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हरियाणा के सोनीपत में 14 दिसम्बर को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों ने पथ संचलन निकाला। इसमें सोनीपत, जींद, झज्जर व रोहतक जिले के 180 स्वयंसेवकों ने भाग लिया। संचलन सेक्टर-14 के सामुदायिक भवन से शुरू होकर जैन स्थानक में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह प्रात संघचालक पवन कुमार ने कहा कि लोगों की राष्ट्रवादी सोच की बदौलत ही भारत एक बार फिर विश्वगुरु बन सकता है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रतिदिन शाखाओं पर व्यक्ति निर्माण का काम करता है। शाखा से संस्कारित लोग समाज-जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में राष्ट्र के विकास के लिए काम कर रहे हैं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता रोहतक विभाग के संघचालक डॉ़ निर्मल खंडेलवाल ने की। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता अनेक क्रांतिकारियों व देशभक्तों के त्याग से प्राप्त हुई है। उस समय देश क्षेत्र, जाति व मजहब के आधार पर बंटा हुआ था। देशभर में लोग अपने स्तर पर, अपने निहिताथार्ें को लेकर अंग्रेजों के विरुद्ध लड़ाई लड़ रहे थे। संघर्ष के पीछे दृष्टि, संस्कार, लक्ष्य व योजना का अभाव था। इस हालत में व्यक्ति निर्माण को जरूरी समझते हुए 1925 में डॉ. केशवराव बलिराम हेडगेवार ने संघ की स्थापना की। संघ की स्थापना हिन्दू समाज में बिखराव को दूर कर, उनका संगठन करने व राष्ट्र का भाव पैदा करने के लिए की गई। इस अवसर पर अनेक वरिष्ठ कार्यकर्ता उपस्थित थे। ल्ल प्रतिनिधि
कोयला खदानों के निजीकरण का विरोध
भारतीय मजदूर संघ (भा.म.सं.) ने कोयला खदानों के निजीकरण और बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी पूंजीनिवेश (एफ.डी.आई.) का विरोध किया है। भारतीय मजदूर संघ के महामंत्री विरजेश उपाध्याय ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि भारत सरकार द्वारा कोयला खदानों का निजीकरण करना 1973 के कोयला खदान राष्ट्रीयकरण विधेयक का उल्लंघन है। उन्होंने कहा है कि इससे पुन: निजी कम्पनियों द्वारा राष्ट्रीय खनन सम्पदाओं का दोहन होगा और हजारों मजदूर रोजगार-विहीन होंगे।
विज्ञप्ति में यह भी कहा गया है कि कई अध्ययनों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि बीमा क्षेत्र में पंूजीनिवेश की आवश्यकता नहीं है, वह स्वयं ही पंूजी पैदा करता है। ऐसे क्षेत्र का निजीकरण घरेलू पंूजी की लूट के बराबर है। बीमा क्षेत्र में एफ.डी.आई. की सीमा बढ़ाना देश तथा उद्योग के हित में नहीं है। – प्रतिनिधि
स्वदेशी अवधारणा से ही बचेगी अर्थव्यवस्था
'पूरा विश्व आज भारत की ओर देख रहा है। ऐसे में हमें भारतीयता को बचाए रखने की आवश्यकता है। हमारी संस्कृति और हमारी परिवार आधारित अर्थव्यवस्था सम्पूर्ण समाज की उन्नति के लिए आधारभूत संरचना उपलब्ध कराती आई है। ऐसे में यदि हम अपनी गौरवशाली स्वदेशी रूपी धरोहर को त्यागकर पश्चिम का अंधानुकरण करेंगे तो दुनिया को अच्छा सन्देश नहीं जाएगा।' ये विचार हैं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख श्री नन्द कुमार के। वे गत दिनों जोधपुर (राजस्थान) में 'भारतीय स्वदेशी अवधारणा' विषय पर आयोजित गोष्ठी को सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान में स्वदेशी अवधारणा की नितान्त आवश्यकता है। गो विज्ञान परीक्षा समिति के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने कहा कि विश्व की डगमगाती आर्थिक व्यवस्था में भारतीय अर्थव्यवस्था स्वदेशी अवधारणा के चलते ही शान से खड़ी है। स्वदेशी जागरण मंच के प्रान्त सह संयोजक धर्मेन्द्र दुबे ने मंच की गतिविधियों की जानकारी दी। विभाग संयोजक लूणाराम सैन ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
एक अन्य कार्यक्रम में मात्र 22 वर्ष की अल्पायु में स्वदेशी के लिए शहीद होने वाले बाबू गेनू को श्रद्धांजलि दी गई। स्वदेशी जागरण मंच द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में जोधपुर के महापौर घनश्याम ओझा, महानगर सह संयोजक विनोद मेहरा, स्थानीय विधायक कैलाश भंसाली आदि उपस्थित थे।
ल्ल प्रतिनिधि
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