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भारत में देशाटन या पर्यटन की शुरू से परंपरा रही है। इससे जहां जीवन में आई एकरसता दूर होती है, वहीं नया वातावरण और मोहक दृश्य मन-शरीर में नए उत्साह का संचार करते हैं। साथ ही हमें पता चलती हैं नई नई बातें जिनसे हम अभी तक अनजान थे। तो चलिए, तैयार हो जाइए, मन-वृन्दावन को आनंदित करने को चलते हैं सांस्कृतिक पर्यटन पर, जिसमें हम जानेंगे अपनी सांस्कृतिक विरासत को; वह विरासत जो कम्बोडिया के अंगकोरवाट मंदिर से लेकर पाकिस्तान के कटासराज और हिंगलाज तक व्याप्त है। हिंगलाज 51 शक्तिपीठों में से एक है तो कटासराज भगवान शिव का मंदिर जिसके पास ही है सभी पापों का नाश करने वाला पवित्र सरोवर। जानते हैं पांडव वनवास के दौरान यहां आए थे? यह स्थली महाभारत के एक अत्यंत महत्वपूर्ण प्रसंग की साक्षी है। यह जानकर किसे गर्व नहीं होगा कि एक प्राचीन हिंदू मंदिर कम्बोडिया का राष्ट्रीय चिह्न है, जो उसके राष्ट्रध्वज पर अंकित है। इसके अलावा आपको ले चलेंगे नेपाल, श्रीलंका और तमाम दूसरे देशों की उन जगहों पर, जहां पग-पग पर हमारी सनातन संस्कृति के अमिट चिह्न अंकित हैं।
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