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उत्तर प्रदेश की अखिलेश सरकार पिछली गलतियों से जरा भी सबक लेती दिखाई नहीं दे रही। सपा राज में विभिन्न पदों पर बैठे नौकरशाह भी सामाजिक एवं धार्मिक स्तर पर होने वाली छोटी-छोटी समस्याओं को नीतिगत तरीके से नहीं निपटा पा रहे हैं। एक वर्ष पहले मुजफ्फरनगर की प्रशासनिक और राजनीतिक विफलता के बाद अब मुरादाबाद में भी उसी तर्ज पर पटकथा लिखी जा रही है। पुलिस द्वारा रमजान शुरु होते ही एक मंदिर के लाउडस्पीकर को उतारे जाने के बाद वंचित समाज, भाजपा और हिंदू संगठनों के नेताओं ने विरोध किया तो पुलिस ने उन पर ही आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया। यहां तक कि महिलाओं को भी नहीं बख्शा। पुलिस ने अभी तक 19 लोगों को गिरफ्तार कर 50 के नामजद और 500 अज्ञात के खिलाफ रपट दर्ज कर ली है।
दरअसल मुरादाबाद जिले की कांठ तहसील में आठ हजार की आबादी वाले गांव अकबरपुर चैदरी में वंचितों की बस्ती में एक मंदिर पर लगे लाउडस्पीकर को पुलिस प्रशासन ने जबरन उतार दिया। जब लोगों ने विरोध करने की कोशिश की तो उन पर लाठियां भांजी गईं, आंसू गैस के गोले छोड़े गए। इस बात को लेकर तमाम हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता लामबंद हो गए हैं और पिछले एक पखवाड़े से सड़कों पर हैं। मुरादाबाद से तकरीबन 30 किलोमीटर दूर स्थित गांव अकबरपुर चैदरी में 80 फीसदी आबादी मुस्लिम और 20 फीसदी वंचित समाज की है।
जानकारों के अनुसार 1971-72 में रामगंगा नदी की बाढ़ में यह गांव बह गया था। उसके बाद वहां वंचित समाज के सिर्फ 40-50 घर ही बचे। इसके बाद धीरे-धीरे गांव में मुसलमानों की दस्तकार बिरादरी के लोग आकर बसते गए। गांव में चार मस्जिदंे हैं और दो निर्माणाधीन हैं। करीब 40-45 साल पहले हिंदुओं ने गांव में भगवान शिव का मंदिर बनाया था। हिंदू वर्ष में दो बार जन्माष्टमी एवं शिवरात्रि के पर्व पर इस मंदिर में लाउडस्पीकर लगाकर अपने धार्मिक अनुष्ठान पूरे करते हैं। गत 16 जून को भाजपा सांसद सर्वेश कुमार इस गांव में पहुंचे। उन्होंने उनके मंदिर पर लाउडस्पीकर लगवा दिया। मुरादाबाद के एसएसपी डा़ धर्मवीर सिंह के मुताबिक गांव के मुस्लिमों ने इसे नई परंपरा की शुरुआत बताते हुए उसका विरोध किया। कांठ विधानसभा से पीस पार्टी के टिकट पर चुनाव जीतकर बाद में सपा में शामिल हुए वहां के विधायक अनीसुर्रहमान कहते हैं कि दोनों पक्षों ने इसे अपनी प्रतिष्ठा का सवाल बना लिया। 26 जून को मंदिर का ताला लगा होने के बाद भी पुलिस ने ताला तोड़कर मंदिर में प्रवेश किया और लाउउस्पीकर उतार लिया। इस बात से नाराज हिंदू जागरण मंच और भाजपा के पदाधिकारियों ने लाउडस्पीकर लगाने की मांग को लेकर मुरादाबाद-हरिद्वार मार्ग पर जाम लगा दिया। वे मांग कर रहे थे कि प्रशासन ने गलत तरीके से लाउडस्पीकर हटाया है, जिसे तत्काल लगाया जाना चाहिए। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए उन पर लाठीचार्ज कर दिया। आंसू गैस के गोले छोड़े गए, लोगों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया। दर्जनों लोग घायल हो गए। यहां तक कि पुलिस ने महिलाओं को भी नहीं बख्शा।
राज्य समाचार संभंधित
पश्चिमी उत्तर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष चौ. भूपेंद्र सिंह कहते हैं, 'हमारी मांग है कि पहले मंदिर पर दोबारा लाउडस्पीकर लगाया जाए, फिर जिन दो मुसलमान सिपाहियों जाकिर एवं मुखत्यार ने लाउडस्पीकर उतारकर मंदिर की पवित्रता को नष्ट किया उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।'भाजपा और हिंदू संगठनों की यह भी मांग है कि लोगों पर बर्बरता से लाठीचार्ज करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए और दोषी अधिकारियों का स्थानांतरण किया जाए।
-राहुल शर्मा साथ में सुरेंद्र सिंघल
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