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टीवी चैनल के साक्षात्कार में सामने आई मुख्यमंत्री की घबराहट
15वर्षों से सत्ता में बैठी कांग्रेस सरकार को लेकर जनता में बेहद रोष है। महंगाई और भ्रष्टाचार छिपाने के आरोपों से घिरी सरकार को मतदाता आने वाले चुनाव में सबक सिखाने का मन बना चुके हैं। मुकाबले से पहले ही एक टीवी चैनल से साक्षात्कार में स्वयं मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ह्यनर्वसह्ण होने की बात स्वीकार चुकी हैं। सत्ता में पुन: वापसी करने का दावा करने वाली सरकार अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी से ही घबराई हुई है। वैसे भी दिल्ली मंे सरकारी योजनाओं पर गौर किया जाए तो राष्ट्रमंडल खेलों के नाम पर ही सरकार करोड़ों रुपये की राशि पानी में बहा चुकी है। मुख्यमंत्री शीला दीक्षित तक पर आर्थिक लाभ पाने के आरोप लग चुके हैं। पिछले दिनों दिल्ली के गांवों का लालडोरा बढ़ाने और कच्ची कॉलोनियों को पक्का करने का सपना दिखाने का वायदा करने वाली सरकार के कोरे आश्वासनों से जनता खुद को ठगा महसूस कर रही है। शीला सरकार के तहत सरकारी स्कूलों में बच्चे चिलचिलाती धूप और कड़कती ठंड मंे दरी पर बैठने को विवश हैं।
हाल ही में चुनाव को लेकर हुए ताजा सर्वेक्षणों में दिल्ली में कांग्रेस पार्टी के सत्ता से बाहर होने की पूरी संभावनाएं जताई गई हैं। इस बार भाजपा पूरे जोर-शोर के साथ सत्ता प्राप्त कर सकती है। दिल्ली की जनता भी बदलाव चाहती है। वहीं ह्यआपह्ण और बसपा भी कांगे्रस को भारी नुकसान पहुंचाने की ओर हैं। हालांकि कांग्रेस दिल्ली मंे चौथी बार जीतकर आने का दावा कर रही है, लेकिन दावे किस हद तक सही साबित होंगे ये आने वाले दिनों में ही पता लगेगा। कांगे्रस भाजपा में कार्यकर्ताओं के असंतुष्ट होने की बात कहकर अपना मन बहला रही है, लेकिन भाजपा के पाले में कार्यकर्ता और वरिष्ठ नेताओं में बढ़ते समन्वय से कांग्रेस के लिए मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं।
ल्ल पाञ्चजन्य ब्यूरो
भाजपा ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन का नाम भावी मुख्यमंत्री के तौर पर साफ कर दिया है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राजनाथ सिंह ने 23 अक्तूबर को प्रदेश अध्यक्ष विजय गोयल की उपस्थिति में यह घोषणा की। इसके बाद से प्रदेश कार्यालय से लेकर तमाम कार्यकर्ताओं में खुशी का माहौल है। पार्टी डा. हर्षवर्धन से काफी आशान्वित है। उन्होंने मुख्यमंत्री पद के दावेदार के रूप में नाम तय होने के बाद वरिष्ठ नेता विजय गोयल से मतभेद की बात पर मीडिया को स्पष्ट कर दिया कि उनसे उनके पारिवारिक संबंध हैं और संसदीय बोर्ड की बैठक में श्री गोयल भी मौजूद थे। डा. हर्षवर्धन भाजपा सरकार में स्वास्थ्य मंत्री के साथ-साथ शिक्षा मंत्री और कानून मंत्री भी रह चुके हैं। स्वास्थ्य मंत्री के पद पर रहते हुए दिल्ली और फिर पूरे भारत में पल्स पोलियो अभियान का श्रेय भी उन्हीं को जाता है। ल्ल पाञ्चजन्य ब्यूरो
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