|
अंक संदर्भ: 15 मार्च, 2015
आवरण कथा 'एक का दम' से स्पष्ट होता है कि अगर संकल्प दृढ़ है तो कोई भी कार्य असंभव नहीं है। एकल अभियान इसी दृढ़ संकल्प का उदाहरण है। यह अभियान कोई साधारण अभियान नहीं है। सुदूर एवं वनवासी क्षेत्रों में इस अभियान के जरिये लोग जीवन जीना सीख रहे हैं, छात्रों में संस्कार भर रहे हैं, वे शिक्षा पा रहे हैं। ऐसे अभियान की जितनी भी प्रशंसा की जाए वह कम ही है।
—हरेन्द्र प्रसाद साहा
नया टोला, कटिहार (बिहार)
ङ्म एकल के कार्य से वनवासी क्षेत्रों में जागरण हो रहा है और वनवासी समाज भारतीय संस्कृति और सनातनी शिक्षा से परिचित हो रहा है। जो समाज हम से कटा था या कट रहा था, जिन तक हमारी बात नहीं पहुंच पा रही थी, आज इस अभियान के जरिए हम उन तक पहुंच रहे हैं। साथ ही 'एकल' के और भी लाभ देखने में आ रहे हैं। जिन क्षेत्रों में ईसाई मिशनरियां बड़े ही असानी से लोगों को लोभ, लालच या फिर भय से अपने पाश में लेती थीं अब उनके इस कार्य पर भी अंकुश लगा है। यह सब अगर संभव हुआ है तो एकल अभियान के कारण।
—शिव बाबा, पानीपत (हरियाणा)
ङ्म एकल अभियान की जितनी भी प्रशंसा की जाए वह कम है, क्योंकि इसके अन्तर्गत आज हजारों लोग शिक्षित और दीक्षित हो रहे हैं । 25 वर्ष पहले जिस एकल अभियान की नन्हे पौधे के रूप में शुरुआत हुई वह आज वट वृक्ष का रूप ले चुका है। इस अभियान के जरिए सनातन संस्कृति आगे बढ़ रही है।
—राजू मेहता, जोधपुर (राजस्थान)
सफल रणनीतिक पहल
रपट 'साझी बात पर मिले हाथ' में कई जानकारियां मिली। वहां यह सरकार बननी जम्मू-कश्मीर के इतिहास में अद्भुत घटना है। सरकार बनने के बाद मीडिया मुफ्ती के बयानों को जिस भी तरीके से दिखाए और समाज में गलत संदेश देने की कोशिश करे कि मुफ्ती के साथ भाजपा ने सरकार बनाकर गलत किया है, लेकिन अगर हम थोड़ा भी गौर करें तो सब बात समझ में आ जाती है। किसी के कुछ भी बोलने से कुछ नहीं होता। राज्य में जितने भी कार्यक्रम होंगे वह दोनों दलों की सहमति से ही होंगे। भाजपा ने जम्मू-कश्मीर में साझा सरकार बनाकर अच्छा किया।
—रामदास गुप्ता
जनता मिल (जम्मू-कश्मीर)
ङ्म भाजपा ने जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाकर रणनीतिकारों को चौंका दिया। इस साझा सरकार पर मीडिया सहित और भी कुछ लोग तरह-तरह की बातें कर रहे हैं, लेकिन एक बात सत्य है कि अब प्रदेश में भाजपा की दखल और बढ़ी है। भाजपा को चाहिए कि वह अपने अधिकारों का प्रयोग करके वर्षों से प्रदेश के जिन क्षेत्रों में विकास की किरण नहीं पहुंची थी वहां पर भरपूर विकास करे। जनता में एक विश्वास जगे और जम्मू भी अन्य राज्यों की तरह विकास के मामले में शेष देश के साथ कंधे से कंधा मिलकार खड़ा हो। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का विकास का जो सपना है असल में वह सभी समस्याओं का इलाज है। जिस दिन इस प्रदेश में विकास होने लगेगा उस दिन से इस प्रदेश की स्थिति में परिवर्तन हो जायेगा।
—राजेन्द्र कुमार गुप्ता
डी-203, अशोक विहार (दिल्ली)
ङ्म जम्मू-कश्मीर सरकार को तत्काल चाहिए कि वह पुन: कश्मीर में विस्थापित हिन्दुओं को बसाए। वर्षों से ये हिन्दू अपने घरों को जाने के लिए बेचैन हैं। इस कार्य में जम्मू-कश्मीर सरकार कोई भी राजनीति न करके इस मामले को सुलझाएगी तो अच्छा होगा। यह कार्य केन्द्र की श्री नरेन्द्र मोदी सरकार की भी प्राथमिकताओं में से एक है।
—बी.एल. सचदेवा
आईएनए बाजार (नई दिल्ली)
आआपा में नूराकुश्ती
राज्य समाचार में छपी खबर 'स्टिंग की आड़ में छिपा आआपा का स्वार्थ' बताती है कि आम आदमी पार्टी का झगड़ा आज चौराहे पर आ गया है। आआपा को भलीभांति जानने वाले ठीक ही कहते हैं कि अभी तो 49 दिन ही गुजरे हैं और इतने में ही अन्दर और बाहर कुश्ती हो रही है, 5 साल में क्या होगा? वैसे चुनाव के बाद से अरविन्द की करनी और उनकी कथनी में परिवर्तन आ गया है। वे जो बोलते हैं वह करते नहीं। उनके अब कई रूप हैं, जिनमें से कुछ रूप जनता भी देख रही है। वे पार्टी में अब ऐसे लोगों को चाह रहे हैं जो उनकी जी हुजूरी करें और वे जो कहें वह मानें। अब योग्रेन्द्र यादव और शान्ति भूषण भला ऐसे कहां, जो अरविन्द कहें वह सिर झुकाकर मान लें और जी हुजूरी करें। खैर आआपा की असलियत जनता के सामने आने लगी है और लोग इनको समझने लगे हैं।
—बी.जे. अग्रवाल
लक्ष्मी निवास, नागपुर (महाराष्ट्र)
टिप्पणियाँ