बाल चौपाल:राजा सुरपाल
November 30, 2023
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
Panchjanya
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • राज्य
    • वेब स्टोरी
    • Vocal4Local
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • लव जिहाद
    • ऑटो
    • जीवनशैली
    • पर्यावरण
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • जनजातीय नायक
SUBSCRIBE
No Result
View All Result
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • राज्य
    • वेब स्टोरी
    • Vocal4Local
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • लव जिहाद
    • ऑटो
    • जीवनशैली
    • पर्यावरण
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • जनजातीय नायक
No Result
View All Result
Panchjanya
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • संघ
  • पत्रिका
  • वेब स्टोरी
  • My States
  • Vocal4Local
होम Archive

बाल चौपाल:राजा सुरपाल

by
Oct 18, 2014, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 18 Oct 2014 16:27:35

सुरपाल नाम के एक गुर्जर राजा थे। उनका राज्य ज्यादा बड़ा नहीं था और न ही प्रजा की संख्या करोड़ों में थी, लेकिन उनकी प्रजा राजा से बहुत प्रेम करती थी। उनके न्याय की सराहना की जाती थी। राजा सुरपाल एक दिन हाथी पर बैठकर शिकार खेलने के लिए जा रहे थे। चलते-चलते उनकी नजर नदी किनारे कपड़े धोती हुई एक सुंदर कन्या पर पड़ी। उसका अनुपम सौंदर्य देखकर वह उसे देखते ही रह गए। ऐसी अनुपम सुंदर कन्या उन्होंने पहले कभी नहीं देखी थी। सुरपाल का हाथी आगे बढ़ गया, किंतु उनका मन वहीं नदी के किनारे चक्कर काटता रह गया।
वह महलों में आए लेकिन उनके नेत्रों से उस कन्या की छवि हट न सकी। वह दिन रात उनके नेत्रों के सामने घूमने लगी। उस समय स्वैराचार का युग था। वासना के वशीभूत होकर राजाओं ने अपना धर्म त्याग दिया था। सुरपाल भी उस कन्या को अपने महल में ले आने की बात सोचने लगे। सहसा उन्हें अपने राजधर्म का ध्यान हुआ। मैं राजा हूं …ह्ण वह सोचने लगे,ह्णऔर प्रजा का प्रत्येक घटक मेरी संतान है, फिर अपनी संतान के प्रति ऐसी भावना छी: छी:।ह्ण
सुरपाल का चित्त ग्लानि से भर गया, वह कांप उठे। ह्य मैं कितना पापी हूं, नीच हूं, अधम हूं। क्या मैं राजा रहने योग्य हूं ?ह्ण वह कह उठे। और उनके हृदय से उत्तर मिला, ह्यनहीं।ह्णउनकी आत्मा ने कहा तू अपने सिंहासन का त्याग कर दे। ह्यकिंतु क्या इतने मात्र से मेरा उचित प्रायश्चित हो जाएगा? उन्होंने फिर स्वयं से प्रश्न किया। ह्यप्रायश्चित करना चाहता है ? तो वह बहुत कठिन है। ह्ण उनकी अंतरात्मा बोल उठी, ह्य उसके लिए तुझे अपने इस शरीर को ही नष्ट करना पड़ेगा। हां, हां यही ठीक रहेगा। राजा सुरपाल चीख उठे। मैं अवश्य ऐसा ही करूंगा। मैंने राजा होकर ऐसी दुर्भावना को अपने हृदय में आने दिया है। मैं सचमुच ही इसी प्रायश्चित के योग्य हूं।ह्ण उन्होंने उसी समय अपने राज्य के विद्वान ब्राह्मणों को एकत्रित किया। भूदेवो ! सुरपाल ने उनसे पूछा, ह्य अपनी संतान से व्यभिचार की कामना रखने वाले व्यक्ति के लिए धर्मशास्त्रों ने क्या प्रायश्चित बताया है?ह्णह्यआत्महत्याह्ण ब्राह्मण कह उठे। और यदि वह पापी राजा हो तो ? राजा सुरपाल ने पूछा। राजा? ब्राह्मण चौंक पड़े। हां, राजा ! तुम्हारे इस पापी नरेश सुरपाल के मन में अपनी प्रजा के प्रति ऐसी दुर्भावना आई है, और राजा भी तो प्रजा का पिता होता है। सारी प्रजा उसकी संतान की तरह होती है। वह बोले!
सभी ब्राह्मण चुप थे। यदि राजा ही पुत्रवत् प्रजा के प्रति अपनी कामवासना का संयत न रख सके, तब प्रजा ही मर्यादा रहित हो जाएगी। इसलिए मैंने आपसे पूछने से पहले ही अग्नि में प्रवेश करके अपने पाप का प्रायश्चित्त करने का निश्चय किया है, औरअपने इस निश्चय का ही मैं आपके द्वारा समर्थन करना चाहता था। ब्राह्मणों ने परस्पर परामर्श किया और अंत में उन्होंने राजा के निश्चय का समर्थन कर दिया। चिता जल उठी। अग्निशिखा प्रकाश करती हुई ऊपर को बढ़ने लगी। उस समय तक चारों और प्रजा की अपार भीड़ एकत्रित हो चुकी थी उस मैदान में। सुरपाल ने अग्नि की शिखा को हाथ जोड़े, सिर झुकाया और फिर नेत्र मूंदकर वह उसकी ओर बढ़े।
सारी जनता में हाहाकार मच गया। सुरपाल अग्नि में कूदने ही वाले थे कि ब्राह्मणों ने आगे बढ़कर उन्हें पकड़ लिया- ह्यबस राजन्।ह्ण उन्होंने कहा, तुम्हारा प्रायश्चित हो गया।ह्णह्यतुमने मन से ही तो पाप किया था न?ह्ण ब्राह्मणों ने विधान दिया, ह्यदेह से तुम निष्पाप ही हो। फिर इस निरपराध देह को दाह का यह दंड क्यों दिया जाए? मन ने जो पाप किया था, उसकी शुद्धि इतने मात्र से ही हो गई।ह्ण राजा के मन की ज्वाला शांत हो गई। राजधर्म की जय, उनका मन पवित्र हो गया। व्यभिचारी को प्राणदंड देने का नियम तो राज्यों के विधानों में मिलता है और अनेक राजाओं ने अपने राज्य के व्याभिचारियों को प्राणदंड देकर न्यायमूर्ति की उपाधियां भी धारण की हैं, ऐसी घटनाएं विश्व के इतिहास में इनी-गिनी ही प्राप्त होती हैं और उन्हीं में से एक घटना यह भी है, जिसका हमने उल्लेख किया है। मोहम्मद ऊफी ने अपने इतिहास में इस घटना का सविस्तार वर्णन किया है। ल्ल बाल चौपाल डेस्क
बहादुर मां का क्रांतिकारी बेटा
क्रांतिकारी रामप्रसाद बिस्मिल की कर्मठता और निडरता के बारे में कौन नहीं जानता, जिन्होंने अपनी बहादुरी से अंग्रेजों की नाक में दम कर दिया था। 1927 में उन्हें गोरखपुर की जेल में रखा गया था। 19 दिसंबर को उन्हें फांसी दी जाने वाली थी। उस दिन उस क्रांतिकारी के माता-पिता उनसे मिलने आए। बिस्मिल ने आगे बढ़कर पिता की चरणधूलि आंखों से लगाई। फिर वे उठे और मां-मेरी मां कहते हुए अपनी मां से लिपट गए। उनकी आवाज रुंध गई। मां ने उन्हें कंधे से हटाया और आंखों में आंखें डालकर बोली, मेरा बहादुर बेटा रो रहा है? मां की बात सुनकर रामप्रसाद मुस्कराए और बोले! मां ये आंसू मौत के भय के नहीं। मौत को तो मैं किसी भी घड़ी गले लगाने के लिए तैयार हूं। यह तो अपनी प्यारी मां को याद करके मेरी आंखों में आंसू आ गए। पता नहीं अगले जन्म में मुझे इतनी स्नेहशील मां मिलेगी या नहीं? मां ने रामप्रसाद के आंसू पोंछे और बोली- बेटे बहादुरों को हमेशा ऐसी ही मां मिलती है। देख, मैं खुद ईश्वर से प्रार्थना करके आई हूं कि मुझे हर जन्म में तेरे जैसा बहादुर बेटा मिले।

ShareTweetSendShareSend

संबंधित समाचार

मेरठ से लखनऊ और प्रयागराज तक चलेगी नई ट्रेन, मेरठ सिटी रेलवे स्टेशन बनेगा विश्वस्तरीय, अश्विनी वैष्णव ने की घोषणा

मेरठ से लखनऊ और प्रयागराज तक चलेगी नई ट्रेन, मेरठ सिटी रेलवे स्टेशन बनेगा विश्वस्तरीय, अश्विनी वैष्णव ने की घोषणा

नौसेना के राफेल-एम लड़ाकू जेट मीटियोर, मीका और स्कैल्प मिसाइलों से लैस होंगे

नौसेना के राफेल-एम लड़ाकू जेट मीटियोर, मीका और स्कैल्प मिसाइलों से लैस होंगे

उत्तराखंड: ग्लोबल इन्वेस्टर समिट की तैयारियों की समीक्षा, चीफ सेक्रेटरी ने शहर को सजाने और संवारने का दिया निर्देश

उत्तराखंड: ग्लोबल इन्वेस्टर समिट की तैयारियों की समीक्षा, चीफ सेक्रेटरी ने शहर को सजाने और संवारने का दिया निर्देश

‘डीप वेब’ का नाम रहस्यमय है, काम नहीं

‘डीप वेब’ का नाम रहस्यमय है, काम नहीं

PM Narendra Modi

महिला किसानों को ड्रोन, जन औषधि केंद्र 25 हजार, पीएम मोदी ने बताया भारत संकल्प यात्रा का उद्देश्य

Uttarakhand news, Khatima News, Uttarakhand latest news, Sanatan, Funeral, Uttarakhand hindi news, true storry

पत्नी ने मिटाया ‘मांग का सिन्दूर, तोड़ दी चूड़ियां’ लेकिन जिंदा निकला पति, जानिए हैरान कर देने वाली सच्ची घटना…

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

मेरठ से लखनऊ और प्रयागराज तक चलेगी नई ट्रेन, मेरठ सिटी रेलवे स्टेशन बनेगा विश्वस्तरीय, अश्विनी वैष्णव ने की घोषणा

मेरठ से लखनऊ और प्रयागराज तक चलेगी नई ट्रेन, मेरठ सिटी रेलवे स्टेशन बनेगा विश्वस्तरीय, अश्विनी वैष्णव ने की घोषणा

नौसेना के राफेल-एम लड़ाकू जेट मीटियोर, मीका और स्कैल्प मिसाइलों से लैस होंगे

नौसेना के राफेल-एम लड़ाकू जेट मीटियोर, मीका और स्कैल्प मिसाइलों से लैस होंगे

उत्तराखंड: ग्लोबल इन्वेस्टर समिट की तैयारियों की समीक्षा, चीफ सेक्रेटरी ने शहर को सजाने और संवारने का दिया निर्देश

उत्तराखंड: ग्लोबल इन्वेस्टर समिट की तैयारियों की समीक्षा, चीफ सेक्रेटरी ने शहर को सजाने और संवारने का दिया निर्देश

‘डीप वेब’ का नाम रहस्यमय है, काम नहीं

‘डीप वेब’ का नाम रहस्यमय है, काम नहीं

PM Narendra Modi

महिला किसानों को ड्रोन, जन औषधि केंद्र 25 हजार, पीएम मोदी ने बताया भारत संकल्प यात्रा का उद्देश्य

Uttarakhand news, Khatima News, Uttarakhand latest news, Sanatan, Funeral, Uttarakhand hindi news, true storry

पत्नी ने मिटाया ‘मांग का सिन्दूर, तोड़ दी चूड़ियां’ लेकिन जिंदा निकला पति, जानिए हैरान कर देने वाली सच्ची घटना…

Srinagar NIT Jammu kashmir DGP

NIT में बवाल: कहानी कुछ और, हिन्दू लड़के से रिलेशनशिप में मुस्लिम लड़की, ईशनिंदा का आरोप बहाना? पाकिस्तान की भी साजिश

‘विश्व में शांति के लिए भारत की ओर देख रहे अरब के देश’, सऊदी राजदूत के इस बयान के मायने क्या

‘विश्व में शांति के लिए भारत की ओर देख रहे अरब के देश’, सऊदी राजदूत के इस बयान के मायने क्या

Silkayara Tunnel rescue operation

उत्तराखंड: उत्तरकाशी सिलक्यारा सुरंग बचाव अभियान, देश का सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन, जानें सब कुछ

India is going to build new Aircraft career

INS विक्रांत के बाद एक और एयरक्राफ्ट कैरियर बनाएगा भारत, 4.8 बिलियन का खर्च, राफेल भी होगा तैनात

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

No Result
View All Result
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • संघ
  • राज्य
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • विज्ञान और तकनीक
  • खेल
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • साक्षात्कार
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • जीवनशैली
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • संविधान
  • पर्यावरण
  • ऑटो
  • लव जिहाद
  • श्रद्धांजलि
  • बोली में बुलेटिन
  • Web Stories
  • पॉडकास्ट
  • Vocal4Local
  • पत्रिका
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies