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यमन में एक अधेड़ व्यक्ति ने आठ साल की एक बच्ची से निकाह किया और दूसरे ही दिन उस 'विवाहिता' की मौत हो गई। बताया जाता है कि उसकी मौत अंदरूनी आघात से हुई है। मानवाधिकारी संगठनों ने उस व्यक्ति को गिरफ्तार करने की मांग की है। प्राप्त जानकारी के अनुसार यह घटना उत्तर-पूर्वी यमन के एक कबाइली इलाके हर्द की है। उल्लेखनीय है कि मध्य-पूर्वी देशों में छोटी-छोटी बच्चियों के साथ निकाह करने की शर्मनाक परम्परा है। एक-एक आदमी अपने जीवन में दसियों बार निकाह करता है। कई बार ये लोग भारत,बंगलादेश,पाकिस्तान आदि देशों से भी छोटी बच्चियों को निकाह करके ले जाते हैं। ये लोग लड़की के गरीब माता-पिता को मुंहमांगा पैसा देकर उन्हें चुप करा देते हैं।
संयुक्त राष्ट्र संघ जनसंख्या कोष के अनुसार मध्य-पूर्वी देशों में 2011 से 2020 के बीच लगभग 14 करोड़ बच्चियां हुल्हन बन जाएंगी। इन देशों में करोड़ों बच्चियां 15 साल से पहले ही शादी के बन्धन में बंध जाती हैं। यमन में 2009 में कानून बना था कि 17 साल के बाद ही किसी लड़की का निकाह कराया जा सकता है,पर चरमपंथी नेताओं को यह कानून पसन्द नहीं आया और उसे निरस्त कर दिया गया। इसका खामियाजा छोटी-छोटी बच्चियों को अपनी जान गंवाकर भुगतना पड़ता है। इस मामले पर वे मुल्ला-मौलवी भी चुप हैं,जो इस्रायल के हाथों मारे गए हमास के किसी आतंकवादी के लिए सड़कों पर उतरते हैं और इस्रायल को मिटाने की कसमें खाते हैं। ल्लद. अफ्रीका में मिला शिवलिंग
अभी हाल ही में दक्षिण अफ्रीका में एक गुफा की खुदाई करते हुए पुरातत्वविदों को ग्रेनाइट से निर्मित 6 हजार वर्ष पुराना शिवलिंग मिला है। पुरातत्वविदों के साथ-साथ आम लोग भी आश्चर्यचकित हैं कि हजारों वर्ष तक शिवलिंग जमीन में सुरक्षित रहा। पुरातत्वविदों का मानना है कि 6 हजार वर्ष पहले दक्षिण अफ्रीका में भी सनातनधर्मी रहते होंगे। यह भी कहा जा रहा है कि हो सकता है उस समय दक्षिण अफ्रीका में कोई ऐसा सम्प्रदाय रहता होगा,जो भगवान शिव की पूजा करता होगा। भगवान शिव की सबसे बड़ी मूर्ति भी दक्षिण अफ्रीका में ही है। इसका निर्माण 10 महीने में 10 कलाकारों द्वारा किया गया है। मूर्ति बेनोनी शहर के एकटोनविले में है।
प्रस्तुति : अरुण कुमार सिंह
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