मन्दिरों की जमीनें, सेकुलरों के कब्जे!
May 11, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

मन्दिरों की जमीनें, सेकुलरों के कब्जे!

by
Dec 7, 2015, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 07 Dec 2015 12:37:29

 

केरल उच्च न्यायालय द्वारा पिछले दिनों राज्य सरकार को मालाबार देवासम बोर्ड की कब्जाई भूमि खाली कराने के आदेश दिए थे। देवासम बोर्ड मंदिरों का परिचालन करता है, लेकिन अदालती आदेश के बावजूद बोर्ड ने मंदिरों की जमीनें सेकुलर कब्जों से खाली नहीं करार्इं, बल्कि कब्जे और बढ़ गए हैं। उत्तरी केरल में मंदिरों की करीब 25 हजार एकड़ भूमि पर मालाबार परिक्षेत्र में कुछ संस्थाओं और व्यक्तियों ने अतिक्रमण कर रखा है। हाल ही में केरल उच्च न्यायालय ने इस भूमि से अतिक्रमण हटाकर खाली करवाने के लिए आयोग का गठन किया था। इस आदेश की हिन्दू संगठनों ने काफी प्रशंसा भी की थी। हिन्दू एक्य वेदी संगठन के महासचिव कुम्मनम राजशेखरन ने कहा कि केरल सरकार को उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए अतिक्रमण हटाना चाहिए क्योंकि केरल सरकार वर्षों से मामले की अनदेखी करती आ रही है जिस कारण उच्च न्यायालय को यह आदेश जारी करना पड़ा। साथ ही राजस्व विभाग को चाहिए कि वह अतिक्रमण की गई भूमि को चिह्नित कर खाली करवाकर उसका सीमांकन करे। इसके बाद ही इस भूमि को पट्टे पर दिया जाना चाहिए। न्यायालय के आदेश पर राजस्व सचिव के. आर. ज्योतिलाल ने 12 सितम्बर, 2014 को मंदिर की भूमि खाली करवाने का आदेश दिया गया था जिसकी पूरी तरह से अनदेखी की गई है। सूत्रों की मानें तो जिलाधिकारी को नोटिस जारी कर मंदिर की भूमि को भूमि सुधार अधिनियम 1957 के तहत खाली करवाने का आदेश दिया था। अतिक्रमण की हुई भूमि को 15 दिनों में मुक्त कराने के बाद कब्जा करने वालों से भूमि की कीमत का तीन गुना जुर्माना वसूल करना था। यह आदेश जिलाधिकारी के माध्यम से उप जिलाधिकारी और तहसीलदार को भी दिया गया था। इस आदेश की एक प्रति देवासम बोर्ड के आयुक्त को भेजी गई थी। हैरानी की बात यह है कि केरल उच्च न्यायालय द्वारा एक वर्ष पूर्व जारी किए आदेश पर अभी तक कार्रवाई नहीं की गई। हाल ही में न्यायालय ने एक सुनवाई के दौरान चोट्टनिकारा मंदिर की भूमि से अतिक्रमण हटाने का आदेश भी जारी किया, जो कि कोच्चि देवासम बोर्ड के अंतर्गत आता है। राज्य सरकार को इस पर की गई कार्रवाई की रपट तीन माह के भीतर न्यायालय में पेश करनी होगी। मालाबार में मंदिरों का संचालन मालाबार देवासम बोर्ड द्वारा किया जाता है जिसका गठन 2008 में हुआ था। बोर्ड को भूमि संबंधी सभी अधिकार प्राप्त हैं और यदि मंदिर की भूमि पर अतिक्रमण होता है तो रोकना सीधे-सीधे राज्य सरकार की जिम्मेदारी बनती है। मालाबार देवासम बोर्ड ने 2014 में केरल उच्च न्यायालय में शपथपत्र दाखिल किया था कि मंदिर की भूमि पर बार-बार हो अतिक्रमण के लिए राज्य सरकार जिम्मेदार है। स्वयं को फंसता देख सरकार न्यायालय में सारा ठीकरा राजस्व सचिव ज्योतिलाल पर फोड़ रही है कि उनके द्वारा नोटिस जारी किया गया था जिसके बाद मामले को दबा दिया गया। लेकिन हिन्दू संगठनों के बार-बार मंदिर की भूमि मुक्त करवाने की मांग पर प्रशासन ने पूरी तरह से चुप्पी साध रखी है। मंदिर की हजारों एकड़ भूमि पर इलाके के प्रभावशाली मुसलमान और ईसाइयों ने कब्जा कर रखा है, जिनके ऊपर सेकुलरदलों का हाथ बना हुआ है। इस तरह मंदिर की भूमि पर कब्जा करवाकर अल्पसंख्यकों को राज्य में बढ़ावा दिया जा रहा है। इससे साफ है कि राज्य सरकार और देवासम बोर्ड जानबूझकर पर्दे के पीछे रहकर तमाशा देखते हुए हिन्दू संगठनों की आंखों में धूल झोंक रहे हैं। यह लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है कि किस तरह से न्यायालय के आदेश के बाद भी केरल की सेकुलर सरकार मंदिरों की अनदेखी कर रही है। लंबे समय से मालाबार देवासम बोर्ड और राज्य सरकार की मिलीभगत के चलते यह स्थिति बनी हुई है।    प्रदीप कृष्णन

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Free baloch movement

बलूचों ने भारत के प्रति दिखाई एकजुटता, कहा- आपके साथ 60 मिलियन बलूच लोगों का समर्थन

समाधान की राह दिखाती तथागत की विचार संजीवनी

प्रतीकात्मक तस्वीर

‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर भारतीय सेना पर टिप्पणी करना पड़ा भारी: चेन्नई की प्रोफेसर एस. लोरा सस्पेंड

British MP Adnan Hussain Blashphemy

यूके में मुस्लिम सांसद अदनान हुसैन को लेकर मचा है बवाल: बेअदबी के एकतरफा इस्तेमाल पर घिरे

पाकिस्तान के साथ युद्धविराम: भारत के लिए सैन्य और नैतिक जीत

Indian DRDO developing Brahmos NG

भारत का ब्रम्हास्त्र ‘Brahmos NG’ सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल अब नए अवतार में, पांच गुणा अधिक मारक क्षमता

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Free baloch movement

बलूचों ने भारत के प्रति दिखाई एकजुटता, कहा- आपके साथ 60 मिलियन बलूच लोगों का समर्थन

समाधान की राह दिखाती तथागत की विचार संजीवनी

प्रतीकात्मक तस्वीर

‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर भारतीय सेना पर टिप्पणी करना पड़ा भारी: चेन्नई की प्रोफेसर एस. लोरा सस्पेंड

British MP Adnan Hussain Blashphemy

यूके में मुस्लिम सांसद अदनान हुसैन को लेकर मचा है बवाल: बेअदबी के एकतरफा इस्तेमाल पर घिरे

पाकिस्तान के साथ युद्धविराम: भारत के लिए सैन्य और नैतिक जीत

Indian DRDO developing Brahmos NG

भारत का ब्रम्हास्त्र ‘Brahmos NG’ सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल अब नए अवतार में, पांच गुणा अधिक मारक क्षमता

Peaceful Enviornment after ceasfire between India Pakistan

भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर के बाद आज क्या हैं हालात, जानें ?

Virender Sehwag Pakistan ceasfire violation

‘कुत्ते की दुम टेढ़ी की टेढ़ी ही रहती है’, पाकिस्तान पर क्यों भड़के वीरेंद्र सहवाग?

Operation sindoor

Operation Sindoor: 4 दिन में ही घुटने पर आ गया पाकिस्तान, जबकि भारत ने तो अच्छे से शुरू भी नहीं किया

West Bengal Cab Driver Hanuman chalisa

कोलकाता: हनुमान चालीसा रील देखने पर हिंदू युवती को कैब ड्राइवर मोहममद इरफान ने दी हत्या की धमकी

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies