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बिहार की राजधानी पटना में 23 फरवरी को, मुजफ्फरपुर में 24 फरवरी को तथा नवादा में 25 फरवरी को हिन्दू सम्मेलन आयोजित हुए। इन तीनों सम्मेलनों में बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया और हिन्दू एकता को मजबूत किया। तीनों सम्मेलनों के मुख्य वक्ता थे विश्व हिन्दू परिषद् के अन्तरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष डॉ़ प्रवीण भाई तोगडि़या। उन्होंने कहा कि दो हजार वर्ष पूर्व तक विश्व में हिन्दुओं की विजय पताका लहराती थी। सभी क्षेत्रों में हिन्दू आगे थे। उस समय न इस्लाम था न ईसाइयत। परंतु धीरे-धीरे हिन्दू घटने लगे और उनका प्रभाव भी कम होता गया। आज विश्व में हिन्दू स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रहा है। हिन्दुस्थान में भी पश्चिम बंगाल में गांव के गांव हिन्दू-विहीन हो रहे हैं। असम, उत्तर प्रदेश सहित अनेक राज्यों में हिन्दुओं के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार हो रहा है। बंगलादेशी मुस्लिम घुसपैठिए भारतीयों का हक मार रहे हैं। उन्हें यहां से बंगलादेश वापस भेजना होगा। यदि मुस्लिम तुष्टीकरण बन्द नहीं हुआ और बंगलादेशी घुसपैठियों को वापस नहीं भेजा गया तो सौ वर्ष के बाद भारत में मात्र 25 प्रतिशत हिन्दू बचेंगे। डॉ़ तोगडि़या ने कहा कि कश्मीर के अनंतनाग में दुनिया का पहला सूर्य मंदिर था। आज उसी कश्मीर से हिन्दुओं को चुन-चुन कर पलायन को मजबूर कर दिया गया है। विश्व हिन्दू परिषद् लगातार हिन्दू जागरण का कार्य कर रही है।
डिब्रूगढ़ में भव्य हिन्दू सम्मेलन
गत दिनों डिब्रूगढ़ में भी भव्य हिन्दू सम्मेलन आयोजित हुआ। समारोह के आरम्भ में धर्मध्वजा फहराई गई। सम्मेलन की अध्यक्षता स्वर्ण जयंती समारोह समिति के सभापति गोपाल शर्मा ने की। सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में विहिप के केन्द्रीय मंत्री सपन मुखर्जी सहित परिषद् के उत्तर पूर्व सचिव नीजू पाठक, जिला समिति के उपाध्यक्ष शांतनु भट्टाचार्य सहित कई वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित थे। इस अवसर पर सपन मुखर्जी ने कहा कि विश्व हिन्दू परिषद् 50 वर्ष से हिन्दुओं को संगठित करने में लगी है। समस्त हिन्दू सभी मतभेदों को भुलाकर एकजुट हों और अपने धर्म और अपनी संस्कृति की रक्षा करें।
ल्ल पटना से संजीव कुमार और डिब्रूगढ़ से मनोज पांडे
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