योग करो, मस्त रहो
July 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

योग करो, मस्त रहो

by
Jun 13, 2015, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 13 Jun 2015 13:03:08

संसार में भेद में अभेद और अभेद में भेद सर्वत्र है। आत्मा, परमात्मा होते हुए भी अलग है और अलग होते हुए भी एक है, केवल बोध होने की देर है । बोध होते ही जीव ब्रह्म हो जाता है, बुद्ध हो जाता है, प्रकट परमात्मा हो जाता है। संसार की समस्त शक्तियां उसके वश में हो जाती हैं। विज्ञान के विद्यार्थी जानते हैं – प्रकाश स्थूल वस्तु है भी और नहीं भी। इसी तरह योग के विभिन्न मार्ग एक होकर भी अनेक और अनेक होकर भी एक हैं । समाधि या मोक्ष प्राप्ति की दिशा में, जाने या अनजाने में किया गया हर साधन योग ही है। योग में उपलब्धि दो तरह से होती है- साधक के अपने प्रयत्न से; और गुरु कृपा – बोध युक्त गुरु की कृपा से। साधन और कृपा भी परस्पर बंधे हैं। साधन करने पर ही कृपा प्राप्त होती है और परमात्म-कृपा से ही साधन में प्रवृत्ति होती है। साधक की उत्कंठा जितनी अधिक होती है परिणाम उतना जल्दी प्राप्त होता है। नरेंद्र के मन में उठे तीव्र संवेग को कृतार्थ कर श्री रामकृष्ण परमहंस की कृपा ने पल भर में स्वामी विवेकानंद बना दिया । इस मार्ग या परंपरा में साधन तो किया जाता है परंतु गुरु प्रसाद (प्रसन्नता) ही उपलब्धि का मुख्य हेतु होता है । पूर्ण, स्वरूपोपलब्ध योगी जब साधक के प्रयत्न या संवेग से प्रसन्न होकर या फिर अहेतु (बिना कारण) की कृपा करके अपनी शक्ति का संचार शिष्य में करते हैं तब योग घटित होता है। साधक की करने की सामर्थ्य से परे की चीजें होती हैं। वह ध्यान, समाधि, तन्मयता की स्थिति में चला जाता है और ये स्थिति घंटों या कभी-कभी कई दिनों तक बनी रहती है । कभी साधक को पता भी नहीं होता और उसके आसन हो रहे होते हैं, प्राणायाम और अन्य क्रियाएं होने लगती हैं। सांसारिक दृष्टि से देखने पर वे बेसुध या नशे जैसी स्थिति में दिखाई देता है, लेकिन उसकी आवश्यकता के अनुसार उसके शरीर की क्रियाएं, चिति शक्ति – चेतना या कुण्डलिनी करा रही होती है ; जबकि मन उसका लीन होता है । चित्त की शुद्धि कुछ अधिक हो तो शांत बैठकर समाधि का आनंद लूटता है। बोलकर, स्पर्श से, दृष्टि से, पुष्प आदि के प्रसाद द्वारा या केवल संकल्प से, पूर्ण गुरु का अपने शिष्य में शक्ति का संचार करना शक्तिपात कहलाता है। (आजकल रेकी, प्राणिक हीलिंग, या थोड़ी बहुत साधना करने वाले लोग, प्राण के थोड़े बहुत आदान प्रदान को शक्तिपात कहने लगे हैं जो गलत है । ऐसी शक्तिपात दीक्षा, पूर्ण योगी, आमतौर पर एकांत में या गिने चुने लोगों के सामने करते हैं। इंग्लैंड के प्रोफेसर हिल्स ने अपने मित्र एक प्रोफेसर को (15 मिनट बाद जिनका व्याख्यान था) भेजा, ये देखने के लिए कि यहां एक योगी जो पुष्प का प्रसाद देते हैं उससे होता क्या है? जिज्ञासु प्रोफेसर को प्रसाद देकर बैठा दिया गया, वह ध्यान में चले गए। प्रोफेसर हिल्स आदि के उठाने से भी वो नहीं उठे, व्याख्यान का समय जाता रहा । 4-5 घंटे बाद उन योगी द्वारा उठाने पर उसने कहा कि हमें वास्तव में योगी मिले हैं। और उन योगी ने कहा- योग भारत की विद्या है, (केवल) भारत में ही योग को समझते हैं इसलिए योग की 'यूनिवर्सिटी' कहीं हो तो वह भारत में ही हो। योगीजन बताते हैं कि जन्म जन्मांतर में सब तरह की साधनाएं करने के बाद ऐसे पूर्ण योगी की शरण प्राप्त होती है।
योग, उसके भेद, अंग और उपांग
आलस्य से मोटापा बढ़ता है और मोटापा बढ़ने से आलस्य आता है। तनाव से कार्यक्षमता घटती है और कार्यक्षमता घटने से तनाव बढ़ता है । क्रोध से रक्तदाब बढ़ता है और रक्तदाब बढ़ने से क्रोध आता है। आप एक अवगुण को प्रश्रय दे तो दूसरे अवगुण भी बढ़ने लगते हैं। एक गुण को बढ़ाओ तो और गुण भी बढ़ने लगते हैं। समान को आकर्षित करता है और विपरीत को दबाता है। आप यौगिक सूक्ष्म व्यायाम कीजिए, मोटापा और आलस्य दोनों भागेंगे । आप ॐकार जाप शुरू कीजिए, तनाव भागेगा कार्यक्षमता बढ़ेगी। आप शीतली प्राणायाम कीजिए, क्रोध और उच्च रक्तदाब दोनों घटने लगेंगे। इसी तरह योग साधना के एक उपादान सत्य को धारण करेंगे तो चोरी और हेराफेरी अपने आप छूट जाएगा। शरीर आत्म भाव – शरीर को मैं मानने से ऊपर उठने की कोशिश करेंगे तो वितृष्णा अपने आप आ जाएगी। भक्तों के संपर्क में रहेंगे तो भक्तिभाव बढ़कर परमात्मा को ही करण-कारण देखने लगेंगे और उससे कर्तापन का भाव छूट जाएगा। हर व्यक्ति की सामर्थ्य अलग है , पसंद अलग है, गुण, कर्म, स्वभाव अलग हैं। जो आपके लिए सहज हो, किसी एक साधन को पकड़ लीजिए, बाकी सब साधन अपनेआप चल पड़ेंगे। अपने स्वभाव के विपरीत जाएंगे तो ज्यादा दिन करना मुश्किल होगा, उक्ताहट होने लगेगी।
– पाञ्चजन्य ब्यूरो

 

योग आध्यात्मिक कामधेनु है। उससे जो कुछ मांग जाए वह मिल सकता है।
-डॉ. संपूर्णानंद, दार्शनिक एवं पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

पुलवामा हमले के लिए Amazon से खरीदे गए थे विस्फोटक

गोरखनाथ मंदिर और पुलवामा हमले में Amazon से ऑनलाइन मंगाया गया विस्फोटक, आतंकियों ने यूज किया VPN और विदेशी भुगतान

25 साल पहले किया था सरकार के साथ फ्रॉड , अमेरिका में हुई अरेस्ट; अब CBI लायेगी भारत

Representational Image

महिलाओं पर Taliban के अत्याचार अब बर्दाश्त से बाहर, ICC ने जारी किए वारंट, शीर्ष कमांडर अखुंदजदा पर भी शिकंजा

एबीवीपी का 77वां स्थापना दिवस: पूर्वोत्तर भारत में ABVP

प्रतीकात्मक तस्वीर

रामनगर में दोबारा सर्वे में 17 अवैध मदरसे मिले, धामी सरकार के आदेश पर सभी सील

प्रतीकात्मक तस्वीर

मुस्लिम युवक ने हनुमान चालीसा पढ़कर हिंदू लड़की को फंसाया, फिर बनाने लगा इस्लाम कबूलने का दबाव

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

पुलवामा हमले के लिए Amazon से खरीदे गए थे विस्फोटक

गोरखनाथ मंदिर और पुलवामा हमले में Amazon से ऑनलाइन मंगाया गया विस्फोटक, आतंकियों ने यूज किया VPN और विदेशी भुगतान

25 साल पहले किया था सरकार के साथ फ्रॉड , अमेरिका में हुई अरेस्ट; अब CBI लायेगी भारत

Representational Image

महिलाओं पर Taliban के अत्याचार अब बर्दाश्त से बाहर, ICC ने जारी किए वारंट, शीर्ष कमांडर अखुंदजदा पर भी शिकंजा

एबीवीपी का 77वां स्थापना दिवस: पूर्वोत्तर भारत में ABVP

प्रतीकात्मक तस्वीर

रामनगर में दोबारा सर्वे में 17 अवैध मदरसे मिले, धामी सरकार के आदेश पर सभी सील

प्रतीकात्मक तस्वीर

मुस्लिम युवक ने हनुमान चालीसा पढ़कर हिंदू लड़की को फंसाया, फिर बनाने लगा इस्लाम कबूलने का दबाव

प्रतीकात्मक तस्वीर

उत्तराखंड में भारी बारिश का आसार, 124 सड़कें बंद, येलो अलर्ट जारी

हिंदू ट्रस्ट में काम, चर्च में प्रार्थना, TTD अधिकारी निलंबित

प्रतीकात्मक तस्वीर

12 साल बाद आ रही है हिमालय सनातन की नंदा देवी राजजात यात्रा

पंजाब: अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्कर गिरोह का पर्दाफाश, पाकिस्तानी कनेक्शन, 280 करोड़ की हेरोइन बरामद

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies