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वित्त विशेषज्ञों के मंच पर
नरेन्द्र मोदी मंच पर उपस्थित हों और वे राजनीति पर भाषण न दें, ऐसा आमतौर पर होता नहीं, लेकिन 27 फरवरी को दिल्ली के सिविक सेंटर में भारतीय वित्त सलाहकार समिति के एक कार्यक्रम में उन्होंने राजनैतिक भाषण की बजाए आर्थिक विकास पर अपना स्पष्ट दृष्टिकोण रखा। चार्टड अकाउंटेंट, कंपनी सेक्रेटरी और वित्त विशेषज्ञों के पूछे गए सवालों का उन्होंने पूरी तसल्ली से जवाब दिया। इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण देश भर में वित्तीय पेशेवरों के 4000 कार्यालयों में युवा टीवी के माध्यम से दिखाया गया। कार्यक्रम में सीए अनिल गुप्ता ने श्री मोदी को भारतीय वित्त सलाहकार समिति की ओर से प्रतीक चिन्ह भी भेंट किया।
विभिन्न प्रश्नों पर नरेन्द्र मोदी की राय कुछ यूं थी :
गठबंधन ताकत या कमजोरी: 'गठबंधन कोई अड़चन नहीं, यदि आप इच्छाशक्ति और पारदर्शिता के लिए आग्रही हैं।'
शहरीकरण: 'भारत के बारे में मेरा सपना है- जहां शहरों की सुविधाएं और गांव की आत्मा हो। यदि हम शहरीकरण की दिक्कतों को जड़ मानने की बजाए इसे बदलाव का अवसर मानने की सोच रखेंगे तो देश वास्तव मे विकास कर सकेगा।'
राज्य बनाम केंद्र: 'संघीय ढांचे के स्वरूप को समझना चाहिए। प्रधानमंत्री और उनकी कैबिनेट को पूरे देश के राजकाज के प्रतीक के तौर पर देखने की बजाए, प्रधानमंत्री और राज्यों के मुख्यमंत्रियों को एक टीम की तरह देखना और कार्य करना होगा, यह मेरी सोच है। मध्य प्रदेश में कृषि और गुजरात में ऊर्जा क्षेत्र का विकास देश की ताकत ही तो है।'
जीएसटी: 'भाजपा कभी वस्तु एवं सेवा कर के खिलाफ नहीं रही है, लेकिन इसके लिए विस्तृत कंप्यूटरीकृत ढांचे की आवश्यकता है। पहले हमें बुनियादी ढांचा खड़ा करना होगा।'
कैग और सीवीसी: 'देश में कैग और सीवीसी जैसे संस्थानों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाना संविधान के लिए बड़ी चुनौती है। इन संस्थानों की पवित्रता को बहाल करना हमारी पहली प्राथमिकता रहेगी।'
पूर्वोत्तर की रैलियों में
– मोदी ने पूर्वोत्तर के छात्रों पर हाल ही में हुए हमलों की कड़ी भर्त्सना करते हुए कहा कि छात्रों पर हो रहे हमलों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। हमें उनकी सुरक्षा तय करनी होगी। इस दिशा में देश के प्रमुख शहरों में छात्रावास बनाने होंगे जिससे पूर्वोत्तर के बच्चों को साक्षात्कार के लिए इन शहरों में जाने में कोई दिक्कत न हो। उन्होंने कहा कि जब ऑनलाइन परीक्षाएं व साक्षात्कार हो सकते हैं तो फिर इस पर कोई विचार क्यों नहीं करता।
– मोदी ने कहा कि बंगलादेश से विस्थापित हिन्दुओं के लिए सरकार को व्यवस्था करनी चाहिए। उन्होंने वादा किया कि केन्द्र की सत्ता में आने पर उनकी पार्टी शरणार्थी शिविरों को खत्म कर देगी। साथ ही सरकार पर विस्थापित हिन्दुओं के मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बंगलादेश में अगर हिन्दू पर अत्याचार होगा तो वह कहां जाएगा। 'हमें उनकी व्यवस्था करनी होगी, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि सिर्फ असम ही उनका भार उठाएगा। उन्हें अन्य जगहों पर भी बसाना होगा। चुनाव आयोग से अनुरोध करते हुए उन्होंने कहा कि वह संदेहास्पद मतदाता का तमगा हटा दे और कहा कि लोगों के एक वर्ग को उनके मताधिकार से वंचित रखना भी कांग्रेस की वोट बैंक राजनीति का एक हिस्सा है। चाय बागानों के कर्मचारियांे का जिक्र करते हुए उन्होंने भरोसा दिलाया कि उनकी सरकार बनने पर इनकी बेहतरी के लिए नीति बनाई जाएगी।
– मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में पूर्वोत्तर के लिए शुरू किए गए मिशन और विजन को जारी रखने की बात कही। श्री वाजपेयी के समय में पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए अलग से मंत्रालय गठित किया गया था और परिषदें बनाई गई थीं। उनके लिए अलग से बजट का प्रावधान किया गया था। साथ ही सभी विभागों को निर्देश दिए गए थे कि वे अपने बजट का दस फीसदी हिस्सा पूर्वोत्तर के विकास के लिए रखेंगे। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि वर्ष 2012 में मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री नाबम तुकी ने केन्द्र सरकार की आलोचना की थी। उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस के मुख्यमंत्री को केन्द्र पर भरोसा नहीं तो हम कैसे उस पर भरोसा कर सकते हैं। सरकार जब अपने ही मुख्यमंत्री की शिकायतें नहीं सुनती तो वे आम आदमी की शिकायतों का निपटारा कैसे करेगी?
लुधियाना में ह्यफतेहह्ण रैली के दौरान नरेन्द्र मोदी का कहना था कि गुजरात पर सिख किसानों का उतना ही अधिकार है जितना कि इस मोदी का। कच्छ से पंजाब के किसानों को नहीं बल्कि उनको परेशान करने वाले अधिकारियों को निकलना पड़ेगा। उन्होंने कहा, पगड़ी पहना कर पंजाब के लोगों ने उन्हें जो इज्जत दी है, वे इस पगड़ी का मान रखेंगे, चाहे किसी और ने ऐसा भले न किया हो। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राजनाथ सिंह, पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने किसानों के मसले पर केंद्र सरकार को लताड़ लगाई।
गुरु नानक देव जी की कच्छ यात्रा से लेकर सिख पंथ के पंच प्यारों में द्वारिका से संबंध रखने वाले बाबा मोहकम सिंह के जरिए पंजाब का गुजरात के साथ संबंध जोड़ते हुए श्री मोदी ने कहा कि किसी समय रेगिस्तान व बंजर भूमि रहा कच्छ का क्षेत्र पंजाब के किसानों के परिश्रम की बदौलत आज हरा-भरा हुआ है, परंतु कुछ लोग इन किसान सिख परिवारों को लेकर देश को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह का कुप्रचार करने वाले देश की एकता को बहुत बड़ा नुकसान पहुंचाते हैं। महान स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय की जन्मभूमि पर आयोजित इस रैली को धार देते हुए नरेंद्र मोदी ने आरोप लगाया कि लाला जी की 150 वीं जयंती आ रही है और कांग्रेस उन्हें भुला चुकी है वह केवल एक ही परिवार के गुणगान में लगी है।
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