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.दिल्ली में 'आआपा' के नेता अरविंद केजरीवाल को अभी मुख्यमंत्री बने ज्यादा दिन नहीं हुए कि उनकी पार्टी का एक घिनौना चेहरा सामने आ गया। इस बार पत्रकार की टेलीफोन पर हुई बात 'रिकॉर्ड' करने की करतूत से पार्टी की न केवल छवि धूमिल हुई है, बल्कि स्पष्ट हो गया कि स्वार्थ के लिए वे अपने सहयोगियों तक को दांव पर लगाने से बाज नहीं आते हैं।
इन दिनों लोकसभा चुनाव में 'आआपा' की करारी हार और उससे सबक लेते हुए हरियाणा के विधानसभा चुनाव में पार्टी के मैदान में न उतरने को लेकर गत 29 अगस्त को 'दि हिन्दू' अखबार की खबर और पत्रकार से सफाई मांगने के दौरान की गई 'रिकॉर्डिंग' खासी चर्चा का विषय बनी हुई है। पत्रकार से हुई बातचीत रिकॉर्ड कर 'आआपा' ने जहां एक ओर स्तरहीन परिपाटी की शुरुआत की है तो दूसरी ओर 'रिकॉर्डिंग' की आड़ में पार्टी के वरिष्ठ नेता योगेन्द्र यादव को भी हाशिए पर लाने का काम कर दिया है।
15 अगस्त, 2014 को चंडीगढ़ स्थित 'आआपा' कार्यालय में पांच पत्रकारों को नाश्ते पर अनौपचारिक मुलाकात के लिए बुलाया गया था। वहां लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार और हरियाणा में पार्टी के चुनाव नहीं लड़ने के विषय पर पार्टी के नेता योगेन्द्र यादव की उन सभी के साथ विस्तार से बातचीत हुई थी। उस बातचीत में यह भी जिक्र आया था कि राज्य की कार्यकारी परिषद हरियाणा में चुनाव नहीं लड़ने से काफी नाराज है। इसके बाद गत वर्ष 29 अगस्त को 'द हिन्दू' अखबार में प्रकाशित समाचार से अरविंद केजरीवाल खेमे के लोग बुरी तरह से बौखला गए और उनकी ओर से बिभव कुमार (वर्तमान में केजरीवाल के निजी सचिव) ने संबंधित पत्रकार (वर्तमान में 'दि इंडियन एक्सप्रेस' में सहयोगी संपादक हैं) को फोन मिलाकर न केवल खबर को बेबुनियाद बताया, बल्कि खबर बताने वाले सूत्र की पूरी जानकारी ले ली।
बिभव को पत्रकार ने स्पष्ट किया कि वे अकेले नहीं, बल्कि चार अन्य पत्रकारों के साथ यादव से मिलने गई थीं और खबर अनेक 'आआपा' कार्यकर्ताओं से हुई बातचीत पर आधारित है। इस दौरान पत्रकार की बिना जानकारी के उनसे हुई सारी बातचीत को 'रिकॉर्ड' कर लिया गया।
हाल ही में 26 फरवरी को 'आआपा' दिल्ली के सचिव दिलीप पांडे ने योगेन्द्र यादव और पत्रकार के बीच हुई बातचीत की 'रिकॉडिंग' को अनुशासनात्मक समिति के समक्ष भी पहंुचा दिया और यादव के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई को लेकर पत्र भी लिखा गया था। पत्र में अगस्त माह में प्रकाशित खबर का हवाला देकर जिक्र किया गया था कि संबंधित समाचार न केवल नकारात्मक था, बल्कि उससे पार्टी और संयोजक अरविंद केजरीवाल की छवि बिगाड़ने का प्रयास किया गया था।
अब उन्होंने गत 2 मार्च को इस ऑडियो टेप को जारी कर नया विवाद खड़ा कर दिया। इस टेप के जरिए पार्टी ने योगेन्द्र यादव पर पार्टी के अंदरूनी मामले मीडिया के समक्ष लेकर जाने का गंभीर आरोप लगाया है। ऐसा करने के पीछे उन्हें पीएसी (पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी) से बाहर करने के लिए मजबूत आधार तैयार करना था। आखिरकार 4 मार्च को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में 'आआपा' के संस्थापक सदस्य योगेन्द्र यादव को प्रशांत भूषण सहित पीएसी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।
सवाल यह उठता है कि 'आआपा' की ओर से पत्रकार की बातचीत को 'रिकॉर्ड' कर पार्टी में हथियार की तरह इस्तेमाल करने वाले क्या भविष्य में ऐसे ही अपने स्वार्थ के लिए किसी का भी इस्तेमाल करते रहेंगे या इस पर विराम लगा देंगे? क्योंकि केजरीवाल और उनकी पार्टी के लोग मीडिया का अपने स्वार्थ में इस्तेमाल करना बखूबी जानते हैं! ल्ल प्रतिनिधि
बंगलादेश में भारत विरोधी आतंकियों का प्रशिक्षण जारी
बंगलादेश में भारत विरोधी आतंकवादी न केवल संरक्षण ले रहे हैं, बल्कि तेजी से फल-फूल रहे हैं। हाल ही में बंगलादेश की रेपिड एक्शन बटालियन ने चटगांव के पहाड़ी क्षेत्र से भारी मात्रा में अवैध हथियारों के साथ पांच जिहादियों को गिरफ्तार किया है।
जानकारी के अनुसार भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सूचना मिली थी कि बंगलादेश के चटगांव के पहाड़ी क्षेत्र में जिहादी आतंकी शिविर चला रहे हैं। इस सूचना को बंगलादेश रेपिड बटालियन से साझा किया गया जिसके बाद गत 21-22 फरवरी को वहां बटालियन ने अभियान छेड़कर भारी मात्रा में रायफल, पिस्तौल, विस्फोटक सामग्री और कारतूस जब्त कर लिए। इस दौरान पांच जिहादियों को गिरफ्तार किया गया।
बर्द्धमान में गत 2 अक्तूबर को हुए विस्फोट की तर्ज पर यहां पर भी जिहादी शिविर से पाकिस्तान और अफगानिस्तान में सक्रिय मुस्लिम आकाओं के इस्लाम के नाम पर उत्तेजक भाषणों के ऑडियो व वीडियो टेप बरामद किए गए। बटालियन की तरफ से दावा किया जा रहा है कि यहां प्रशिक्षण लेकर करीब 25-30 युवक भारत लौट चुके हैं।
इससे पूर्व चटगांव क्षेत्र से ही 12 संदिग्धों को बटालियन ने हिरासत में लिया था। इन लोगों को इराक व सीरिया में आईएसआईएस में भर्ती के लिए तैयार किया जा रहा था। प्रशिक्षण के दौरान इन सभी को अत्याधुनिक हथियार चलाने सिखाए जा रहे थे। खास बात यह है कि पहाड़ी पर उनके लिए हर प्रकार की व्यवस्था की गई थी। जिहादियों को पेट्रोल और डीजल के ड्रमों में हथियारों की आपूर्ति कराई जा रही थी। साफ है कि बर्द्धमान विस्फोट के बाद भी बंगलादेश में भारत विरोधी आतंकी गतिविधियों पर लगाम नहीं लगी है। ल्ल बासुदेब पाल
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