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छत्तीसगढ़ विधान सभा की कुल 90 सीटों के लिए दो चरणों में मतदान होंगे। पहले चरण में 11 नवम्बर को 18 सीटों पर और दूसरे चरण में 19 नवम्बर को 72 सीटों के लिए चुनाव होंगे। नक्सल प्रभावित इस राज्य में मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ भाजपा और कांग्रेस के बीच ही है। इन दोनों बड़े दलों ने टिकट वितरण का काम पूरा कर लिया है। टिकट बंटने के बाद खासकर कांग्रेस में बवाल मचा हुआ है। विक्षुब्ध नेता अपने-अपने समर्थकों के साथ धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं।
छत्तीसगढ़ में पिछले 10 साल से सत्ता से बाहर कांग्रेस को इस बार चुनाव जीतने की इतनी हड़बड़ी है कि वह टिकट वितरण में ही युवराज की हिदायत को भी भूल गई। युवराज, जो खुद वंशवाद की राजनीति की उपज हैं, ने कहा था कि किसी भी नेता के नाते-रिश्तेदारों को टिकट नहीं दिया जाएगा। लेकिन पूर्व मुख्यमत्री अजीत जोगी के पुत्र अमित जोगी और पत्नी रेनू जोगी तथा मोतीलाल वोरा के पुत्र अरुण वोरा को कांग्रेस ने टिकट दिया है। इस कारण कांग्रेस में भाजपा से अधिक बगावती तेवर वाले नेता सामने आ
रहे हैं।
छत्तीसगढ़ में पिछले 10 साल से भाजपा की सरकार है। मुख्यमंत्री रमन सिंह के नेतृत्व में इस सरकार ने कई ऐसे काम किए हैं जिसका लाभ निश्चित रूप से भाजपा को मिलेगा। रमन सिंह सरकार की सबसे बड़ी और सफल योजना है अन्नपूर्णा योजना। इस योजना के अन्तर्गत वहां के गरीब लोगों को 1 रु किलो चावल और 1 रु किलो गेहूं मिलता है। ऐसी योजना शुरू करने वाला छत्तीसगढ़ भारत का पहला राज्य है। यह योजना इतनी लोकप्रिय है कि वहां के लोग मुख्यमंत्री रमन सिंह को खूब आशीष देते हैं। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि इसी योजना के कारण पिछली बार भाजपा ने वहां लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की थी।
रमन सरकार ने 2012 में छत्तीसगढ़ खाद्य सुरक्षा अधिनियम पारित किया है। इसके तहत अन्त्योदय योजना में आने वाले लोगों को महीने में 1 रु की दर से 35 किलो खाद्यान्न, 5 रु. किलो चना,1 रु. किलो दाल और आयोडीन नमक मुफ्त में मिलता है, जबकि बाकी लोगों को हर महीने 35 किलो अनाज, 2 रु. की दर से,चना 5 रु. किलो,दाल 10 रु. किलो और आयोडीन नमक नि:शुल्क मिलता है। जबकि सामान्य लोगों को महीने में 15 किलो अनाज मिलता है। इसमें चावल और गेहूं दोनों शामिल हैं। चावल की दर साढ़े नौ रु. और गेहूं की दर साढ़े सात रु. प्रति किलो है। इन कल्याणकारी योजनाओं के भरोसे भाजपा को इस बार भी जीत का भरोसा है। ल्ल पाञ्चजन्य ब्यूरो
2008 की दलगत स्थिति
भाजपा – 50
कांग्रेस – 38
बसपा – 02
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