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जर्मन एयरलाइंस का एक विमान गत 23 मार्च को आल्प्स पर्वत श्रृंखला के ऊपर से जाते समय दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में विमान में सवार सभी 150 लोगों की मौत हो गई। कई दिनों तक चली जांच के बाद एक चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। विमान के वॉयस रिकॉर्डर की जांच से पता चला है कि हादसे के वक्त कॉकपिट में केवल सह पायलट मौजूद था। उसने कैप्टन के लिए दरवाजा नहीं खोला। फ्रांसीसी अभियोजकों के अनुसार सह पायलट एंड्रियाज लूब्टिज ने 'जानबूझकर' विमान को गिराया।
अभियोजकों के अनुसार 28 वर्षीय लूब्टिज जर्मन नागरिक था। आतंकियों से उसकी संलिप्तता नहीं थी। ऐसे में इस हादसे को आतंकी घटना मानने का कोई आधार नहीं है। अधिकारियों के मुताबिक कॉकपिट के ऑडियो से पता चलता है कि दोनों पायलटों के बीच सामान्य बातचीत हो रही थी। हादसे से कुछ देर पहले कैप्टन कॉकपिट से बाहर निकल गया। बाद में उसने कई बार दरवाजा खटखटाया, लेकिन सह पायलट ने दरवाजा नहीं खोला। कैप्टन ने पहले हल्के से फिर जोर से दरवाजा पीटा लेकिन उसे कोई जवाब नहीं मिला। जर्मनविंग एयरलाइंस का कहना है कि एयरबस ए320 फ्रांस के आल्पस पर्वत पर गिरने से पहले अपनी पूरी ऊंचाई पर पहुंचने के एक मिनट बाद ही नीचे की ओर आता दिखा। फिर आठ मिनट तक उसका कुछ पता नहीं चला। छह हजार फीट की ऊंचाई पर विमान फ्रांस के रडार और एयर ट्रैफिक कंट्रोल के संपर्क में आया था। उसके बाद ही विमान हादसे का शिकार हो गया। विमान हादसे में मरने वालों में ज्यादातर जर्मन नागरिक थे। जिनमें 16 स्कूली बच्चे भी शामिल हैं। इसके अलावा विमान में फ्रांस और स्पेन के नागरिक भी थे। यह विमान बार्सीलोना से होकर जर्मनी के डसेलडोर्फ जा रहा था। रास्ते में यह दुर्घटनाग्रस्त हो गया। ल्ल
पाक की गणतंत्र दिवस परेड में नहीं आए जिनपिंग
पाकिस्तान द्वारा आमंत्रित किए जाने के बावजूद सात साल बाद हुई पाकिस्तान की गणतंत्र दिवस परेड में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग नहीं आए। गत 22 मार्च को सात साल बाद इस्लामाबाद में गणतंत्र दिवस परेड का आयोजन किया गया था। इस दौरान पाकिस्तानी सेना ने अत्याधुनिक हथियारों के साथ शक्ति प्रदर्शन भी किया। सशस्त्र बलों का मुखिया होने के नाते पाकिस्तान के राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने परेड की सलामी ली।
कश्मीर विवाद के समाधान को क्षेत्रीय शांति के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान भारत सहित सभी पड़ोसी देशों से अच्छे संबंध चाहता है। सभी मुद्दों के समाधान के लिए दोनों देशों के बीच शांति वार्ता बहाल करने पर भी उन्होंने जोर दिया। ल्ल
सऊदी अरब का यमन पर हमला
सऊदी अरब ने यमन में शिया हूती विद्रोहियों के खिलाफ हमला शुरू कर दिया। सऊदी अरब ने यमन में विद्रोहियों पर सैन्य कार्रवाई के लिए अपने 100 लड़ाकू विमानों और डेढ़ लाख सैनिकों को भेजा है। अल-अरबिया टेलीविजन की रपट के अनुसार ईिजप्ट, मोरक्को, जॉर्डन, सूडान, कुवैत, सऊदी अरब अमीरात, कतर और बहरीन के लड़ाकू विमान भी कार्रवाई में शामिल हुए हैं। सऊदी अरब ने 25 मार्च की रात को ही सैन्य कार्रवाई शुरू करने की घोषणा कर दी थी। अमरीका में सऊदी अरब के राजदूत अब्देल-अल-जुबैर ने बताया कि राष्ट्रपति अब्द्रब्बुह मंसूर हादी की मौजूदा वैध सरकार की सुरक्षा करने के लिए हम हर मुमकिन कोशिश करेंगे। हमारे साथ लगभग 10 और देश हूती के दुश्मनों के खिलाफ खड़े हैं। जुबैर ने बताया कि यमन पर किए जा रहे हवाई हमलों में अभी अमरीकी सैनिक शामिल नहीं हैं लेकिन वह ओबामा प्रशासन के संपर्क में हैं। हवाई हमलों की पूरी जानकारी ओबामा प्रशासन को दी जा रही है। बता दें कि यमन में शिया हूती विद्रोहियों ने हमले और तेज करते हुए देश के दक्षिण में पकड़ और मजबूत कर ली है। यही वजह है कि राष्ट्रपति अब्दराबुह मंसूर हादी राष्ट्रपति आवास को छोड़कर अज्ञात स्थान पर चले गए।
उल्लेखनीय है कि गत वर्ष सितंबर में हूती विद्रोहियों ने यमन की राजधानी सना पर कब्जा कर लिया था।
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