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गत 19 मई को नागपुर में तृतीय वर्ष संघ शिक्षा वर्ग का प्रशिक्षण प्रारंभ हुआ। 25 दिवसीय इस वर्ग में पूरे देश से कुल 717 स्वयंसेवक प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। ये स्वयंसेवक 18 से 40 वर्ष आयु वर्ग के हैं। प्रशिक्षण के उद्घाटन सत्र को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह-सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने पिछले नौ दशकों में अपने मानवीय कार्यों और गतिविधियों से पूरी दुनिया को प्रभावित किया है। केन्द्र में राजनीतिक बदलाव के कारण विश्व समुदाय भी संघ की 'गंगोत्री' नागपुर के महत्व को रेखांकित कर रहा है। नागपुर प्रत्येक स्वयंसेवक के लिए एक तीर्थ है,जहां हर स्वयंसेवक अपने जीवन में एक बार आना चाहता है। डॉ. गोपाल ने यह भी कहा कि नागपुर संघ के संस्थापक डॉ. केशवराव बलिराम हेडगेवार की 'कर्मभूमि' है। यहां प्रशिक्षित स्वयंसेवक देश -विदेश में अलग-अलग क्षेत्रों में कार्य कर रहे हैं और संघ कार्य को आगे बढ़ा रहे हैं।
इस अवसर पर शिविर के सर्वाधिकारी और काशी प्रान्त संघचालक श्री विश्वनाथलाल निगम,शिविर और मालवा प्रान्त के कार्यवाह डॉ. प्रकाश शास्त्री,संघ के अखिल भारतीय शारीरिक प्रमुख श्री अनिल ओक,अखिल भारतीय बौद्धिक प्रमुख श्री भागैया सहित अनेक वरिष्ठ कार्यकर्ता उपस्थित थे। शिविर का समापन 12 जून को सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत के बौद्धिक के साथ होगा।
-प्रतिनिधि
वरिष्ठ प्रचारक शिव कुमार अस्थाना नहीं रहे
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक व भाजपा की मुख पत्रिका वर्तमान कमल ज्योति के संस्थापक संपादक डॉ़ शिव कुमार अस्थाना का गत 20 मई की रात दिल का दौरा पड़ने से लखनऊ में निधन हो गया। 21 मई को लखनऊ स्थित बैकंुठधाम-भैंसाकुंड में उनका अंतिम संस्कार हुआ। अस्थाना जी का जन्म 30 दिसंबर,1924 को इलाहाबाद में हुआ था। उन्होंने अविवाहित रहकर देश की सेवा करने के संकल्प के साथ अपना जीवन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को समर्पित कर दिया था। डॉ़ अस्थाना श्री नानाजी देशमुख, पं. दीनदयाल उपाध्याय, श्री अटल बिहारी वाजपेयी, श्री सुंदर सिंह भंडारी, श्री कुशाभाऊ ठाकरे, डॉ़ मुरली मनोहर जोशी जैसी बड़ी हस्तियांे के साथ काम कर चुके थे। श्री अस्थाना विधान परिषद के सदस्य भी रहे।
डा़ॅ अस्थाना के निधन की सूचना पर तमाम लोग उनके आवास पर पहुंचे और शोक व्यक्त किया। बाद में उनका पार्थिव शरीर प्रदेश भाजपा कार्यालय ले जाया गया। लखनऊ के महापौर डॉ़ दिनेश शर्मा, श्री हृदय नारायण दीक्षित, प्रो़ श्यामनन्दन सिंह ने स्व़ अस्थाना जी से जुड़े संस्मरण सुनाए और उन्हें भावभीनी श्रद्धाञ्जलि अर्पित की। बैकुंठधाम में अंतिम संस्कार के समय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र प्रचारक श्री शिवनारायण, प्रांत प्रचारक श्री संजय, राष्ट्रधर्म के प्रबंधक बादल, वर्तमान कमल ज्योति के प्रबंध संपादक राजकुमार सहित अनेक संगठनों के वरिष्ठ कार्यकर्ता उपस्थित थे।
-प्रतिनिध
बौद्ध संत टी.जी.सोना रिन्पोछे का निर्वाण
गत 17 मई को प्रसिद्ध बौद्ध संत टी.जी.सोना रिन्पोछे का निर्वाण हो गया। विश्व हिन्दू परिषद् के संरक्षक श्री अशोक सिहंल ने शोक संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि पूज्य संत रिन्पोछे बड़े ही सरल स्वभाव के थे एवं मान-सम्मान की चिन्ता किए बगैर सदैव सामान्य जन के लिए सुलभ रहते थे। वे 25 वर्षों से विहिप से जुड़े हुए थे। विहिप के उडुप्पी, प्रयाग, न्यूयार्क सम्मेलनों तथा समय-समय पर होने वाले कुम्भ के अवसरों पर पावन दलाई लामा के साथ स्व. रिन्पोछे का भी आशीर्वाद और सान्निध्य मिलता था। उनके जाने से इस समाज की अपूरणनीय क्षति हुई है जिसे भरा नहीं जा सकता। मैं विनम्र होकर उनके चरणों में श्रद्धांजलि समर्पित करता हूं।
-प्रतिनिधि
श्रीनिवास को मातृशोक
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के उत्तर क्षेत्र के संगठन मंत्री श्री श्रीनिवास की माता जी श्रीमती कस्तूरी देवी का निधन एक सड़क दुर्घटना के बाद 8 मई को हो गया। कुछ ही दिन पहले यह दुर्घटना हुई थी। घायलावस्था में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जबकि दुर्घटना स्थल पर ही उनकी बहन उषा देवी और भांजा मोहित की दर्दनाक मौत हो गई थी। 18 मई को हिसार में श्रद्धांजलि सभा हुई,जिसमें बड़ी संख्या में विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ता उपस्थित हुए।
-प्रतिनिधि
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