दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर दिल्ली
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विश्व स्वास्थ्य संगठन(डब्ल्यूएचओ) की रपट से यह साबित हो गया कि भारत की राजधानी दिल्ली की हवा बहुत ही जहरीली हो गई है। दिल्ली की गिनती विश्व के सर्वाधिक प्रदूषित शहर में की जाने लगी है। डब्ल्यूएचओ ने 91 देशों के 1600 शहरों पर डाटा आधारित अध्ययन रपट जारी की है। रपट में दिल्ली की हवा में पीएम 25(2.5
माइग्रेन छोटे पार्टिकुलेट मैटर) में सबसे ज्यादा पाया गया है। इस रपट के मुताबिक दिल्ली ने चीन के शहर बीजिंग को भी पीछे छोड़ दिया है। लेकिन चीन ने इस समस्या के लिए प्रभावी कदम उठाए जिसके अच्छे परिणाम सामने आए हैं। इस अध्ययन में लिए गए आंकड़े 2008 से 2013 तक के हैं। अध्ययन यह भी है कि भारत में मौत का पांचवां कारण वायु प्रदूषण है। पीएम 25 और पीएम 10 जैसे छोटे कण सीधे फेफड़े में पहुंच जाते हैं जिससे हृदय रोग व फेफड़ों के कैंसर का कारण बन रहा है। प्रतिनिधि
स्वदेशी वस्तुओं के पक्षधर रहे 74 वर्षीय फादर थॉमस कोचरी का गत 3 मई को तिरुअनंतपुरम में देहांत हो गया। 5 मई को उनका अंतिम संस्कार किया गया। उन्हें श्रद्धाञ्जलि देने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों मंे अनेक कार्यक्रम किए जा रहे हैं। थॉमस कोचरी ने दक्षिण भारत में स्वदेशी जागरण मंच के साथ मिलकर अनेक आंदोलनों मंे अग्रणी भूमिका निभाई थी। उन्होंने लोगों को स्वदेशी वस्तुआंे के प्रति जगाया। 1991 में भारत सरकार ने समुद्र में मछली पकड़ने के लिए विदेशी जहाजों को अनुमति दी थी। इसका उन्होंने पुरजोर विरोध किया था जिसके चलते सरकार को अपना निर्णय वापस लेना पड़ा था। कोचरी मछुआरों और पर्यावरण की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहते थे। 1996 में स्वदेशी जागरण मंच ने 7 हजार किलोमीटर लंबी जल यात्रा निकाली थी। इस यात्रा को सफल बनाने में फादर कोचरी का विशेष योगदान था। पाञ्चजन्य परिवार की ओर से उन्हें भावभीनी श्रद्धाञ्जलि अर्पित है। प्रतिनिधि
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