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केरल के मराड समुद्र तट पर वर्ष 2003 के दंगों में हुए नरंसहार को लेकर अपराध शाखा से सेवानिवृत्त पुलिस अधीक्षक व दंगों के समय विशेष जांच दल प्रमुख सी. एम. प्रदीप कुमार ने केरल सरकार की सच्चाई उजागर की है। उन्होंने खुलाया किया है कि उस समय मामले की सीबीआई जांच की मांग पर हस्तक्षेप किया गया था क्योंकि उससे पाकिस्तानी संगठन और कुछ कांग्रेसी नेताओं के चेहरे बेनकाब हो सकते थे। उन्होंने यह भी कहा कि पीडीपी अध्यक्ष अब्दुल नासिर मदनी स्वयं दंगों के बारे में सबकुछ जानते थे।
हाल ही में कोझीकोड में मराड में मारे गए हिन्दुओं को श्रद्घांजलि देने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में पूर्व पुलिस अधिकारी सी. एम. प्रदीप कुमार ने खुलासा करते हुए कहा कि केरल में हुई आठ हिन्दुआंे की निर्मम हत्या के पीछे छिपे षड्यंत्रकारियों को वे बेनकाब करना चाहते थे, लेकिन कथित रूप से तब वहां के मुख्यमंत्री ओमान चांडी ने जांच में एक युवा कांग्रेस नेता का नाम संदिग्ध पाकिस्तानी आतंकी से जुड़ने पर उसका बचाव किया था।
प्रदीप कुमार ने कहा कि मराड समुद्र तट पर 2 मई, 2003 को हिन्दू मछुआरे रोजाना की तरह मछली पकड़ने के बाद आराम कर रहे थे। अचानक से तीन अलग-अलग लोगों का समूह हाथों में तलवार और अन्य हथियार लहराते हुए वहां जा पहंुचा और सोते हुए मछुआरों की नृशंस हत्या कर डाली। गुप्तागों को तलवारों से फाड़ डाला। उसके बाद सभी हमलावर वहां से गायब हो गए। इस नरसंहार में चन्द्रन, दासन, गोपालन, कृष्णन, माधवन, प्रजीश, पुष्पराज और संतोष मार दिए गए। इस हत्याकांड को लेकर केरल के मुख्यमंत्री से रक्षा मंत्री ए. के. एंटनी और कांग्रेस ने तब मामले की जांच सीबीआई को सौंपे जाने की बात कही थी, लेकिन तब इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने उसका विरोध किया था।
प्रदीप कुमार को वर्ष 2011 में एलडीएफ सरकार ने नरसंहार के पीछे षड्यंत्र को उजागर करने के लिए जांच सौंपी थी, लेकिन बाद में यूडीएफ सरकार ने ईमानदारी से जांच कर रहे अधिकारी को विशेष जांच दल की टीम से हटा दिया। उन्होंने युवा कांग्रेस नेता मुलसी के बयान पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस षड्यंत्र में लिप्त संदिग्ध पाकिस्तानी आतंकी मोहम्मद फहाद वर्ष 2006 में मैसूर में गिरफ्तार किया गया था। फहाद कोझिकोड गया था और वहां मुलसी के संपर्क में रहा था। मुलसी ने जांच में बताया था कि उसका मोबाइल समुद्र तट पर गुम हो गया तो फिर उसका फोन किसे मिला जिससे फहाद और उसकी बातचीत हो सकी? प्रदीप कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री ओमान चांडी ने एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के माध्यम से मुलसी के फहाद से तार जुड़े होने की जांच करने से रोका था क्योंकि वरिष्ठ पुलिस अधिकारी नहीं चाहते थे कि युवा कांग्रेस नेता से पूछताछ की जाए। इसलिए प्रदीप कुमार द्वारा अन्तरराष्ट्रीय षड्यंत्र का पर्दाफाश करने के मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग पर उन्हें तीन दिन के भीतर ही हटा दिया गया था। उन्होंने कहा कि जब सच्चाई सामने आने लगी तो केरल की सत्ता में रही यूडीएफ और एलडीएफ ने एकजुट होकर मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति शुरू कर दी।
-प्रदीप कृष्णन
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