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शुरुआत सरकारी नौकरी से
बड़ी छलांग
देश के कई बड़े बांधों और फार्मूला-1 ट्रैक के निर्माण सहित विनिर्माण क्षेत्र में अग्रणी
संदेश
संघर्ष करते रहने से दूर होती हैं मुश्किलें
शायद ही आपने कभी किसी भारतीय उद्योगपति को खादी के कपड़े पहने देखा हो। इस लिहाज से जेपी समूह के संस्थापक अध्यक्ष जयप्रकाश गौड़ अपवाद माने जा सकते हैं।
उन्होंने सरकारी नौकरी को छोड़ने के बाद करीब पांच दशक पहले जेपी समूह की शुरुआत की थी। रुड़की इंजीनियरिंग कालेज से सिविल इंजीनियरंग की डिग्री लेने के बाद वे उत्तर प्रदेश सरकार की नौकरी करने लगे। पर वहां पर लंबे समय तक काम करने का माहौल न देखकर उन्होंने जयप्रकाश एसोसिएट नाम से कंपनी शुरू की। इसने सिविल इंजीनियरिंग और विनिर्माण संबंधी प्रोजेक्ट लेने शुरू किए। आगे चलकर जेपी समूह ने सरदार सरोवर बांध, टिहरी बांध, नाथपा झाकरी बांध जैसे देश के बड़े बांधों का निर्माण किया। जय प्रकाश गौड़ के नेतृत्व में। वे देश के सबसे धनी इंसानों में हैं। इसके अलावा उन्हें भारत का विनिर्माण पुरुष कहा जाने लगा है। यह समूह बिजली, सीमेंट, रियल एस्टेट, हास्पिटैलिटी, सड़क, उर्वरक और शिक्षा क्षेत्र में पहले से ही काम कर रहा है।
कुछ समय पहले उनके समूह ने ग्रेटर नोएडा में फार्मूला वन का ट्रैक स्थापित करके साबित कर दिया कि यह मामूली कारपोरेट घराना नहीं है। वे कहते हैं कि जेपी में कभी कुछ भी किसी व्यक्ति विशेष के बारे में नहीं होता। फार्मूला वन ट्रैक मेरे पुत्र समीर की कामयाबी नहीं है, यह एकजुटता की कामयाबी है।
जे.पी. गौड़ कहते हैं कि जेपी ग्रुप का 18,000 करोड़ रु. का टर्नओवर और रियल एस्टेट,सिविल इंजीनियरिंग, बिजली और होटल कारोबार से जुड़ा होना इसे भारत में फर्मूला वन के लिए सही साझेदार बना देता है। वे कहते हैं, फार्मूला वन में बने रहने के लिए कुछ चीजें जरूरी हैं। सबसे जरूरी है एक मुकम्मल संगठन जो जेपी के पास है। इसके बाद जमीन की जरूरत है जो जेपी के पास है। आपको पैसे और सिविल इंजीनियरिंग की विशेषज्ञता की जरूरत है जो हमारे पास है और आखिर में आपके पास हास्पिटैलिटी में महारत होना जरूरी है, जो हम रखते हैं।
फार्मूला वन ट्रैक में उनकी भूमिका के बारे में पूछे जाने पर जे.पी. गौड़ के पुत्र समीर बहुत ही सादगी से कहते हैं कि उन्होंने वही किया जो ग्रुप के प्रमुख और उनके पिता जयप्रकाश गौड़ ने कहा। जब 2007 में जेपीएसआई की स्थापना की गई थी तो उस समय जय प्रकाश गौड़ ने उन्हें फार्मूला वन के बर्नी एक्लेस्टन से मिलने के लिए भेजा था जो सिंगापुर और मलेशिया में सफलता के बाद किसी और एशियाई देश में एफ-1 के ठिकाने की तलाश में थे। समीर उनकी आंखों में ख्वाब सजाने में सफल रहे और यह मौका भारत की गोद में आ गिरा।
गौड़ कहते हैं कि वे 2007 से पहले तक फार्मूला वन के बारे में कुछ नहीं जानते थे। किस बात ने उन्हें यह मानने के लिए राजी किया कि ग्रां प्री रेस कारोबारी सफलता हासिल कर सकती है? गौड़ कहते हैं, हम सभी क्रिकेट प्रेमी हैं, लेकिन एक भी बड़ा मौका या एक बड़ा खेल ऐसा नहीं है जो क्रिकेट को चुनौती दे सकता हो।
यह आम धारणा कि जेपी ग्रुप उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के काफी करीब है, के बारे में पूछे जाने पर वे कहते हैं, जेपी ग्रुप जहां भी काम करता है, वहां सरकारों के करीब होता है। हम देश के 11 राज्यों में काम कर रहे हैं और सभी सरकारों के साथ सकारात्मक संबंध बनाए रखने की जरूरत है।
आगे क्या़.़.. बुनियादी ढांचा क्षेत्र में पूरी तरह सफल जेपी समूह अब स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में उतरने की तैयारी में है। कंपनी नोएडा में नवनिर्मित 500 बिस्तरों वाले जेपी अस्पताल का संचालन शुरू करेगा। इस कदम से यह समूह 74 अरब डॉलर वाले स्वास्थ्य सेवा उद्योग में प्रवेश कर जाएगा, जिसकी वार्षिक बढ़त की रफ्तार 15 फीसद से ज्यादा है।
जेपी समूह और जयप्रकाश एसोसिएट्स के संस्थापक चेयरमैन 84 वर्षीय जय प्रकाश गौड़ ने कहा, गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाओं की किल्लत है और हमारा इरादा बेहतर काम करने का है। मुझे उम्मीद है कि मांग और इरादे का मिश्रण कारगर होगा। मुश्किल हालात में अपने विभिन्न कारोबारों के विस्तार के लिए संघर्ष करने वाले दूरदर्शी गौड़ का मानना है कि स्वास्थ्य सेवा उद्योग तीव्रता के साथ प्रगति के लिए तैयार है। समूह ने अस्पताल के निर्माण पर 500 करोड़ रुपये निवेश किया है और पहले चरण में ही उन्नत तकनीक व उपकरण हासिल कर रहा है। यह निवेश जमीन पर किए गए निवेश के अलावा है। गौड़ ने कहा, जेपी अस्पताल 25 एकड़ से ज्यादा क्षेत्र में फैला है, जिसमें से 18 एकड़ का ही इस्तेमाल हुआ है। दूसरे चरण में कंपनी की योजना अगले चार-पांच वर्षों में बिस्तरों की संख्या 1200 करने की है और इस पर 2000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। अस्पताल कारोबार की शुरुआती आर्थिक सहायता समूह के ट्रस्ट जेपी सेवा संस्थान से हुई है, जिसके बारे में गौड़ का दावा है कि यह सुविधाओं से वंचित लोगों की जरूरतों का भी ध्यान रखेगा। ल्ल
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