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अंक सन्दर्भ : 18 मई, 2014
आवरण कथा 'बस ऐलान बाकी' जनता की उस मूक स्वीकृति की ओर इशारा करती है, जिसने नरेन्द्र मोदी को पहले ही प्रधानमंत्री चुन लिया था,अगर कुछ शेष रह गया था तो वह महज औपचारिक विजय शंखनाद। खास बात इस चुनाव में यह रही कि देश के मतदाताओं ने समस्त परिपाटियों को धता बताते हुए जिस दृढ़ संकल्प से देशहित में मतदान किया इसके लिए वह बधाई का पात्र है।
-हरिओम जोशी
चतुर्वेदी नगर,भिण्ड(म.प्र.)
० देश के प्रत्येक व्यक्ति के घर-घर से आती 'हर-हर मोदी,घर-घर मोदी' की आवाजें वयां कर रही थीं कि देश की जनता सिर्फ और सिर्फ नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री बनते देखना चाहती है। खेत-खलिहान हो या फिर घर-परिवार या नुक्कड़-चौराहे सभी जगह मोदी की विजय में लोग आस लगाए थे।
-अशोक गौड़
मुरैना(म.प्र.)
० नरेन्द्र मोदी की अभूतपूर्व विजय वंशवाद और मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति करने वाले नेताओं के मंुह पर जोरदार तमाचा है। देश की जनता ने उन्हें विकास और राष्ट्र रक्षा के लिए चुना है। इस चुनाव में कांग्रेस के काले-कारनामों से जहां मोदी ने परदा उठाया वहीं जनता ने मत-पंथ,जात-पात को किनारे करके राष्ट्र रक्षा के लिए भाजपा को चुना। देश की समस्त जनता को आशा है कि मोदी स्वामी विवेकानन्द के अधूरे कायोंर् को पूरा करंेगे।
-विजय कृष्ण प्रकाश
हाजीपुर, जिला-वैशाली(बिहार)
गायों पर हो रहा अत्याचार
आज गायों पर भीषण अत्याचार हो रहा है। प्रतिदिन सुबह होते ही लाखों गायों की निर्मम हत्या कर दी जाती है। जिनको गोहत्या रोकनी चाहिए वे सरकारें रोकने के बजाय नये कत्लखाने खोल रही हैं। इसलिए आज पूरे देश में गोहत्यारों के हौसले बुलन्द हैं, क्योंकि उनको सरकार द्वारा संरक्षण जो प्राप्त है। लेकिन अब हिन्दू समाज को जागना होगा तभी गोहत्या पर अंकुश लगेगा।
-मुलख राज विरमानी
[email protected]
देश विरोधी गतिविधियों में शामिल नक्सली
समाज की अंतिम पंक्ति में बैठे व्यक्ति को मुख्यधारा से जोड़ने व उसका हक दिलाने के लिए बना नक्सलवाद अब रास्ते से भटक चुका है। अब वह इन लोगों को मोहरा बनाकर देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम देता है। केन्द्र व राज्य सरकारों को चाहिए कि वह इस प्रकार की गतिविधियों पर तुरन्त अकंुश लगाए।
-संजय रोकड़े
देवेन्द्र नगर, इन्दौर (म.प्र.)
सपा की बौखलाहट
आम चुनाव में मिली करारी हार से उ.प्र. की सपा सरकार बौखला गई है और बदले की भावना से कार्य कर रही है। जिसका उदाहरण है कि चुनाव परिणाम आते ही जैसे ही सपा को पता चला कि वह उ.प्र. में साफ हो गई है वैसे ही बिजली की बेहिसाब कटौती प्रारम्भ कर दी। सपा को मिली हार के पीछे उसकी नीतियां व साम्प्रदायिकता का काला घिनौना चेहरा है, जिसकी आड़ में वह राजनीति की रोटियां सेंकती है। सपा सरकार के दो वर्षों के कार्यकाल में सपा के मंत्रियों, विधायकों, संासदों व नेताओं ने सिर्फ जनता का उत्पीड़न किया है। जिसका परिणाम प्रदेश की जनता ने इस आम चुनाव में सपा को दे दिया।
-निमित जायसवाल
मुरादाबाद, (उ.प्र.)
संघ से लें शिक्षा
पाञ्चजन्य के 18 मई के अंक में समरस-पथ पर डॉ. अम्बेडकर के ऊपर लिखा लेख अतिसुन्दर था। समाज को जानना चाहिए कि डॉ. अम्बेडकर ने सिर्फ दलितों का ही उद्धार नहीं किया,अपितु सम्पूर्ण भारत को समानता के सूत्र में बांधने का कार्य किया था। लेकिन ऐसा ही कार्य आज रा.स्व.संघ कर रहा है। संघ सिर्फ हिन्दूहित की प्रेरणा और भाषण ही नहीं देता अपितु कई अपने अनुसांगिक संगठनों के माध्यम से समाज के दीन-हीन की सेवा भी करता है। संघ सिर्फ समानता की बात ही नहीं करता अपितु उसका पालन भी करता है। इसी का परिणाम है कि संघ में अगड़े-पिछड़े,वंचित,अमीर-गरीब सभी इसका अंग हैं। इससे बड़ा समानता का उदाहरण और कहां होगा।
-देवेन्द्र सुथार
बागरा-जालोर(राज.)
मुंहतोड़ जवाब की आशा
देश की जनता नरेन्द्र मोदी से अपार आशाएं लगाए हुए है, क्योंकि संप्रग सरकार ने हर मोर्चे पर देश को ठगा है। चाहे वह आन्तरिक मुद्दा रहा हो या बाह्य। देश के अन्दर महंगाई, भ्रष्टाचार ने जहां जनता को रुलाया वहीं बाहर देश के दुश्मनों ने। चीन व पाकिस्तान ने इन दस सालों में कितनी बार बंदर घुड़की दिखाई, लेकिन संप्रग सरकार के नेता उनको मुंहतोड़ जवाब देने के बजाय नजरें चुराते नजर आए। इसी आक्रोश के चलते जनता ने संप्रग सरकार को किनारे लगाया है। क्योंकि देश वीर लोगों से चलता है कायरों और भ्रष्टाचारियों से नहीं।
-धर्मवीर सिंह
इंदिरापुरम, गाजियाबाद (उ.प्र.)
कूटनीतिक निर्णय
श्री नरेन्द्र मोदी ने अपने शपथ ग्रहण में दक्षेस देशों के राष्ट्राध्यक्षों को आमन्त्रण भेजकर सभी विरोधियों को करारा जवाब दिया है। आज तक किसी भी प्रधानमंत्री ने अपने शपथग्रहण में दक्षेस के राष्ट्राध्यक्षों को आमंत्रित नहीं किया। उनके इस निर्णय से सभी विरोधियों को मुंह की खानी पड़ रही है। वहीं पाकिस्तान इस निर्णय को पचा ही नहीं पा रहा है कि वे इस आमंत्रण को कैसे लें। लेते हैं तो घर में ही बैठे दहशत गदोंर् का विरोध झेलना पड़ेगा और नहीं लेते हैं तो अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर किरकिरी होगी। नरेन्द्र मोदी के पहले ही दाव में पाकिस्तान ऐसे फंस गया, आगे क्या होगा वो तो आने वाला समय ही बतायेगा।
-आशुतोष श्रीवास्तव
राजाजीपुरम, लखनऊ (उ.प्र.)
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मेवात बनता पाकिस्तान
पाकिस्तान, बंगलादेश में हिन्दू समाज के साथ अत्याचार जारी हैं, परन्तु दुख तब और होता है जब अपने ही देश के हरियाणा प्रान्त के मेवात में मुसलमानों द्वारा हिन्दुओं पर अत्याचार किया जा रहा है। मेवात में मुसलमानों ने न केवल कू्रर ताण्डव करके कानून को अपने हाथों में लिया है बल्कि हिन्दुओं को एक प्रकार से पलायन करने पर मजबूर कर दिया है। आश्चर्य की बात है कि जो धर्मनिरपेक्षता का चोला पहने हुए हैं, उन्हें मेवात में हिन्दुओं पर होते अत्याचार नहीं दिखाई देते? मेवात में जो कुछ हो रहा है उस पर आंसू क्यों नहीं आते? यही वो पाखंड और दोहरे मूल्यों की राजनीति है, जो हिन्दुओं को दोयम दर्जे का नागरिक बनाने पर तुली है।
-मनोहर मंजुल
पिपल्या-बुजुर्ग,प.निमाड(म.प्र.)
जनता का आक्रोश
इस चुनाव में जनता ने कांग्रेस के काले कारनामों के कारण उसको सिरे से नकारा है। घोटालों,भ्रष्टाचार में सिर से पैर तक डूबी कांग्रेस का यही हाल होना था। जनता आज नरेन्द्र मोदी से विकास की आस लगाए हुए है और मोदी को जनता की इस भावना को समझना होगा ताकि देश की जनता का भाजपा पर और भी विश्वास बढ़े।
-वेद प्रकाश लाम्बा
रामपुरा-यमुनापुर(हरियाणा)
भाजपा एवं नरेन्द्र मोदी से देश की जनता को सिर्फ एक ही आशा है कि वह सम्पूर्ण देश का समुचित विकास करे। जात-पात, मत-पंथ से ऊपर उठकर सिर्फ राष्ट्र का विकास करके उसको गौरवान्वित करना यही प्रमुख ध्येय मोदी सरकार का होना चाहिए। ताकि इससे विरोधियों को भी समझ में आए कि भाजपा का विरोध किसी मत-पंथ से नहीं बल्कि देश के दुश्मनों से है।
-रामदास गुप्ता
जनता मिल (जम्मू-कश्मीर)
नारी शिक्षा पर हो जोर
भारत के ग्रामीण अंचल के परिवारों में नारी की स्थिति अतिदयनीय है। वह अनेक समस्याओं से जूझ रही है। उसको कोई सहानुभूति देने वाला नहीं है। इन स्थानों पर निर्धनता के साथ-साथ शिक्षा का पूर्ण अभाव है। इसलिए गांवों में जहां वास्तव में हिन्दुस्थान बसता है, वहां शिक्षा एवं रोजगार के पर्याप्त अवसर उपलब्ध कराए जाएं। यहां सरकारी स्कूल खोले जाएं और इन स्कूलों में छात्राओं को नि:शुल्क शिक्षा दी जाए। ताकि स्त्री शक्ति का भविष्य उज्ज्वल हो सके।
-कृष्ण वोहरा
सिरसा (हरियाणा)
नवयुग का आरम्भ
इस बार सिर्फ सत्ता का ही परिवर्तन नहीं हो रहा बल्कि राष्ट्र के नवनिर्माण का नया युग प्रारम्भ हो रहा है। इस चुनाव में उन सेकुलर व देश तोड़ने वालों की हार हुई है, जिनका एक मात्र उद्देश्य देश को लूटना था। इस अभूतपूर्व कार्य के लिए देश की जनता बधाई की पात्र है ,जिसने अपने विवेक का प्रयोग करके इन देश विरोधी शक्तियों को मुंहतोड़ जवाब दिया। लेकिन गौर करने वाली बात है कि इस सरकार को शिक्षा में आमूलचूल परिवर्तन करके ऐसी शिक्षा पद्धति लागू करनी होगी जो आने वाली पीढ़ी को देश,धर्म की शिक्षा दें।
डॉ.हिम्मत सिंह सिन्हा
कृष्णा नगर,कुरुक्षेत्र(हरियाणा)
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