आगरा की पैदाइश हैं ममनून
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आगरा की पैदाइश हैं ममनून
विना ज्यादा खींचतान और विरोध के ममनून हुसैन पाकिस्तान के 12वें राष्ट्रपति चुन लिए गए। ममनून आगरा (भारत) में नाई की मंडी में खोजा की हवेली में पैदा हुए थे। कभी वहां उनके पुरखे रहा करते थे। बंटवारे के वक्त परिवार आगरा से पाकिस्तान जा बसा था।
वैसे पाकिस्तान की फितरत के मुताबिक ही यह चुनाव भी विवादों से अलग नहीं रह पाया। 6 अगस्त की बजाय 30 जुलाई को ही यह चुनाव करा लिया गया लिहाजा गुस्से में आकर पीपीपी ने अपने नेता रजा रब्बानी को चुनाव से बाहर कर लिया। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के ममनून को तहरीके इंसाफ पार्टी के उम्मीदवार वजीहुद्दीन अहमद से रस्मी टक्कर मिली, पर पलड़ा शुरू से एक तरफ झुका था सो ऊंट नवाज के पाले में बैठ गया। ममनून 9 सितम्बर को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे और तब तक बिलावल के अब्बा आसिफ अली कुर्सी पर जमे रहेंगे। सनद के लिए बता दें, ममनून सूबाए सिंध के गवर्नर रह चुके हैं, प्रधानमंत्री नवाज के खासमखास हैं।
पोप का नया शिगूफा
समलैंगिकोंपरबेबाकविचारोंसेचर्चमेंचलीचर्चा
पाप फ्रांसिस को अभी चार महीने ही हुए हैं पोप का पद संभाले, लेकिन इस छोटी सी अवधि में उन्होंने कई एक ऐसे वक्तव्य दिए या काम किए हैं जिनसे वे चर्चा में बने रहे हैं। अभी हाल में वेटिकन के बाहर अपनी पहली विदेश यात्रा में वे विश्व युवा दिवस के मौके पर ब्राजील गए थे। वहां भी 76 साल के पहले गैर यूरोपीय पोप ने जिस तरह से अपने सुरक्षा घेरे से बाहर आकर आम आदमियों में जा पहंुचने की जो उतावली दिखाई उसे लेकर खूब बातें बनाई गईं। इतना ही नहीं, लौटती हवाई उड़ान के दौरान वे 80 मिनट तक हवाई जहाज में पत्रकारों के सवालों के जवाब देते रहे। उन्हें शायद नहीं मालूम था कि उनकी इतनी 'लंबी' पत्रकार वार्ता भी चर्चा का विषय बनेगी और उसमें दिया एक जवाब दुनियाभर में सुर्खियों में छा जाएगा, बिशप और पादरी उसके गूढ़ार्थों की खोज में माथापच्ची करते नजर आएंगे। पत्रकारों ने उनसे समलैंगिकता, महिला पादरियों, सांसत में फंसे वेटिकन बैंक और पोप के रूप में उनकी खास शैली पर सवाल किए। लेकिन समलैंगिकता पर पोप का यह कहना सुर्खियों से होते हुए विवाद का विषय बन गया कि -'मैं पादरियों को उनके यौन झुकावों के आधार पर नहीं आंकूंगा, भले ही समलैंगिकता चर्च की शिक्षा के खिलाफ हो। अगर कोई समलैंगिक है और वह ईश्वर की खोज में है, उसकी एक साख है तो भला मैं कौन होता हूं उसको आंकने वाला।' पोप इतने पर ही नहीं रुके। उन्होंने आगे कहा, 'हमें ऐसे लोगों को हाशिए पर नहीं धकेलना चाहिए, उन्हें समाज में मिलाना चाहिए।'
समलैंगिता को लेकर यूं भी अमरीका और यूरोप में बहस जारी है। नित नए बनते कानूनों के खुलासे में उलझीं अदालतों ने कई ऐसे फैसले दिए हैं जिन पर भारी आपत्तियां दर्ज कराई गई हैं। पोप के बयान पर दुनियाभर के अखबारों ने बहस चलाई, जिसका ज्यादातर निचोड़ यह ही रहा कि पोप ने बर्र के छत्ते में हाथ क्यों दिया?
300 जिहादी ले उड़े पाकिस्तानी जेल से
एकमहीनेसेचलरहीथीएककरोड़केबजटेवाले 'मर्गे–निजात' जिहादीऑपरेशनकीतैयारी
21 जुलाई को हथियारबंद तालिबानी पिछले हफ्ते के काबुल जेल पर हमले की तर्ज पर पाकिस्तान की डेरा इस्माइल खान जेल पर धावा बोलकर अपने करीब 300 जिहादियों को ले उड़े। खैबर पख्तूनख्वाह सूबे के शहर डेरा इस्माइल खान की जेल पर पुलिस की वर्दी पहने मोर्टार से लैस करीब 150 तालिबानियों ने हमला बोला था। उनमें से 60 तो फिदायीन थे। जेल में करीब 5000 कैदी थे जिनमें से सुरक्षा बलों पर हमले करने वाले और नस्लीय हिंसा में पकड़े गए 300 आतंकवादी कैद थे। बाहरी दीवार को बम से उड़ाकर जिहादी जेल में दाखिल हुए थे। उसके बाद पहरेदारों पर हथगोले फेंके गए। जेल पर राकेट भी दागे गए थे। तीन घंटे से ज्यादा चली गोलीबारी में 7 पुलिस वाले मारे गए जबकि 7 अन्य घायल हुए। हैरानी की बात यह है कि जेल पर हमला पाकिस्तान के नए राष्ट्रपति के लिए होने वाले चुनाव से कुछ ही घंटे पहले हुआ। अपने बढ़ते हौसलों का संकेत देते हुए तालिबानी नेताओं ने जेल पर हमले की जिम्मेदारी लेने में देर नहीं लगाई। एक बड़े वाले तालिबानी कमांडर अदनान रशीद ने कहा कि 'मर्गे-निजात' नाम के इस ऑपरेशन की एक महीन से तैयारी चल रही थी और इस पर एक करोड़ रु. खर्च किए गए थे। आलोक गोस्वामी
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