रुख किया, उनके कई हितैषी रूठ गए। एनडीटीवी को तो मानो सांप ही सूंघ गया है। इस पूरे प्रकरण से यह बात साबित हुई कि तृप्ति देसाई के पीछे कहीं न कहीं किसी हिंदू विरोधी ताकत का हाथ है। देसाई की कांग्रेसी पृष्ठभूमि को देखते हुए यह समझना बहुत मुश्किल नहीं है कि उनके पीछे कौन है।
मालेगांव धमाके में भी मीडिया का दोहरा रवैया खुलकर सामने आया। कुछ दिन पहले इसी मामले में सभी 9 मुसलमान आरोपियों को बरी किया गया था। तब किसी ने यह आरोप नहीं लगाया कि सरकार ने जान-बूझकर ढिलाई की, जिससे आरोपी छूट गए। लेकिन जैसे ही साध्वी प्रज्ञा और दूसरे हिंदू आरोपियों के खिलाफ कोई साक्ष्य न होने की बात सामने आई, मीडिया के एक तबके में कोहराम मच गया। तमाम तथाकथित बड़े पत्रकार अपने चैनलों और अखबारों में फुफकारते दिखाई दिए। कुछ ने ट्विटर पर इसके पीछे नरेंद्र मोदी सरकार का हाथ होना करार दिया। लेकिन वे भूल गए कि यह सरकार तो अभी आई है। उससे पहले उनकी प्रिय कांग्रेस सरकार भी तथाकथित भगवा आतंकवादियों के खिलाफ रत्तीभर सबूत इकट्ठा नहीं कर पाई थी।
 शुक्र है कि कुछ चैनलों ने यह दिखाया कि कैसे बिना किसी कसूर साध्वी प्रज्ञा ने 8 साल तक जेल में भयानक यातनाएं झेलीं। आजतक चैनल पर रात 9 बजे विस्तार से बताया गया कि साध्वी प्रज्ञा ने बीते 8 साल जेल में कैसे गुजारे। लेकिन अगले ही घंटे हाथ मसलते हुए क्रांतिकारी एंकर ने वे सारी बातें कहनी शुरू कर दीं, जिनसे उनका अज्ञान और एजेंडा दोनों ही सामने आ गए।
 केरल में एक दलित नर्सिंग छात्रा के साथ बलात्कार के मामले पर भी मीडिया का रवैया चिंता में डालने वाला रहा। स्थानीय मीडिया ही नहीं, तथाकथित राष्ट्रीय समाचार चैनलों ने भी इस खबर पर सेंसर लगा दिया। जिसने थोड़ा बहुत दिखाया भी तो ऐसे कि रस्म अदायगी हो जाए। समझते देर नहीं लगी कि आरोपी एक खास मजहब के हैं। यह ट्रेंड सिर्फ केरल में नहीं, बल्कि पूरे देश में देखने को मिल रहा है कि अगर बलात्कारी या हत्यारे एक खास मजहब के होते हैं तो मीडिया के मुंह सिल जाते हैं। अपराध को मजहब के चश्मे से देखने का यह रवैया खतरनाक है।
 बिहार में हत्या, अपहरण और वसूली की घटनाएं तो नीतीश कुमार के सत्ता में आने के बाद से ही शुरू हो गईं थीं, लेकिन पिछले दिनों पहली बार तथाकथित राष्ट्रीय मीडिया को भी इसकी खबर लगी। एक छात्र और एक पत्रकार की जिस तरह हत्या की गई, उसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री बनाने का सपना देख रहे कुछ संपादकों को मजबूरी में यह खबर दिखानी पड़ी। गौर करने वाली बात यह रही कि कुछेक चैनलों को छोड़कर दिल्ली के मीडिया ने सीधे तौर पर इस हालत के लिए नीतीश कुमार को जिम्मेदार नहीं ठहराया।
 दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बिहार की कानून-व्यवस्था पर प्रोग्राम दिखा रहे एबीपी न्यूज को खुलेआम धमकी ही दे डाली। उन्होंने आरोप लगाया कि आनंद बाजार पत्रिका समूह का यह चैनल मोदी-विरोधी नेताओं के खिलाफ अभियान चला रहा है। लेकिन कुछ दिन पहले जब इसी समूह के अखबार द टेलीग्राफ ने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को लेकर बेहद आपत्तिजनक हेडलाइन लगाई थी, तो उसे आम आदमी पार्टी के तमाम बड़े नेताओं ने चटखारे ले-लेकर शेयर किया था।
केजरीवाल के साथ मीडिया का रिश्ता बेहद अजीब है। दिल्ली सरकार के विज्ञापनों के चक्कर में ज्यादातर अखबार और चैनल इन दिनों शहर में बिजली-पानी के संकट और जनता की परेशानियों से जुड़े दूसरे विषयों को छू तक नहीं रहे हैं। देश की राजधानी में अप्रैल से लेकर 15 मई तक गर्मी से 340 लोगों की मौत हो चुकी है। लेकिन इसका जिक्र तक मुख्यधारा मीडिया से गायब है। ऐसे में जब कभी केजरीवाल मीडिया समूहों को खुलेआम धौंस देते हैं तो वे उसे खुशी-खुशी सह
लेते हैं।
 उधर हैदराबाद विश्वविद्यालय में दलित छात्रों को मोहरा बनाने के कांग्रेसी और वामपंथी खेल का भंडाफोड़ हो गया। रोहित वेमुला की आत्महत्या के बाद शुरू हुए आंदोलन का हिस्सा रहे छात्रसंघ के एक पदाधिकारी ने पूरी साजिश की पोल खोल दी। इस मामले में भी तथाकथित मुख्यधारा मीडिया का रवैया उम्मीद के मुताबिक ही रहा। जो मीडिया हैदराबाद विश्वविद्यालय की घटनाओं को सीधे केंद्र सरकार से जोड़ देता है, वह इस मामले की असलियत के सामने आ जाने के बाद क्यों शुतुरमुर्ग की तरह मुंह छिपा लेता है?    ल्ल 

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

हमले में मारी गई एक युवती के शव को लगभग नग्न करके गाड़ी में पीछे डालकर गाजा में जिस प्रकार प्रदर्शित किया जा रहा था और जिस प्रकार वहां के इस्लामवादी उस शव पर थूक रहे थे, उसने दुनिया को जिहादियों की पाशविकता की एक झलक मात्र दिखाई थी  (File Photo)

‘7 अक्तूबर को इस्राएली महिलाओं के शवों तक से बलात्कार किया इस्लामी हमासियों ने’, ‘द टाइम्स’ की हैरान करने वाली रिपोर्ट

राजस्थान में भारतीय वायुसेना का Jaguar फाइटर प्लेन क्रैश

डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी

किशनगंज में घुसपैठियों की बड़ी संख्या- डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी

गंभीरा पुल बीच में से टूटा

45 साल पुराना गंभीरा ब्रिज टूटने पर 9 की मौत, 6 को बचाया गया

पुलवामा हमले के लिए Amazon से खरीदे गए थे विस्फोटक

गोरखनाथ मंदिर और पुलवामा हमले में Amazon से ऑनलाइन मंगाया गया विस्फोटक, आतंकियों ने यूज किया VPN और विदेशी भुगतान

25 साल पहले किया था सरकार के साथ फ्रॉड , अमेरिका में हुई अरेस्ट; अब CBI लायेगी भारत

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

हमले में मारी गई एक युवती के शव को लगभग नग्न करके गाड़ी में पीछे डालकर गाजा में जिस प्रकार प्रदर्शित किया जा रहा था और जिस प्रकार वहां के इस्लामवादी उस शव पर थूक रहे थे, उसने दुनिया को जिहादियों की पाशविकता की एक झलक मात्र दिखाई थी  (File Photo)

‘7 अक्तूबर को इस्राएली महिलाओं के शवों तक से बलात्कार किया इस्लामी हमासियों ने’, ‘द टाइम्स’ की हैरान करने वाली रिपोर्ट

राजस्थान में भारतीय वायुसेना का Jaguar फाइटर प्लेन क्रैश

डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी

किशनगंज में घुसपैठियों की बड़ी संख्या- डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी

गंभीरा पुल बीच में से टूटा

45 साल पुराना गंभीरा ब्रिज टूटने पर 9 की मौत, 6 को बचाया गया

पुलवामा हमले के लिए Amazon से खरीदे गए थे विस्फोटक

गोरखनाथ मंदिर और पुलवामा हमले में Amazon से ऑनलाइन मंगाया गया विस्फोटक, आतंकियों ने यूज किया VPN और विदेशी भुगतान

25 साल पहले किया था सरकार के साथ फ्रॉड , अमेरिका में हुई अरेस्ट; अब CBI लायेगी भारत

Representational Image

महिलाओं पर Taliban के अत्याचार अब बर्दाश्त से बाहर, ICC ने जारी किए वारंट, शीर्ष कमांडर अखुंदजदा पर भी शिकंजा

एबीवीपी का 77वां स्थापना दिवस: पूर्वोत्तर भारत में ABVP

प्रतीकात्मक तस्वीर

रामनगर में दोबारा सर्वे में 17 अवैध मदरसे मिले, धामी सरकार के आदेश पर सभी सील

प्रतीकात्मक तस्वीर

मुस्लिम युवक ने हनुमान चालीसा पढ़कर हिंदू लड़की को फंसाया, फिर बनाने लगा इस्लाम कबूलने का दबाव

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies