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-जो कोई अल्लाह के साथ किसी को शरीक करेगा, उसके लिये अल्लाह ने जन्नत हराम कर दी है। उसका ठिकाना जहन्नुम है (5-72)
– ओ मुसलमानो, तुम गैर मुसलमानों से लड़ो। तुममें उन्हें सख्ती मिलनी चाहिये (9-123)
– और तुम उनको जहां पाओ कत्ल करो (191)
– काफिरों से तब तक लड़ते रहो जब तक दीन पूरे का पूरा अल्लाह के लिये न हो जाये (8-39)
– ऐ नबी! काफिरों के साथ जिहाद करो और उन पर सख्ती करो। उनका ठिकाना जहन्नुम है (9-73 और 66-9)
– तुम मनुष्य जाति में सबसे अच्छे समुदाय हो, और तुम्हें सबको सही राह पर लाने और गलत को रोकने के काम पर नियुक्त किया गया है (3-110)
– मूर्ति पूजक लोग नापाक होते हैं (9-28)
– अल्लाह ने काफिरों के रहने के लिये नर्क की आग तय कर रखी है (9-68)
– उनसे लड़ो जो न अल्लाह पर ईमान लाते हैं, उनसे तब तक जंग करो जब तक कि वे जलील हो कर जजिया न देने लगें (9-29)
– मुझे लोगों के खिलाफ तब तक लड़ते रहने का आदेश मिला है, जब तक ये गवाही न दें कि अल्लाह के सिवा कोई दूसरा काबिले-इबादत नहीं है और मुहम्मद अल्लाह का रसूल है और जब तक वे नमाज न अपनायें और जकात न अदा करें। ( सहीह मुस्लिम, हदीस संख्या 33)
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