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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक श्री ना. कृष्णप्पा का निधन 10 अगस्त को बेंगलुरू केे संघ कार्यालय 'केशवकृपा' में हो गया। वे 83 वर्ष के थे और पिछले कुछ महीनों से अस्वस्थ थे। वे 1954 से संघ के प्रचारक थे। उन्होंने 61 वर्ष तक प्रचारक का दायित्व निभाया और हजारों लोगों को संघ से जोड़ने का कार्य किया। उनका जन्म मैसूर में जन्माष्टमी के दिन 1932 में हुआ था। वे अपने माता-पिता की दूसरी सन्तान थे। उन्होंने संस्कृत में स्नातक किया था। महाविद्यालय में अध्ययन के दौरान ही वे संघ के सम्पर्क में आ गए थे। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने संघ प्रचारक के नाते अपने आपको राष्ट्र सेवा के लिए समर्पित कर दिया था। उन्हें 1954 में सबसे पहले चामराजनगर तालुका में तालुका प्रचारक का दायित्व दिया गया था। इसके बाद 1955 से 1975 तक उन्होंने जिला प्रचारक और विभाग प्रचारक का दायित्व निभाया। 1975 में आपातकाल का विरोध करने के कारण उन्हें जेल भेज दिया गया। जेल से बाहर आने के बाद उन्हें 1978 में प्रान्त बौद्धिक प्रमुख का दायित्व दिया गया। 1980 में उन्हें कर्नाटक प्रान्त का प्रान्त प्रचारक बनाया गया। 1989 में उन्हें क्षेत्र (कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु) प्रचारक का दायित्व सौंपा गया। 2004 में उन्हें संघ के अखिल भारतीय कार्यकारी मण्डल का सदस्य बनाया गया। 2014 में उन्हें परिवार प्रबोधन का दायित्व दिया गया था।
श्री कृष्णप्पा के निधन पर सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत, सरकार्यवाह श्री भैयाजी जोशी, सहसरकार्यवाह श्री दत्तात्रेय होसबाले, श्री वी. भागैया, डॉ. कृष्णगोपाल, श्री सुरेश सोनी, अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख डॉ. मनमोहन वैद्य, क्षेत्रीय संघचालक श्री वी.नागराज सहित अनेक वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने शोक संवेदना व्यक्त की है। – प्रतिनिधि
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