थप्पड़ पर स्वतंत्र शोध
July 13, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

थप्पड़ पर स्वतंत्र शोध

by
May 17, 2014, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 17 May 2014 17:20:47

-विजय कुमार-

लोकसभा के चुनावों का घमासान शांत हो गया है। कुछ दिन में इसकी धूल भी बैठ जाएगी। लोग अब आगे की चिन्ता में लगे हैं; पर शर्मा जी का मत है कि आगे बढ़ते समय पिछली बातों को नहीं भूलना चाहिए। चूंकि पुरानी नींव के ऊपर ही नया निर्माण होता है।

भारत के चुनावों में जिन्दाबाद, मुर्दाबाद, डंडे, झंडे और फूलमाला का प्रयोग पुराना है; पर इस बार कुछ नये प्रयोग भी हुए हैं। दिल्ली में अचानक उदित हुए ह्यझाड़ूदलह्ण के मुखिया केजरीवाल का हवा की तरह आना और तूफान की तरह रण छोड़ जाना इतिहास बन गया; पर इससे भी उनका मन नहीं भरा, तो वे असली महाभारत में कूद पड़े। अत: लोगों ने स्याही, चप्पल, चांटे और मुक्कों से उनके प्रति भरपूर स्नेह दिखाया। वे समझ नहीं पाये कि यह आम आदमी के विरुद्घ खास प्रतिक्रिया थी या खास आदमी के विरोध में आम आदमी का आक्रोश। शर्मा जी ने इस विषय पर कुछ अध्ययन किया है। उनके निष्कर्ष इसप्रकार हैं।

ऐतिहासिक पहलू – देश और विदेश के इतिहास में ऐसे प्रसंग कम ही मिलते हैं। यद्यपि रामायण और महाभारतकालीन मल्लयुद्घ में घूंसों का प्रयोग होता था; पर खेल का हिस्सा होने के कारण उन्हें अवैध नहीं कह सकते; लेकिन कुछ समय से स्याही, जूते, चप्पल, चांटे और घूंसे का फैशन बहुत बढ़ गया है। अमरीकी राष्ट्रपति बुश और फिर ओबामा से लेकर हिलेरी क्लिंटन तक, सभी पर जूते फेंके गये हैं। दिल्ली न्यायालय में ह्यसहाराश्रीह्ण पर भी एक दुखिया ने स्याही फेंकी थी। केजरीवाल भाग्यशाली हैं, इसलिए उन्हें काशी में जिन्दा और मुर्दाबाद के बीच स्याही के साथ अंडे भी नसीब हुए।

प्रचारात्मक पहलू – इसमें बिना कुछ खर्च किये चांटा खाने और मारने वाले, दोनों को भरपूर प्रचार मिलता है। जिस जरनैल सिंह ने गृहमंत्री चिदम्बरम् पर जूता फेंका था, उसे ह्यझाड़ूदलह्ण ने लोकसभा का टिकट दे दिया। जिस ऑटो चालक लाली ने माला पहनाकर पूरे विधि-विधान से केजरीवाल की पूजा की थी, उसका फोटो भी खूब छपा। टी़वी़ वाले तो दिन भर उस चांटे की जुगाली करते रहे। इससे केजरीवाल के साथ ही लाली को भी खूब लोकप्रियता मिली।अगले चुनाव में आप उसका टिकट भी पक्का समझें।

आर्थिक पहलू – केजरीवाल को मिल रहे इस अभूतपूर्व प्यार से उनके देशी और विदेशी चंदे में भारी वृद्घि हुई है। शर्मा जी का मत है कि ये हमले चंदा जुटाने की एक योजना मात्र है। यह सच इसलिए भी लगता है कि दिल्ली में जिस युवक ने केजरीवाल पर स्याही फेंकी थी, वह उनके कार्यालय में ही काम कर रहा है।

चांटे और मुक्के से हुई चंदावृद्घि को देखकर ह्यझाड़ूदलह्ण के कुछ और नेताओं ने भी इस प्रयोग में रुचि दिखायी; पर केजरीवाल ने अनुमति नहीं दी। उनका कहना था कि ये दल मेरा है। इसलिए इस प्यार का सौ प्रतिशत हकदार भी मैं ही हूं। कोई मुझसे बड़ा न बने। धन्य है उनका चांटा प्रेम। कुछ लोग इस योजना को क्रांतिकारी ही नहीं, बहुत क्रांतिकारी बता रहे हैं। कुछ लोग उन्हें मिले चांटे, सीट और वोट प्रतिशत के बीच समीकरण तलाश रहे हैं।

राजनीतिक पहलू – चुनाव आयोग का कहना है कि चुनाव चिन्ह के रूप में अब तक चप्पल और जूता कोई नहीं लेता था; क्योंकि लोग इन्हें देखना या दिखाना अच्छा नहीं मानते; पर इनकी प्रसिद्घि को बढ़ता देख अब कुछ लोगों ने इनकी भी मांग की है। चांटा चुनाव चिन्ह तो पहले से ही ह्यमैडम कांग्रेसह्ण को आवंटित है। हां, मुक्का उपलब्ध है। यदि कोई दल या प्रत्याशी चाहे, तो अगले चुनाव में इसके लिए आवेदन कर सकता है।

शर्मा जी ने इस विषय की जाति, भाषा, राज्य, क्षेत्र और रोजगार के आधार पर भी समीक्षा की है; पर वे निष्कर्ष काफी खतरनाक हैं। इसलिए उन्होंने अनुमति के लिए वह फाइल चुनाव आयोग के पास भेज दी है। लोकसभा के बाद अब दिल्ली विधानसभा के चुनाव फिर होने हैं। उसमें केजरीवाल जी अपने इसी प्रयोग को दोहराते हैं या कोई नयी क्रांतिकारी चीज निकालकर लाते हैं, ये देखना बहुत रोचक होगा। आपके साथ मुझे भी इसकी प्रतीक्षा है*

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

बालासोर कॉलेज की छात्रा ने यौन उत्पीड़न से तंग आकर खुद को लगाई आग: राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान

इंटरनेट के बिना PF बैलेंस कैसे देखें

EPF नियमों में बड़ा बदलाव: घर खरीदना, इलाज या शादी अब PF से पैसा निकालना हुआ आसान

Indian army drone strike in myanmar

म्यांमार में ULFA-I और NSCN-K के ठिकानों पर भारतीय सेना का बड़ा ड्रोन ऑपरेशन

PM Kisan Yojana

PM Kisan Yojana: इस दिन आपके खाते में आएगी 20वीं किस्त

FBI Anti Khalistan operation

कैलिफोर्निया में खालिस्तानी नेटवर्क पर FBI की कार्रवाई, NIA का वांछित आतंकी पकड़ा गया

Bihar Voter Verification EC Voter list

Bihar Voter Verification: EC का खुलासा, वोटर लिस्ट में बांग्लादेश, म्यांमार और नेपाल के घुसपैठिए

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

बालासोर कॉलेज की छात्रा ने यौन उत्पीड़न से तंग आकर खुद को लगाई आग: राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान

इंटरनेट के बिना PF बैलेंस कैसे देखें

EPF नियमों में बड़ा बदलाव: घर खरीदना, इलाज या शादी अब PF से पैसा निकालना हुआ आसान

Indian army drone strike in myanmar

म्यांमार में ULFA-I और NSCN-K के ठिकानों पर भारतीय सेना का बड़ा ड्रोन ऑपरेशन

PM Kisan Yojana

PM Kisan Yojana: इस दिन आपके खाते में आएगी 20वीं किस्त

FBI Anti Khalistan operation

कैलिफोर्निया में खालिस्तानी नेटवर्क पर FBI की कार्रवाई, NIA का वांछित आतंकी पकड़ा गया

Bihar Voter Verification EC Voter list

Bihar Voter Verification: EC का खुलासा, वोटर लिस्ट में बांग्लादेश, म्यांमार और नेपाल के घुसपैठिए

प्रसार भारती और HAI के बीच समझौता, अब DD Sports और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर दिखेगा हैंडबॉल

वैष्णो देवी यात्रा की सुरक्षा में सेंध: बिना वैध दस्तावेजों के बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार

Britain NHS Job fund

ब्रिटेन में स्वास्थ्य सेवाओं का संकट: एनएचएस पर क्यों मचा है बवाल?

कारगिल विजय यात्रा: पूर्व सैनिकों को श्रद्धांजलि और बदलते कश्मीर की तस्वीर

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies