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देहरादून में 24 एवं 25 मई को महामना मदनमोहन मालवीय मिशन की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आयोजित हुई। बैठक के बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए मिशन के संरक्षक न्यायमूर्ति गिरधर मालवीय ने कहा कि महामना के शिष्यों तथा सहयोगियों ने उनके कामों को आगे बढ़ाने का बीड़ा उठाया है। उन्होंने बताया कि एक बार बिहार प्रवास के दौरान मालवीय जी की भेंट जगजीवन राम से हुई। उन्होंने मालवीय जी को बताया कि जातिवादी व्यवस्था के कारण वे शिक्षा नहीं प्राप्त कर पा रहे हैं। मालवीय जी उन्हें बनारस ले आए। बाबू जगजीवन राम को जिस छात्रावास में रखा गया था वहां उन्हें भोजन देने के बाद उनके बर्तन धुलने पर समस्या खड़ी हो गई। जब यह जानकारी महामना को हुई तो उन्होंने कहा कि लाओ, मैं बर्तन धो देता हूं और उन्होंने ऐसा किया। इसके बाद उनके अछूत होने का मामला लगभग सुलझ सा गया। महामना के दो प्रमुख कार्य थे-शिक्षा और संस्कार। इन्हीं दो विषयों पर मिशन लगातार प्रयास कर रहा है। मिशन के सहयोग से पूरे देश में दर्जनों प्रकल्प चलाए जा रहे हैं। जिसके कारण शिक्षा और संस्कार दोनों को बल मिल रहा है। मिशन उन बच्चों को अपनाता है,जो किन्हीं कारणों से शिक्षा नहीं प्राप्त कर पाते हैं। ल्ल वि़ सं़ के., देहरादून
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