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केरल तट पर भारतीय मछुआरों की हत्या करने वाले दोनों नौसैनिकों के मामले को इटली सरकार संयुक्त राष्ट्र संघ में उठाने पर विचार कर रही है। यही नहीं भारत से फरवरी माह में वापस बुलाए गए राजदूत को एक बार फिर से बातचीत के लिए दिल्ली भेजा जा रहा है।
इटली सरकार ने अपने नौसैनिकों को मुक्त कराने के लिए फिर से प्रयास तेज कर दिए हैं। इटली सरकार का मानना है कि भारत-इटली की आपसी बातचीत में अभी तक इस मुद्दे का कोई हल नहीं निकला है। लिहाजा इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र संघ के समक्ष ले जाकर सुलझाने का प्रयास किया जाएगा। इटली की रक्षा मंत्री फेडरिका मोगेरिनी ने इटली की संसद में बताया है कि जल्द ही राजदूत डेनियल मेनसिनी को भारत रवाना किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस मामले को अब अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने के सिवाए कोई विकल्प बाकी नहीं रह गया है।
साथ ही इटली का अपना तर्क है कि वह भारत के सर्वोच्च न्यायालय में चल रहे मामले को वैध नहीं मानता है। इटली चाहता है कि उसके नौसैनिक मैसीमिलियानो लातोरे और सालवातोर गिरोने के ऊपर चल रहे मामले को हटाकर उन्हें स्वदेश भेज दिया जाए और वहीं पर उनके खिलाफ मामला चलाया जाए। इसके लिए इटली शुरू से ही भारत पर दबाव बनाता रहा है। गौरतलब है कि वर्ष 2012 में केरल तट पर मछली पकड़ रहे दो मछुआरों की इटली के दो नौसैनिकों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। संबंधित मामला सर्वोच्च न्यायालय में चल रहा है जिसकी अगली सुनवाई 31 जुलाई को होगी।
ल्ल प्रतिनिधि
नरेन्द्र मोदी ने सोनिया व सरकार की मंशा पर उठाए सवाल
इटली के नौसैनिकों के मामले में भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी ने केन्द्र सरकार और सोनिया गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि केरल में भारतीय मछुआरों की हत्या करने वाले इटली के नौसैनिकों पर इटली मूल की संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी और केन्द्र सरकार मेहरबान हैं। हत्या के आरोपी नौसैनिकों को पहले क्रिसमस के मौके पर उनके देश जाने की अनुमति दे दी जाती है , लेकिन जब सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले पर सख्ती दिखाई तो उन्हें मजबूरन बुलाना पड़ा। आखिर दिल्ली में किस के आदेश पर हत्यारे नौसैनिकों को इटली जाने की अनुमति दी गई। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी का यह कैसा देशप्रेम है, जो इटली वालों के साथ दिखाया जा रहा है। वैसे भी सरकार नौसैनिकों से मृत्युदंड के गंभीर आरोप पहले ही हटा चुकी है। मोदी ने सरकार से पूछा कि आखिर इटली के नौसैनिकों को किस जेल में रखा गया है? सरकार कम से कम यह तो स्पष्ट करे कि आखिर उन्हें कहां और किस के आदेश पर रखा गया है।
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