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'समाज को ठीक रखने के लिए समय-समय पर विचार-विमर्श करना भारतीय संस्कृति का प्रमुख कार्य रहा है। कालांतर में यह प्रक्रिया बाधित हुई और हम कई रूढि़यों और विकृतियों का शिकार हुए। आज जल, जमीन, जंगल और जानवर संकट में हैं। एक-दूसरे को नष्ट कर डालना एक खास समुदाय की पहचान बन गई है। अगर समय रहते हिन्दू समाज जागृत नहीं हुआ तो हम संग्रहालय में रखी जाने वाली वस्तु बन सकते हैं।' ये विचार हैं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह श्री दत्तात्रेय होसबाले के। वे 25 अप्रैल को सिवान (बिहार) स्थित महावीर सरस्वती विद्या मंदिर के प्रांगण में धर्म रक्षा समिति द्वारा आयोजित संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हिन्दुओं को जागृत करने के लिए गांव-गांव में धर्म रक्षा समिति का गठन करना है। इसके माध्यम से गांव की परंपरा को अक्षुण्ण रखते हुए जल, जानवर और जमीन की रक्षा करनी है। घर-घर में अच्छे संस्कार देने पर ही एक सुसभ्य, सुसंस्कृत एवं सामर्थ्यवान भारत का निर्माण हो पाएगा।
धर्म जागरण समन्वय के क्षेत्रीय प्रमुख श्री सूबेदार सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि घर वापसी कोई नई बात नहीं है। आतताइयों के आक्रमण के पूर्व भारत में कोई मुसलमान नहीं था। मुसलमान शासकों ने जबरन लोगों को मुसलमान बनाया था। आज हमें हर तरह से जागरूक रहने की जरूरत है। संगोष्ठी में सिवान, गोपालगंज, छपरा सहित कई जिलों के सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया। ल्ल संजीव कुमार
पूर्वोत्तर में जल रही है शिक्षा और संस्कार की ज्योति
दिल्ली के कुछ प्रमुख मन्दिरों और दानवीरों की सहायता से पूर्वोत्तर के तीन राज्यों (अरुणाचल प्रदेश, मेघालय और सिक्किम) में शिक्षा और संस्कार की ज्योति जल रही है। ये मन्दिर और दानवीर प्रतिवर्ष वनवासी कल्याण आश्रम से जुड़ी संस्था 'अरुणाचल विकास परिषद्', कल्याण आश्रम (मेघालय) और कल्याण आश्रम (सिक्किम) को आर्थिक मदद देते हैं। इस सहायता से ये संस्थाएं इन राज्यों में शिक्षा और संस्कार के अनेक प्रकल्प चलाती हैं। इनमें मुख्य हैं बालवाड़ी, प्राथमिक विद्यालय, एकल विद्यालय, एकलव्य संस्कार केन्द्र, स्वास्थ्य केन्द्र आदि। इन केन्द्रों और विद्यालयों से प्रतिवर्ष सैकड़ों बच्चे संस्कारित और शिक्षित हो रहे हैं और स्थानीय लोगों को चिकित्सकीय सुविधाएं मिल रही हैं। इससे कन्वर्जन से जुड़े तत्वों की गतिविधियां कम होती हैं। इन केन्द्रों का निरीक्षण करने के लिए पिछले दिनों दिल्ली से एक प्रतिनिधिण्डल पूर्वोत्तर गया था। इसका नेतृत्व श्री सनातन धर्म प्रतिनिधि सभा दिल्ली के कार्यकारी अध्यक्ष श्री भूषणलाल पाराशर ने किया। उन्होंने पाञ्चजन्य को बताया कि मेघालय में डॉ. विश्वामित्र की देखरेख में 40 एकल विद्यालय, 4 प्राथमिक विद्यालय, 2 कोचिंग केन्द्र तथा एक औषधालय चल रहा है। इसी तरह अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में भी शिक्षा, चिकित्सा आदि के अनेक कार्य हो रहे हैं। इन केन्द्रों को स्थानीय लोगों का भी सहयोग मिलता है। ल्ल प्रतिनिधि
23 से 26 जून तक होगी
सिन्धु दर्शन यात्रा
इस वर्ष 23 से 26 जून तक सिन्धु दर्शन यात्रा होगी। यात्रा के दौरान यात्री कश्मीर, कुल्लू, मनाली आदि की सैर भी कर सकेंगे। 25 जून को लेह से मानसरोवर यात्रा हेतु मार्ग खोलने के लिए विशाल रैली भी निकाली जाएगी। उल्लेखनीय है कि यह यात्रा लगभग डेढ़ दशक पहले शुरू हुई थी। तभी से प्रतिवर्ष यह यात्रा होती है। लेह में सिन्धु नदी के किनारे यात्री एकत्रित होते हैं और कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम और गोष्ठियां होती हैं। इस यात्रा में पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी, वरिष्ठ भाजपा नेता श्री लालकृष्ण आडवाणी सहित अनेक क्षेत्रों के विशिष्ट लोगों ने भी भाग लिया है। ल्ल प्रतिनिधि
नीयत ठीक, संवाद की जरूरत
भारत नीति प्रतिष्ठान ने 25 अप्रैल को दिल्ली में 'भूमि अधिग्रहण कानून : तब और अब' विषय पर परिचर्चा आयोजित की। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य गोपाल अग्रवाल ने विभिन्न वगार्ें द्वारा उठाई गई चिंताओं के बाद भूमि अधिग्रहण विधेयक में हुए बदलाव पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अच्छी नीयत होने के बावजूद सरकार इस विषय को जनता तक पहुंचाने में असफल रही।
भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय सचिव मोहिनी मोहन मिश्रा नेे कहा कि विकास हर गांव तक पहुंचे, लेकिन साथ-साथ यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि मनमाने ढंग से भूमि का अधिग्रहण नहीं होना चाहिए।
वरिष्ठ पत्रकार एऩ के़ सिंह ने कहा कि मोटे तौर पर सरकार द्वारा प्रस्तुत अध्यादेश में कोई खामी नजर नहीं आती। वहीं भारतीय मजदूर संघ के बृजेश उपाध्याय ने किसानों के हितों की बात करते हुए भूमि अधिग्रहण से जमीन बचाने की वकालत की।
इससे पहले प्रतिष्ठान के मानद् निदेशक प्रो़ राकेश सिन्हा ने कहा कि भूमि अधिग्रहण विधेयक को राजनीतिक दलों ने राजनीतिक लाभ व हानि का मसला ज्यादा बना रखा है, जबकि यह किसानों और खेतिहर मजदूरों का मसला ज्यादा है। ल्ल प्रतिनिधि
भामसं की महाराष्ट्र इकाई का त्रैवार्षिक अधिवेशन सम्पन्न
पिछले दिनों पुणे में भारतीय मजदूर संघ (भामसं) की महाराष्ट्र इकाई का त्रैवार्षिक अधिवेशन आयोजित किया गया। इसका उद्घाटन महाराष्ट्र के श्रम मंत्री प्रकाशभाई मेहता ने किया। इस अवसर पर भामसं के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष उदय पटवर्धन, राष्ट्रीय संगठन मंत्री के.सी. मिश्र, पश्चिम क्षेत्र संगठक रामदेव सिंह, प्रदेश अध्यक्ष प्रभाकर बालासुरे, महामंत्री अण्णा घुमान आदि उपस्थित थे। अपने प्रस्ताविक भाषण में अण्णा घुमान ने महाराष्ट्र में भारतीय मजदूर संघ के बढ़ते प्रभाव की जानकारी दी। अधिवेशन को सम्बोधित करते हुए प्रकाशभाई मेहता ने कहा कि राज्य में औद्योगिक विकास के साथ-साथ उनमें काम करने वाले मजदूरों का भी विकास होना चाहिए। उन्होंने कहा कि मजदूरों से जुड़े कानूनों में सुधार और संशोधन करते समय श्रमिक संगठनों के सुझावों और विचारों पर गौर किया जाएगा। उदय पटवर्धन ने कहा कि भामसं श्रमिकों के हित में काम करने वाली सरकारों का साथ देगा। अधिवेशन के समापन सत्र में भामसं के वरिष्ठ नेता एस.एन. देशपाण्डे ने अगले तीन वर्ष के लिए प्रान्तीय कार्यकारिणी की घोषणा की। ल्ल द.बा.आंबुलकर
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