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टाइम के 'साल के कद्दावर' हो सकते हैं मोदी

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Nov 30, 2013, 12:00 am IST
in Archive
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दिंनाक: 30 Nov 2013 17:14:48

भारत में तो इन दिनों गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र भाई मोदी चुनावी रैलियों में छाए ही हुए हैं, उधर अमरीका की जानी मानी टाइम पत्रिका ने भी उनकी बढ़ती स्वीकार्यता को भांपकर उनका नाम अपनी ह्यसाल के कद्दावरह्ण वाली सूची में शामिल कर लिया है। फिलहाल इस सूची में दुनिया के 42 नेताओं, उद्यमियों और चर्चित चेहरों के नाम हैं जिनमें से अगले माह यानी दिसम्बर में एक नाम ह्यपर्सन ऑफ दी ईयरह्ण के लिए घोषित होगा। नरेन्द्र मोदी भाजपा की तरफ से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार घोषित होने के बाद पूरे देश में घूम-घूमकर विधान सभा चुनावों के लिए रैलियां संबोधित कर रहे हैं। उनको सुनने के लिए हर जगह जिस तरह लोग छन-छनकर पहंुच रहे हैं उससे कांग्रेसी नेताओं की नींदें उड़ी हुई हैं। टाइम ने मोदी के नाम का चयन अपने पाठकों के ऑनलाइन मत से किया है। इस सूची में अमरीका के राष्ट्रपति बराक ओबामा का नाम भी शामिल है।
अंगोला में ढहे गैरकानूनी चर्च और मस्जिदें
अंगोला को लेकर पिछले दिनों कई देशी-विदेशी अखबारों में एक खबर चली कि ह्यअंगोला में इस्लाम पर पाबंदी लगा दी गई है।ह्ण वहां की एक मंत्री के हवाले से, कारण बताया गया कि सरकार ने उस मजहब के एक धड़े को कानूनी मान्यता नहीं दी है। बहरहाल, खबर की तह तक जाने के लिए हमने नई दिल्ली स्थित अंगोला के दूतावास में फोन मिलाया। वहां के दूसरे नम्बर के सबसे बड़े अधिकारी जाए गोंगा से बात हुई। उन्होंने खबर का सिरे से खण्डन कर दिया कि ह्यपाबंदी नहीं लगाई गई है, बल्कि कुछ निहित स्वार्थी तत्वों ने सरकार विरोधी दुष्प्रचार किया है। वहां कई तरह की इस्लामी और ईसाई धाराएं चलाई जा रही हैं जिनको वहां की सरकार से बाकायदा अनुमति लेनी होती है।ह्ण लेकिन गोंगा के मुताबिक, ह्यबिना अनुमति लिए ही सरकारी जमीन पर कई चर्च या मस्जिदें खड़ी की गई थीं, जिन्हें हटाया गया है। लेकिन सरकार की इस जायज कार्रवाई के खिलाफ दबाव बनाने की गरज से कुछ मजहबी गुट बेबुनियाद खबरें उड़ा रहे हैं।ह्ण वैसे, 28 नवम्बर को अंगोला सरकार की तरफ से इस आशय का बयान भी जारी कर दिया गया। अंगोला खुद को पंथनिरपेक्ष देश बताता है जो उसकी करनी से झलकता भी है, दूसरी तरफ भारत सरकार अपने को ह्यपंथनिरपेक्षह्ण तो बताती है पर काम ह्यसेकुलरह्ण वाले करती है, मतलब बहुसंख्यक हिन्दुओं की आस्था पर चोट करने के बहाने तलाशे जाते हैं।  
राहील से राहत महसूस करेंगे शरीफ!
किकयानी के जाने के बाद पाकिस्तानी फौज के सबसे बड़े वाले ओहदे पर बैठने की बारी राहील की तो नहीं थी, उनके ऊपर दो उनसे बड़े जनरल मौजूद थे, पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने उन दोनों को फलांघते हुए तीसरे नम्बर पर जमे ले. जनरल शहील शरीफ को फौज के सबसे ऊंचे पद यानी सेनाध्यक्ष पद पर बैठा दिया।  इसको लेकर वहां चर्चा का बाजार गर्म है। 57 साल के राहील को चुने जाने के पीछे बातों बातों में दो चीजें गिनाई जा रही हैं-पहली, वह लाहौर से हैं और नवाज और उनके भाई पंजाब के मुख्यमंत्री शाहबाज से  उनकी अच्छी बातचीत  है, नजदीकी हैं। दूसरी, वह इंफेंट्री से हैं, कमांडो नहीं हैं। यानी उन पूर्व सेनाघ्यक्ष जनरल परवेज मुशर्रफ सरीखे लड़ाके नहीं हैं, सो परवेज से पहले हुआ नवाज की कुर्सी को खतरा फिर सामने न आए शायद इसका बंदोबस्त करने की गरज से ऐसा किया गया है। ले. जनरल राहील के बड़े भाई शब्बीर शरीफ ह्ण71 की लड़ाई में मारे गए थे। माना जाता है कियानी के सेवा मुक्त होने के बाद कमान संभालने वाले राहील कियानी की तरह ज्यादा फूं-फां करने वाले इंसान नहीं हैं। बहरहाल, राहील से ऊपर वाले दो अफसरों का क्या हुआ? एक ले. जनरल हारून असलम को छुट्टी देकर घर बैठा दिया गया, तो दूसरे ले. जनरल रशद महमूद को ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी का दिखावटी पद दे दिया।
फौजी जनरल के अलावा पाकिस्तान के नए मुख्य न्यायाधीश का नाम भी घोषित किया गया है। अपने फैसलों से सत्तासीनों की नाम में दम करने वाले बहुचर्चित मुख्य न्यायाधीश इफ्तिखार मोहम्मद चौधरी 11 दिसम्बर को सेवामुक्त हो जाएंगे, उनके बाद तसद्दुक हुसैन जिलानी उनकी जगह लेंगे।
इफ्तिखार ने की हिन्दू मित्र के परिवार की हत्या
लांस एंजेल्स के रहने वाले इफ्तिखार मुर्तजा आखिरकार अपनी हिन्दू महिला मित्र के परिवार की हत्या करने का दोषी करार दे दिया गया। 24 नवम्बर को 12 सदस्यों वाली न्यासपीठ ने मुर्तजा को शायोना धनक के माता-पिता और बहन की हत्या का दोषी पाया। बताते हैं, बंगलादेश के मुर्तजा ने हिन्दू शायोना से दोस्ती बढ़ाई और दोनों की नजदीकियां बढ़ती गईं। शायोना के माता-पिता को जब इसकी भनक लगी तो उन्होंने बंगलादेशी मुस्लिम मुर्तजा के साथ शायोना के घूमने-फिरने पर आपत्ति जताई। मुर्तजा को यह बात पता चली तो उसने एक पेशेवर हत्यारे से मिलकर धनक के पूजा-पाठ करने वाले हिन्दू परिवार को रास्ते से हटा देने का षड्यंत्र रचा। धनक के परिवार का घर एक दिन धू-धूकर जल उठा, उसकी मां लीला पड़ोसी के बगीचे में चाकू के बार से खूनोंखून पड़ी थी। अगले दिन पिता जय और 20 साल की बहन करिश्मा के खून सने शव जली हालत में इलाके के एक पार्क में पड़े मिले। मुर्तजा से पूछताछ हुई और एक दिन उसे हवाई अड्डे से बंगलादेश के टिकट और 11 हजार डालर नकद के साथ धर लिया गया। भारत में जिस तरह का ह्यलव जिहादह्ण चलाया जा रहा है, उसके तार कहां तक फैले हैं, इस खबर से उसका हल्का सा आभास हो जाता है।
आलोक गोस्वामी

 

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