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बंगलादेश की राजधानी ढाका में ढाकेश्वरी देवी का मन्दिर है। इन्हीं ढाकेश्वरी देवी के नाम पर ही ढाका का नामकरण हुआ है। यह वहां का सबसे प्रमुख मन्दिर है। विभाजन से पहले तक ढाकेश्वरी देवी मन्दिर सम्पूर्ण भारत के शक्तिपूजक समाज के लिए आस्था का बहुत बड़ा केन्द्र था।
12वीं शताब्दी में सेन राजवंश के बल्लाल सेन ने ढाकेश्वरी देवी मन्दिर का निर्माण करवाया था। ढाकेश्वरी पीठ की गिनती शक्तिपीठ में की जाती है क्योंकि यहां पर सती के आभूषण गिरे थे।
1989-90 में इस मन्दिर पर मजहबी उन्मादियों ने भीषण आक्रमण किया था। 1996 में ढाकेश्वरी मन्दिर को ढाकेश्वरी जातीय मन्दिर का नाम दे दिया गया। इसका उद्देश्य मन्दिर को राष्ट्रीय मन्दिर घोषित करना था। इसी कारण प्रतिदिन सुबह मन्दिर के सामने बंगलादेशी झंडे का ध्वजारोहण किया जाता है। 1988 में बंगलादेश को इस्लामी राज्य घोषित किए जाने के बाद हिन्दुओं ने इस मन्दिर को राष्ट्रीय मन्दिर घोषित करने की मांग की थी। 1971 में युद्ध के दौरान पाकिस्तानी सेना ने इस मन्दिर को भारी नुकसान पहुंचाया और मन्दिर के आधे से अधिक हिस्से को तबाह कर दिया। ढाकेश्वरी देवी का मन्दिर अभी भी अपनी पुरानी भव्यता को प्राप्त नहीं कर पाया है। वहां के हिन्दू उसे भव्यता प्रदान करना चाहते हैं, लेकिन सरकार अनुमति नहीं दे रही है। कब देवी का घर ठीक होगा, यह कहा नहीं जा सकता है। ल्ल
ढाकेश्वरी मंदिर
यह मंदिर बंगलादेश की राजधानी ढाका में स्थित है
मुख्य हवाई अड्डा- ढाका
ढाका के लिए कोलकाता से बस सेवा भी है।
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