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इलाहाबाद। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ काशी प्रांत के प्रांत प्रचारक श्री अभय ने कहा कि हिंदू समाज को समरस बनाने के लिए समानता नहीं समरसता की जरूरत है। सभी के पूर्वज एक ही हैं, सभी सहोदर हैं। वे रविदास जयंती की पूर्वसंध्या पर प्रयाग संगीत समिति रामबाग में आयोजित सेवा भारती की संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि संत रविदास का जन्म समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करने के लिए हुआ और उन्होंने देश के विभिन्न क्षेत्रों में जाकर लोगों को एक रास्ते पर चलने का संदेश दिया। वे एक महान संत थे, रामानन्द के परम शिष्य थे और सभी संतों ने हिंदू समाज को एकजुट करने के लिए काफी प्रयास किया।
विशिष्ट अतिथि कौशाम्बी के सांसद विनोद सोनकर ने कहा कि उन्होंने समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करने का प्रयास किया, जिससे हिन्दू समाज एक साथ खड़ा हो ताकि विनाशकारी शक्तियों से लड़ने में हम कमजोर न हों। संगोष्ठी का उद्घाटन स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने दीप प्रज्ज्वलन से किया और संत रविदास को श्रद्घासुमन अर्पित किए। मंच संचालन सेवा भारती के प्रयाग महानगर के विभाग सेवा प्रमुख सुरेश ने किया। संगोष्ठी में समाज की सेवा में लगे डॉ कमलाकर, डॉ. डीके शुक्ला ने मेधावी छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया गया।प्रतिनिधि
'एकात्म मानववाद' के पंजाबी रूपांतरण का लोकार्पण
चंडीगढ़। आम जनता खासकर पंजाब के लोगों को भारतीय दर्शनशास्त्री, अर्थशास्त्री, समाजशास्त्री, इतिहासकार और राजनीतिक वैज्ञानिक पंडित दीनदयाल उपाध्याय की ज्ञान परंपरा से अवगत करवाने के लिए उनकी पुस्तक 'एकात्म मानववाद' का पंजाबी रूपांतरण लोकार्पित किया गया। पंजाब और हरियाणा के राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी ने पुस्तक का विमोचन किया। पंजाब विश्वविद्यालय के गोल्डन जुबली हॉल में आयोजित एकात्म मानव प्रतिष्ठान में अनेक लोग उपस्थित थे।
प्रो. सोलंकी ने कहा कि यदि भारत को 21वीं सदी का सबसे ताकतवर देश बनाना है तो हमें उपाध्याय जी के सिद्धांतों और विचारधारा को अपनाना होगा। इस पुस्तक का अनुवाद पंजाबी भाषा के विद्वान श्री संजीव शर्मा ने किया है। इस मौके पर पंजाब सरकार के सहायक मीडिया सलाहकार विनीत जोशी, चंडीगढ़ के महापौर अरुण सूद और खेती विरासत मिशन के डॉ. उमेंद्र दत्त ने भी अपने विचार रखे। मुख्य वक्ता जाने-माने अर्थशास्त्री डॉ. बजरंग लाल गुप्त ने कहा कि उपाध्याय जी ने एकात्म मानवतावाद की राजनीतिक ज्ञान विधा को समझा। यह दर्शन प्रत्येक मनुष्य के शरीर, मन, बुद्धि और आत्मा के एकीकरण और संकल्पित होने की वकालत करता है। उन्होंने भारत के लिए एक विकेन्द्रीकृत तंत्र और गांव की स्वायत्त अर्थव्यवस्था का सपना देखा था। वे मानते थे कि भारतीय बुद्धिमत्ता पाश्चात्य सिद्धांतों का शिकार बनती जा रही है जो कि विकास में बाधा है। वे आधुनिक तकनीक का स्वागत करते थे पर चाहते थे कि वह भारतीय जरूरतों के अनुकूल हो। उन्होंने अपने अनुयायियों को सही वक्त पर सरकार का सहयोग करने और गलती होने पर उसका विरोध करने की सलाह दी। वे स्वराज में विश्वास रखते थे।
एकात्म मानव प्रतिष्ठान के पंकज जैन ने बताया कि इस पुस्तक का उर्दू में अनुवाद करने की कोशिशें जारी हैं और साथ ही उपाध्याय जी के बाकी साहित्य का पंजाबी प्रारूप भी दिया जाएगा। राकेश सैन
आरक्षण आंदोलनकारियों से अपील
हिसार। हरियाणा में रा.स्व. संघ ने समाज के सभी लोगों से सामाजिक सौहार्द व सद्भाव बनाए रखने की अपील की है। हिसार में प्रेस वार्ता में कहा कि रा.स्व.संघ का मानना है कि भारत मां की संतान होने के नाते हम सभी भाई-भाई हैं, भाई-भाई में मतभेद हो सकता है, लेकिन मनभेद नहीं होना चाहिए। आपस में मिल बैठकर सभी समस्याओं का समाधान किया जा सकता है। आज अपने प्रांत में ऐसी ही परिस्थितियां आ खड़ी हुई हैं। इसलिए आवश्यकता है समझदारी दिखाने की, आपसी सौहार्द बनाए रखने की, मिल बैठकर समस्याओं का निदान ढूंढने की़ राष्ट्रीय संपत्ति को नुकसान पहुंचाना, शेष समाज को कष्ट पहुंचाना किसी के लिए भी हितकर नहीं हो सकता। अत: रा.स्व.संघ सभी समाज बंधुओं से अपील करता है कि आपसी भाईचारा बनाए रखें। असामाजिक तत्वों से सावधान रहें तथा एक अनुशासनप्रिय समाज के निर्माण में सहयोग करें। विश्व संवाद केन्द्र, हिसार
राष्ट्रीय प्राणी घोषित हो गाय
जोधपुर। गोविज्ञान अनुसंधान समिति के राज्यस्तरीय प्रतिभा सम्मान समारोह और जनचेतना समागम में राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के अखिल भारतीय गो सेवा प्रमुख श्री शंकरलाल ने कहा कि गाय को राष्ट्रीय प्राणी घोषित किया जाए। मेडिकल कॉलेज सभागार में उपस्थित प्रतिभागियों और सम्मानित नागरिकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि गो संर्वधन और संरक्षण आवश्यक है। विशिष्ट अतिथि नवरंग लाल शर्मा ने गोबर व गोमूत्र आधारित कम लागत की खेती पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार के गोपालन एवं देवस्थान विभाग के राज्यमंत्री ओटाराम देवासी ने कहा कि गो परीक्षा के माध्यम से विद्यालयी बच्चों में अच्छे संस्कारों का प्रवाह होता है। महामंडलेश्वर दाती महाराज मदन राजस्थानी ने कहा कि भारत की सनातन संस्कृति महान है। परीक्षा में राज्य, जिला, तहसील और प्रांत स्तर पर प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान पाने वालों को स्मृति चिन्ह व प्रमाणपत्र दिए गए। अतिथियों का स्वागत प्रांत संयोजक कैलाश जोशी ने किया। विश्व संवाद केन्द्र, जोधपुर
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