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खेती के उपकरणों में नित नूतन प्रयोगों के लिए जाने-माने 'पूसा' संस्थान ने किसानों के लिए कम मेहनत में अधिक कुशलता पाने के लिहाज से बुआई, कटाई, निराई और छंटाई की कई मशीनें बनाई हैं जिन्होंने देश भर में 'कम कीमत में ज्यादा मुनाफा' वाली उक्ति को सच कर दिखाया है।
मेले में 'पूसा' की दीर्घा में टैक्टर चालित मेड़ बनाने और साथ-साथ पैकिंग करने वाली मशीन भीआकर्षण का केन्द्र रही। खेत में यह मशीन टैक्टर के पीछे जोड़कर चलाई जाती है। इसमें आगे के लोहे के दो चक्के कच्ची मिट्टी में मेड़ बनाते चलते हैं और पीछे एक खास कोण में लगे दो दूसरे चक्के मेड़ पर मिट्टी को जमाकर उसे पुख्ता करते चलते हैं। 'पूसा' के प्रमुख वैज्ञानिक एस. पी. सिंह ने विशेष बातचीत में 'पाञ्चजन्य' को बताया कि 250 किलो भार की यह मशीन मानव श्रम में 19 से 24 गुना कटौती कर देती है।
अभी संस्थान ने इसकी कीमत 50,000 रु.रखी है पर और अध्ययन-सर्वेक्षण के बाद इसकी असली कीमत तय करके बाजार में उतारा जाएगा। मशीन को कौतुहल से परख रहे रोहतक के मनवीर सिंह ने उत्साहित स्वर में कहा, 'इब यो मशीण आणे से कमसकम मेड़ में ता मेहनत कम लागेगी। यो घणी काम की लाग री सै।'
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