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.महाराष्ट्र में वंचित और वनवासियों पर जारी अत्याचार की वारदातें पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ी हैं। वहीं राज्य के पुणे और अहमदनगर जिलों में वंचित और वनवासियों पर हुए अत्याचार में तेजी से वृद्धि हुई है।
वंचित और वनवासियों पर अत्याचार के आंकड़े 1634 तक पहंुच गए हैं, जो कि पिछले वर्ष के मुकाबले 548 ज्यादा हैं। इस संबंध में पिछले दो वर्षों के आंकड़े भी जारी किए गए हैं। राज्य में विगत 13 वर्षों से कांग्रेस एवं राकांपा के गठबंधन की सरकार है। इस सरकार ने समय-समय पर वंचित और वनवासी समाज के महापुरुषों को मतदान के समय याद कर जनता को सिर्फ स्वार्थ के लिए लुभाया है। अधिकारिक तौर पर राज्य के पुलिस महानिदेशक ने हाल ही में सार्वजनिक रपट में इस वर्ग के साथ बढ़े अत्याचार का खुलासा किया है।
यहां बढ़े अपराध वर्ष 2012 वर्ष 2013
विदर्भ 264 406
पश्चिमी महाराष्ट्र 224 334
खान्देश 149 243
मुंबई कोंकण 71 108
इसमें मारपीट, जानलेवा हमला, शारीरिक यातना, बलात्कार, सामाजिक बहिष्कार आदि श्रेणी के अपराध शामिल हैं। हैरानी की बात यह है कि खुद केन्द्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे चुनाव के वक्त जिस वंचित और वनवासी समाज को अपना हिस्सा बताते हैं, वहां इस वर्ग पर हुए अत्याचारों की संख्या 72 पहंुच गई है, जो कि जिले में सबसे अधिक रही है। राज्य से लगातार कई नेता केन्द्र की राजनीति में सक्रिय रहे, लेकिन उन्होंने कभी अपने राज्य में हो रहे अपराध और अत्याचारों पर गंभीरता नहीं दिखाई। इसके लिए कांग्रेस-राकांपा गठबंधन दोनों ही बराबर के दोषी रहे हैं। द. वा. आंबुलकर
कांग्रेस-माकपा की मिलीभगत
पश्चिम बंगाल में 23 अप्रैल को लोकसभा चुनाव से पूर्व पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के तबादलों पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कांग्रेस और माकपा पर मिलीभगत का आरोप लगाया है। ममता ने तो यहां तक कहा है कि ये फैसले वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अहमद पटेल के घर लिए जा रहे हैं। उनका आरोप है कि दिल्ली में पटेल के घर कांग्रेस और माकपा नेताओं ने चुनाव से पूर्व पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की सूची तैयार की। फिर उसके अनुसार सभी जगह अधिकारियों को बदल दिया गया। चुनाव आयोग ने 22 अप्रैल को 23 अधिकारियों के तबादले कर दिए थे। ममता ने पश्चिमी मिदनापुर में कहा था कि इसके बाद भी वे चुनाव आयोग के आदेश का पालन करते हुए आयोग के फैसलों को मानेंगे। इससे पहले भी विपक्षी दलों की शिकायत पर एक जिलाधिकारी, दो एडीएम और पांच पुलिस अधीक्षकों के तबादले को लेकर ममता और चुनाव आयोग के बीच रस्साकशी हो गई थी।चुनाव से एक दिन पूर्व किए गए इस परिवर्तन को पूरे राज्य में शंका की दृष्टि से देखा जा रहा है। चर्चा है कि कांग्रेस वर्तमान स्थिति को देखकर हताश हो चुकी है। यही कारण है कि कांग्रेस और उसके सहयोगी हर तरह के हथकंड़े अपना रहे हैं। प्रतिनिधि
भारत सरकार के केन्द्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (सीएसओ) ने इस तथ्य की पुष्टि की है कि पिछले एक दशक में गुजरात कृषि के क्षेत्र में चमत्कार करने वाला राज्य रहा है। वर्ष 2000 के दशक मंे राष्ट्रीय औसत 3.3 वार्षिक से तीन गुना गुजरात में कृषि चमत्कार की पुष्टि
ज्यादा 9.8 रहा है। कुछ अंग्रेजी समाचार पत्रांे
में भी इसे कृषि चमत्कार, और समावेशी
विकास का सूचकांक बताया गया है। इंडियन काउंसिल फॉर रिसर्च ऑन इंटरनेशनल इकनॉमिक रिलेशंस के प्रो. अशोक गुलाटी ने अपने लेख में कहा है कि कृषि तकनीक के निरंतर उन्नयन, वर्षा जल के संग्रह से भूगर्भ जल स्तर के विकास, किसानों को प्राप्त होती सुनिश्चित बिजली आपूर्ति आदि से गुजरात सरकार यह चमत्कार करने में सफल रही है। 2000 के दशक में गुजरात के बाद राजस्थान (9.6) दूसरे, छत्तीसगढ़ (8.9) तीसरे और मध्य प्रदेश (7.4) चौथे स्थान पर रहा है। ये सभी भाजपा शासित राज्य रहे हैं। ह्यसेकुलरह्ण राज्य उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और केरल में हालात बुरे रहे हैं, इनमें से तीन राज्यों में कृषि विकास दर 3 फीसदी से भी कम रही है। ऐसे में गुजरात में कृषि विकास उनके मुंह पर तमाचा है, जो कि गुजरात मॉडल को लेकर तरह-तरह की आशंकाओं को जन्म देते हैं। प्रतिनिधि
गाजियाबाद में गो तस्करी के विरोध में वाहनों को फूंका
गाजियाबाद में गाय चोरी कर रहे तस्करों और क्षेत्रवासियों के बीच झड़प का मामला प्रकाश में आया है। इस संबंध में लोनी पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
जानकारी के मुताबिक 23 अप्रैल की रात गो तस्कर गाजियाबाद इलाके से गाय चोरी कर टेंपो में लाद रहे थे। उसी समय इलाके के लोगों की उन पर नजर पड़ गई। दोनों पक्षों के बीच हुई हाथापाई में टेंपो में सवार अन्य गो तस्कर भीड़ पर चाकू से हमला कर भागने में कामयाब हो गए। इससे नाराज लोगों ने गो तस्करों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर देर रात ही खजूरी पुश्ता मार्ग पर जाम लगा दिया। उग्र भीड़ को शांत करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल बुलाना पड़ा। पुलिस ने आरोपी शंकर विहार निवासी अनवर को हिरासत में ले लिया। रात को किसी तरह से लोगों को शांत कर घर भेज दिया गया, लेकिन अगले दिन कार्रवाई न होने पर भीड़ आक्रोशित हो गई और तोड़फोड़ शुरू कर दी। इसी के साथ ही कुछ वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। इसके बाद मौके पर पहंुचे आला पुलिस अधिकारियों ने शिकायत के आधार पर लोनी थाने में अनवर के अतिरिक्त 7 अन्य लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कर ली है। गो तस्करों को लेकर अभी शंकर विहार और उसके आसपास चमन विहार, अंकुर विहार सहित अन्य कॉलोनियों में तनाव व्याप्त है। प्रतिनिधि
गाजियाबाद में गाय चोरी कर रहे तस्करों और क्षेत्रवासियों के बीच झड़प का मामला प्रकाश में आया है। इस संबंध में लोनी पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
जानकारी के मुताबिक 23 अप्रैल की रात गो तस्कर गाजियाबाद इलाके से गाय चोरी कर टेंपो में लाद रहे थे। उसी समय इलाके के लोगों की उन पर नजर पड़ गई। दोनों पक्षों के बीच हुई हाथापाई में टेंपो में सवार अन्य गो तस्कर भीड़ पर चाकू से हमला कर भागने में कामयाब हो गए। इससे नाराज लोगों ने गो तस्करों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर देर रात ही खजूरी पुश्ता मार्ग पर जाम लगा दिया। उग्र भीड़ को शांत करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल बुलाना पड़ा। पुलिस ने आरोपी शंकर विहार निवासी अनवर को हिरासत में ले लिया। रात को किसी तरह से लोगों को शांत कर घर भेज दिया गया, लेकिन अगले दिन कार्रवाई न होने पर भीड़ आक्रोशित हो गई और तोड़फोड़ शुरू कर दी। इसी के साथ ही कुछ वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। इसके बाद मौके पर पहंुचे आला पुलिस अधिकारियों ने शिकायत के आधार पर लोनी थाने में अनवर के अतिरिक्त 7 अन्य लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कर ली है। गो तस्करों को लेकर अभी शंकर विहार और उसके आसपास चमन विहार, अंकुर विहार सहित अन्य कॉलोनियों में तनाव व्याप्त है। प्रतिनिधि
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