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केंद्र सरकार ने भगवान कृष्ण की कर्मभूमि कुरुक्षेत्र को एक भव्य पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना का प्रारूप तैयार किया है। इस योजना पर 700 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जाएगी।
इसके मद्देनजर कुरुक्षेत्र को उन पांच सर्किट में कृष्ण सर्किट के रूप में शामिल किया गया है, जिन्हें देश में विशेष योजना के तहत पर्यटन स्थल के रूप में बढ़ावा दिया जा रहा है। गत 23 मार्च को केंद्रीय पर्यटन मंत्री डा़ॅ महेश शर्मा ने बताया कि पर्यटन को बेहतर संसाधन युक्त एवं सुंदर स्थल के रूप में पांच सर्किट बुद्ध, हिमालय, उत्तर-पूर्व, कोस्टल सर्किट व कुरुक्षेत्र में कृष्ण सर्किट के रुप में 700 करोड़ योजना बनाई गई है। कृष्ण सर्किट में 100 करोड़ रुपए की योजना से इस क्षेत्र के विविध स्थलों को बेहतर बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह पावन भूमि भगवान कृष्ण की कर्मस्थली रही है और भगवान कृष्ण द्वारा मानव जाति को पवित्र गीता का उपदेश भी यहां पर ही दिया गया है। देश ही नहीं पूरी दुनिया में इस भूमि का महत्व है। पर्यटन मंत्री ब्रह्मसरोवर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने गीता स्थली ज्योतिसर में गीता उपदेश के साक्षी वटवृक्ष की गिरती हालत पर चिंता जताई और उसे पूरी तरह सुरक्षित रखने के सभी प्रयासों को अमल में लाने का आश्वासन दिया। बता दें कि यह वटवृक्ष शाखाओं पर पड़े तार, जड़ की ओर संगमरमर लगाए जाने व अन्य कई कारणों सेे क्षयग्रस्त होने लगा है, जिस पर शीघ्र ध्यान देने की आवश्यकता है, ताकि इस धरोहर को बचाया जा सके। मंत्री विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान एवं संस्कार भारती के संयुक्त तत्वावधान में ब्रह्मसरोवर के पावन तट पर नवसंवत्सर के शुभागम पर आयोजित तीन दिवसीय कार्यक्रम के समापन पर पहंुचे थे। इस मौके पर 108 वेदपाठी ब्राह्मणों ने मंत्रोच्चारण के बीच हवन यज्ञ किया और भारी जनसमूह ने भगवान सूर्यदेव की प्रथम किरण को नमन कर अर्घ्य अर्पण किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थाणेसर के विधायक सुभाष सुधा रहे। इस अवसर पर विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान के निदेशक रामेन्द्र सिंह भी उपस्थित रहे। इसके अतिरिक्त कार्यक्रम में अनेक विद्वान, गणमान्य और प्रशासनिक अधिकारियों ने हिस्सा लिया। शिक्षाविद् डॉ़ हिम्मत सिंह सिन्हा ने नवसंवत्सर का महत्व बताते हुए इस दिन ब्रह्मा जी द्वारा सृष्टि की रचना की गई थी। ल्ल डॉ. गणेश दत्त वत्स
छात्र पढ़ेंगे गीता
हरियाणा में विद्यालय स्तर पर श्रीमद्भगवद् गीता ज्ञान विषय के रूप में शामिल करने का प्रारूप तैयार है। आगामी सत्र से यह योजना शुरू हो जाएगाी। इसका मुख्य उद्देश्य छात्रों को आधुनिक ज्ञान के साथ-साथ भारतीय संस्कृति के ज्ञान से संस्कारित करना है। विश्व में गीता मानव जीवन की दैनिक मार्गदर्शक बन गई है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इसका खुलासा करते हुए कहा कि नये सत्र से गीता ज्ञान को विद्यालयों के पाठ्यक्रम में शामिल किया जा रहा है और देश में हरियाणा पहला राज्य होगा जहां भगवान कृष्ण के उपदेश विद्यार्थी जीवन से ही बच्चे जानेंगे। उन्होंने कहा कि गीता ज्ञान धार्मिक ही नहीं सुसंस्कारित जीवनयापन करने का भी मार्गदर्शन करती है और हर स्थिति में निर्णय लेने की शक्ति का संचार करती हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि अमरीका जैसे आधुनिकतावादी देश में भी इसे विषय के रूप में पढाया जा रहा है। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री रामविलास शर्मा ने बताया कि हम देश में भारतीय संस्कृति एवं मनीषी ज्ञान को उपलब्ध कराना चाहते हैं। इससे हमारे देश का भविष्य उज्जवल होगा और युवा शक्ति, सदाचारी, स्वावलंबी, नेक नीयत से सराबोर, उच्च विचार एवं सादा जीवन की नीति पर चलेगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि हिन्दू जीवन पद्धति विश्व की एक ऐसी जीवनशैली है, जिसमें समाज के हर वर्ग के लिए बिना किसी भेदभाव के मार्गदर्शन दिया गया है। ल्ल प्रतिनिधि
कुरान का पाठ न सुनाने पर मौलवी ही बन बैठा कसाई
बरेली। मस्जिद में चलने वाले 'मकतब' में कुरान का पाठ न सुनाने पर 10 वर्षीय एक छात्र मोहम्मद अरहम को एक मौलवी कारी मजहर ने इतनी बेरहमी से पीटा कि उसकी रीढ़ की हड्डी और छाती की पसलियां टूट गईं। मौलवी ने बालक से तब तक उठक-बैठक लगवाई जब तक कि वह अधमरा होकर जमीन पर ही गिर नहीं गया। मौलवी की क्रूरता यहीं नहीं थमी, वह उसकी छाती पर बैठ गया और मारपीट करता रहा। बालक को गंभीर हालत मंे मोहल्ला आकाशपुरम स्थित एक निजी नर्सिंग होम में दाखिल कराया गया, जहां उसका उपचार चल रहा है।
रोंगटे खड़े कर देने वाली यह घटना गत 18 मार्च को बरेली के बारादरी के तहत पीलीभीत बाईपास रोड क्षेत्र स्थित जामा मस्जिद में चलने वाले 'मकतब' में हुई। घटना के बाद बच्चे के पिता मोहम्मद आसिफ ने बारादरी पुलिस थाने में मौलवी कारी मजहर एवं दो अन्य मौलाना इरशाद और मौहम्मद आरिस के खिलाफ नामजद रपट दर्ज कराई। पुलिस निरीक्षक मोहम्मद कासिम ने बताया कि पुलिस ने मौलवी समेत तीन लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 323, 325, 326, 504 एवं 506 के तहत मामला दर्ज किया है।
घटना के एक सप्ताह बाद भी आरोपी गिरफ्तार नहीं किए गए हैं। पुलिस के रवैये से पीडि़त परिवार में काफी रोष है। उनका आरोप है कि पुलिस इस मामले में ढिलाई बरत रही है और उसके मामले को हल्के में ले रही है। जांच अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने मदरसे पर छापेमारी की थी जिससे वहां हड़कंप मच गया और वहां मौजूद लोग बच निकले। पुलिस का कहना है कि सभी आरोपियों की सरगर्मी से तलाश जारी है। बताया गया है कि इस संबंध में 'बाल कल्याण अधिनियम' की धारा और बढ़ाई जाएगी। नर्सिंग होम में दाखिल 10 वर्षीय बच्चा अभी भी सदमे में है।
गत 24 मार्च को दारूल उलूम देवबंद में आयोजित 'राबता ए मदारिस' के अखिल भारतीय अधिवेशन में जमीयत उलेमा ए हिंद के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना महमूद मदनी की ओर से यह प्रस्ताव पेश किया गया कि मकतबों और मदरसों में शिक्षक छात्रो के साथ बेरहमी से पेश न आएं। सुरेन्द्र सिंघल
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