|
रंगों का हमारे जीवन पर व्यापक प्रभाव पड़ता है। कहते भी हैं कि रंगों के बिना जीवन बड़ा नीरस प्रतीत होता है। यह सहज धारणा है कि जिसके जीवन में रंग नहीं उसके जीवन में खुशी नहीं। रंगों के महत्व को लेकर तमाम तरह के शोध भी हुए हैं। यदि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से बात की जाए तो रंग हमारे जीवन को, हमारी सोच को भी बहुत हद तक प्रभावित करते हैं। फिर चाहे वह घर की दीवारों के रंग हों या हमारे द्वारा पहने जाने वाले कपड़ों के रंग। रंग हमारी संस्कृति से भी जुड़े हैं कुल मिलाकर रंग हमारे जीवन में रचे बसे हुए हैं। रंगों के इसी मनोविज्ञान को लेकर पाञ्चजन्य संवाददाता आदित्य भारद्वाज ने 'फोर्टिस' अस्पताल के मनोचिकित्सा विभाग के निदेशक डॉ. समीर पारिख से विशेष बातचीत की। प्रस्तुत हैं उनसे हुई बातचीत के प्रमुख अंश:-
रंग हमारे जीवन को किस तरह प्रभावित करते हैं?
देखिए जहां तक रंगों की बात है तो रंग हमारे जीवन का एक हिस्सा हैं। रंग हमें खुशी देते हैं। हमारे जीवन पर रंग अपना स्वाभाविक प्रभाव छोड़ते हैं। उदाहरण के लिए फूल और पेड़-पौधे देखकर हमें खुशी होती है। उनके रंग, उनकी ताजगी हमेें अपनी तरफ आकर्षित करती है। इसी तरह पशु और पक्षी हैं उनके चटक रंग देखकर हम आकर्षित होते हैं और उनके बारे में जानना चाहते हैं। यदि दूसरा उदाहरण लेें तो छोटे बच्चे रंग-बिरंगे गुब्बारे और खिलौने देखकर प्रसन्न होते हैं। वे उन्हें लुभाते हैं, उन्हें खुशी देते हैं। कुल मिलाकर रंग हमें प्रसन्नता देते हैं और हमारे जीवन पर अनुकूल प्रभाव डालते हैं।
रंग हमारी संस्कृति से किस प्रकार जुड़े हैं?
रंग चूंकि हमें प्रसन्नता देते हैं इसलिए हमारी संस्कृति का भी हिस्सा हैं। रंगों को पवित्रता से भी जोड़ा जाता है। उनका धार्मिक महत्व भी है। विभिन्न पंथों और मजहबों के लोग अपने रिवाजों के अनुसार रंगों का इस्तेमाल करते हैं। हम दीपावली पर अंधेरे को दूर करने के लिए रोशनी करते हैं, दीये जलाते हैं। दरअसल रोशनी मन में प्रसन्नता के भाव भरती है उससे हमें सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। ऐसे ही हम होली पर गुलाल और अभीर एक- दूसरे पर डालकर प्रसन्न होते हैं। होली एक ऐसा त्योहार है जिसे हम बिना किसी से मिले नहीं मना सकते।
उदाहरण के लिए यदि हमें होली मनानी है तो दोस्तों, रिश्तेदारों और परिचितों से मिलना ही पड़ेगा। तभी हम उनके साथ होली खेल सकते हैं। रंग लगा सकते हैं। इसलिए रंग हमारी संस्कृति का भी अभिन्न अंग हैं।
ल्ल मनुष्य के जीवन में रंगों से कैसे खुशी आती है?
हम रंगों को अपने मन में खुशी के साथ जोड़ते हैं जीवन के साथ जोड़ते हैं। इसलिए रंग हमें प्रसन्नता देते हैं। रंग व्यक्ति की अपनी निजी पसंद नापसंद भी हो सकती है। किसी को कोई रंग पसंद हैं किसी को कोई रंग पसंद होता है लेकिन ऐसा कोई व्यक्ति नहीं होता जिसे कोई रंग पसंद न हो। बहुत से लोग रंगों को अपने लिए भाग्यशाली भी मानते हैं।
रंग हमारे जीवन पर कैसे सकारात्मक प्रभाव डालते हैं?
देखिए जैसा कि मैने पहले ही बताया रंग हमें प्रसन्नता देते हैं। प्रसन्नता से व्यक्ति को सकारात्मक ऊर्जा मिलती है यदि अंग्रेजी में कहा जाए तो इसे 'पॉजिटिवनेस' कहा जा सकता है। जहां तक व्यक्तिगत तौर पर रंगों के प्रभाव डालने की बात है तो उस बारे में कहना सही नहीं होगा। हो सकता है किसी को गुलाबी रंग पसंद हो, किसी को हरा तो किसी को कोई अन्य रंग ये व्यक्ति की अपनी पसंद पर निर्भर करता है लेकिन इस बात में कोई दोराय नहीं कि रंग हमारे जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं। ये निश्चित रूप से हमारे मनोभावों को प्रभावित करते हैं।
टिप्पणियाँ