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विविध- डॉ. हेडगेवार प्रज्ञा सम्मान प्रो. सतीश चन्द्र मित्तल को

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Jul 12, 2014, 12:00 am IST
in Archive
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दिंनाक: 12 Jul 2014 15:33:34

वर्ष 2014 का डॉ. हेडगेवार प्रज्ञा सम्मान सुप्रसिद्ध इतिहासकार प्रो. सतीश चन्द्र मित्तल को दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि यह सम्मान कोलकाता के श्री बड़ाबाजार कुमारसभा पुस्तकालय द्वारा प्रतिवर्ष किसी ऐसे व्यक्ति को दिया जाता है,जिसने राष्ट्रवादी विचारधारा को लोगों तक पहंुचाने में अहम भूमिका निभाई हो। पुस्तकालय द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार यह सम्मान 15 अगस्त, 2014 को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल के कर कमलों से डॉ. मित्तल को दिया जाएगा। – प्रतिनिधि

सामाजिक कार्यकर्ताओं की भूमिका पर गोष्ठी
दिल्ली के नेहरू नगर स्थित सरस्वती बाल मन्दिर में 5 जुलाई को 'समकालीन परिस्थिति में सामाजिक कार्यकर्ताओं की भूमिका' पर एक गोष्ठी आयोजित हुई। पंचनद शोध संस्थान के तत्वावधान में आयोजित इस गोष्ठी के मुख्य वक्ता थे माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय,भोपाल के कुलपति प्रो. बृजकिशोर कुठियाला।
गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सामाजिक कार्यों में लगे कार्यकर्ता यथाशक्ति उसी तत्परता से कार्य करते हैं जिससे वे अपना लक्ष्य प्राप्त कर सकें। सत्ता का अनुकूलन उनकी कार्यप्रणाली पर कोई असर नहीं डालता है। दीनदयाल जी और नानाजी देशमुख जैसे विराट व्यक्तित्व हमारे सामाजिक कार्यकर्ताओं के लिए सदैव प्रेरणापंुज बने रहेंगे।
शिक्षा बचाओ आन्दोलन के संयोजक श्री दीनानाथ बत्रा ने कहा कि समाज और देश के लिए साहित्य, संस्कृति या अन्य विषयों से जुड़े गंभीर मामलों पर जनता के बीच में चर्चा होनी चाहिए। इसके साथ ही जनजाणरण के माध्यम से कुछ लोगों द्वारा फैलाई गई भ्रांतियों का निराकरण करते हुए राष्ट्र और संस्कृति के विषय में ठोस प्रतिमान स्थापित किए जाने चाहिए।
इस अवसर पर सर्वश्री राजेन्द्र चड्ढा, डा. अजय कुमार, डा. कृष्णचन्द्र पांडे, यशपाल नागपाल, संजय मित्तल, वेदप्रकाश, रोहित वासवानी व नीरज सिंह ने भी पंचनद के कार्यक्रमों की जिलावार जानकारी दी।
– प्रतिनिधि

एन.एम.ओ. के चिकित्सक लिखेंगे 'ऊं'
नेशनल मेडिकोज ऑर्गनाइजेशन (एन.एम. ओ.) की मेरठ इकाई से जुड़े चिकित्सकों ने निर्णय लिया है कि वे अब मरीजों को दवाई लिखते समय फ७ की जगह 'ऊं' लिखेंगे। उल्लेखनीय है कि फ७ लैटिन मूल का संकेताक्षर है,जिसका साधारण अर्थ है- रैसिपी (लो) यानी नुस्खा (लो)। इस शब्द का प्रयोग दवाई लिखने से पूर्व चिकित्सक करते हैं। एन. एम. ओ. के मेरठ महानगर के महामंत्री डॉ. विश्वजीत बैम्बी ने कहा कि ऊं द्वारा दवाओं के नुस्खे का श्रीगणेश अधिक प्रभावशाली और भारतीयता का भाव प्रेरित करने वाला सिद्ध होगा। यह निर्णय एन. एम. ओ. की महानगर इकाई के पुनर्गठन के अवसर पर लिया गया।  -प्रतिनिधि

दिल्ली में एन.डी.टी.एफ. की गोष्ठी
गत 6 जुलाई को दिल्ली के गुरु तेगबहादुर खालसा कॉलेज में भाजपा की शिक्षक इकाई एन.डी.टी.एफ. ने एक गोष्ठी का आयोजन किया। गोष्ठी का विषय था-'तदर्थ शिक्षकों की चिन्ता और चुनौतियां।' इसमें 300 से अधिक तदर्थ शिक्षकों ने भाग लिया। गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए एन.डी.टी.एफ. के संरक्षक प्रो. इन्द्रमोहन कपाही ने कहा कि चार वर्षीय पाठ्यक्रम समाप्त होने के बाद भी शिक्षकों पर कार्य का दबाव कम नहीं हुआ है। इसलिए किसी भी तदर्थ शिक्षक को बाहर नहीं जाने दिया जाएगा और बिना किसी भेदभाव के और शिक्षकों की नियुक्ति करवाई जाएगी। डूटा के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ शिक्षाविद् प्रो. श्रीराम ओबेराय ने कहा कि जो कुलपति साढ़े तीन वर्ष तक शिक्षक नेताओं से नहीं मिले वे केन्द्र में नई सरकार के आते ही शिक्षकों और छात्र नेताओं से ही नहीं मिले,बल्कि चार वर्षीय पाठ्यक्रम को रद्द करने पर भी सहमत हो गए। एन.डी.टी.एफ. के अध्यक्ष प्रो. राजकुमार भाटिया ने कहा कि एन.डी.टी.एफ. तदर्थ अवधारणा को समाप्त कर विश्वविद्यालय में शिक्षकों की स्थाई नियुक्ति की मांग करेगा। गोष्ठी में एन.डी.टी.एफ. के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अवनिजेश अवस्थी, डॉ. प्रमोद शास्त्री, डॉ. हंसराज सुमन, डॉ. मनोज खन्ना, डॉ. जसपाली चौहान और डॉ. संजय कुमार ने भी अपने विचार व्यक्त किए। -प्रतिनिधि

कठुआ में कम्प्यूटर प्रशिक्षण शिविर
गत दिनों जम्मू-कश्मीर के कठुआ में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् ने कम्प्यूटर शिक्षण शिविर लगाया। यह शिविर एक महीने तक चला। परिषद् के प्रदेश उपाध्यक्ष राहुल देव ने शिविर की जानकारी देते हुए बताया कि परिषद् द्वारा हर वर्ष गर्मी की छुट्टियों में आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों की मदद के लिए शिविर लगाया जाता है। इस बार कम्प्यूटर शिक्षण शिविर लगाया गया। इसमें विद्यार्थियों को कम्प्यूटर ज्ञान दिया गया। इसके लिए छात्रों से एक महीने के पाठ्यक्रम के लिए केवल 30 रुपए का शुल्क लिया गया। ल्ल प्रतिनिधि

दिल्ली विश्वविद्यालय में अभाविप का प्रदर्शन
7 जुलाई को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (अभाविप) और दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ(डूसू ) के कार्यकर्ताओं ने विश्वविद्यालय में पुनर्मूल्यांकन और 'स्पेशल चांस' की बहाली के लिए उत्तरी परिसर स्थित कला संकाय के सामने प्रदर्शन किया। अभाविप के दिल्ली प्रदेश मंत्री साकेत बहुगुणा ने कहा कि देश के सबसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में छात्रों के अमूल्य समय की कीमत नहीं समझी जा रही है। जो छात्र तीसरे वर्ष के पांचवें या छठे 'सेमेस्टर' में किसी एक विषय में भी अनुत्तीर्ण होते हैं, उन्हें उसे उत्तीर्ण करने के लिए एक पूरा साल बर्बाद करना पड़ रहा है। यह सरासर अन्याय है और अभाविप अब इस तरह के अन्याय को नहीं सहेगी। हम विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग करते हैं कि छात्र हित में पुनर्मूल्यांकन और 'स्पेशल चांस' को तुरंत बहाल किया जाए। छात्रों को डूसू अध्यक्ष अमन अवाना तथा संगठन मंत्री दीपक पाठक ने भी
सम्बोधित किया। -प्रतिनिधि

रिखब चन्द जैन बने विहिप दिल्ली के अध्यक्ष
नई दिल्ली में 4 जुलाई को विश्व हिन्दू परिषद् की एक बैठक हुई। इसमें कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। दिल्ली के प्रसिद्ध व्यवसायी श्री रिखब चन्द जैन को इन्द्रप्रस्थ विश्व हिन्दू परिषद् का अध्यक्ष बनाया गया। इसके साथ ही श्री नीरज दोनेरिया को बजरंग दल, दिल्ली का प्रान्त संयोजक, श्रीमती संध्या शर्मा को विहिप की महिला शाखा मातृशक्ति का संयोजक तथा सूर्यप्रकाश सेमवाल को दिल्ली प्रदेश संस्कृत आयाम प्रमुख बनाया गया है। इस वर्ष श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (17 अगस्त, 2014) को विश्व हिन्दू परिषद् अपनी स्थापना के पचास वर्ष पूरे करने जा रहा है। इसके लिए नवगठित स्वर्ण जयन्ती महोत्सव समिति के प्रान्त मंत्री के रूप में श्री गुरदीन प्रसाद रुस्तगी को जिम्मेदारी सांैपी गई। इसकी घोषणा विहिप के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री ओमप्रकाश सिंहल ने की। बैठक में विहिप के अन्तरराष्ट्रीय संगठन महामंत्री श्री दिनेश चन्द्र ने आशा व्यक्त की कि अनेक सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करते हुए बहुमुुखी प्रतिभा के धनी श्री रिखब चन्द जैन की अध्यक्षता में इन्द्रप्रस्थ विश्व हिन्दू परिषद् सफलता की नई ऊंचाइयों को छुएगी। -प्रतिनिधि

राधेश्याम नहीं रहे
प्रयाग में 1 जुलाई को प्रो. राजेन्द्र सिंह (रज्जू भैया) स्मृति सेवा न्यास के संगठन मंत्री श्री राधेश्याम का निधन हो गया। श्री राधेश्याम को सांस लेने में तकलीफ होने पर 16 जुलाई को एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। कुछ स्वस्थ होने पर उन्हें अस्पताल से 28 जुलाई को छुट्टी दे दी गई थी। 1 जुलाई की सुबह पुन: तकलीफ होने पर उन्हें अस्पताल ले जाया गया,पर उन्हें बचाया नहीं जा सका। श्री राधेश्याम ने संघ के एक प्रचारक के नाते लखनऊ, कन्नौज, हरदोई, गोण्डा, बहराइच और गोरखपुर में संघ कार्य को बढ़ाने में उल्लेखनीय योगदान दिया था। तीन वर्ष पहले उन्हें सेवा न्यास का संगठन मंत्री बनाया
गया था। -प्रतिनिधि
परशुराम जी का निधन
गत दिनों झांसी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ कार्यकर्ता श्री परशुराम गोस्वामी का निधन हो गया। वे 90 वर्ष के थे। श्री गोस्वामी संघ कार्य के साथ-साथ लेखन में भी जुटे रहते थे। वे बहुत अच्छे गीतकार थे। उन्होंने अनेक गीतों और पुस्तकों की रचना की है। उनके कई गीत संघ में भी गाए जाते हैं। श्री गोस्वामी के लेख पाञ्चजन्य में भी काफी समय तक प्रकाशित हुए थे। वे अपनी रचना भगवान परशुराम की मां 'रेणुका' के नाम से छपवाते थे। -प्रतिनिधि

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